धर्मांतरण की आग में झुलस रहा बस्तर! शव दफनाने को लेकर फिर हुआ विवाद, जानें पूरा मामला
Bastar Conversion: जगदलपुर में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. मृतक के परिवारवालों ने कुछ साल पहले ईसाई धर्म अपना लिया था. इसलिए अब उन्हें गांव के मरघट में शव दफनाने नहीं दिया जा रहा था.
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बस्तर (Bastar) में शव दफन को लेकर लगातार बढ़ रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. कुछ दिन पहले ही बस्तर जिले के छिंदबहार गांव में शव दफन को लेकर जमकर बवाल मचा था. इसके बाद हाई कोर्ट के फैसले के बाद आखिरकार धर्मांतरित परिवार के शव को निजी जमीन में दफनाया गया. वहीं बुधवार को जिले के धुरगुड़ा गांव में धर्मांतरित परिवार में फिर एक मौत होने से गांव के मरघट में शव दफनाने ले जा रहे धर्मांतरित परिवार और मूलधर्म के आदिवासियों में जमकर बवाल मचा.
दरअसल जैसे ही धर्मांतरित परिवार शव को लेकर कब्रिस्तान की ओर निकले तुरंत मूलधर्म के आदिवासी और हिंदू संगठन के लोगों ने शव को रास्ते में ही रोक लिया और इस दौरान जमकर बवाल मचा. हालांकि, सूचना मिलने पर तुरंत नगरनार और कोतवाली पुलिस की टीम के साथ जिला प्रशासन की टीम भी मौके पर पहुंची. इस दौरान प्रशासन की टीम ने दोनों ही पक्ष को समझाने की कोशिश की, लेकिन मूलधर्म के आदिवासी कब्रिस्तान में शव दफन को लेकर नहीं माने, जिसके बाद परिवारवालों ने कॉफिन बॉक्स में शव को भी सड़क पर ही रख दिया. तीन घंटे तक सड़क मार्ग में शव रखने के बाद आखिरकार धर्मांतरित परिवारवापस अपने मूल धर्म में लौटा और उसके बाद कब्रिस्तान में शव को दफनाने दिया गया.
दो पक्षों में हुआ विवाद
जगदलपुर शहर से लगे धुरगुड़ा गांव में रहने वाले एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. मृतक के परिवारवालों ने कुछ साल पहले ईसाई धर्म अपना लिया था. बुधवार को मृतक को ईसाई धर्म के रीति रिवाज से शव दफन के लिए गांव के कब्रिस्तान में ले जाया जा रहा था. इसके बाद जैसे ही परिवार और ईसाई धर्म के कुछ लोग शव को लेकर कब्रिस्तान की ओर बढ़े, तभी मूलधर्म के आदिवासियों और ईसाई धर्म अपनाने वाले परिवार के लोगों के बीच विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई. स्थानीय ग्रामीणों ने शव को गांव के कब्रिस्तान में दफनाने से साफ मना कर दिया. कई घंटे तक स्थानीय ग्रामीण और धर्मांतरित परिवार और ईसाई धर्म के कुछ लोगों के बीच विवाद होता रहा.
कोतवाली थाना प्रभारी सुरेश जांगड़े ने बताया कि सूचना मिलने के बाद तुरंत पुलिस की टीम पहुंची और मौके पर बड़ी संख्या में सुरक्षा बल को लगाया गया. घंटों समझाइश देने के बाद भी शव को कब्रिस्तान में दफनाने के लिए स्थानीय ग्रामीण नहीं माने. इसके बाद जिला प्रशासन की टीम भी मौके पर पहुंची. जगदलपुर के एसडीएम ने दोनों पक्षों से काफी देर तक बातचीत की, लेकिन स्थानीय ग्रामीणों ने शव को किसी भी कीमत पर कब्रिस्तान में दफनाने से मना कर दिया.
इसके बाद नाराज धर्मांतरित परिवार के लोगों ने शव को सड़क पर छोड़ दिया. काफी देर तक शव सड़क पर रहने के बाद आखिरकार धर्मांतरित परिवारों ने अपने मूल धर्म में वापस लौटने का फैसला लिया. इसके बाद ही कब्रिस्तान में शव को दफन किया गया. इधर जगदलपुर एसडीएम का कहना है कि फिलहाल माहौल शांत हो चुका है और किसी तरह विवाद की स्थिति नहीं है.
लगातार शव दफनाने को लेकर हो रहा विवाद
गौरतलब है कि बस्तर में लगातार धर्मांतरण के मामले बढ़ते ही जा रहे है. वहीं धर्मांतरण करने के बाद उस परिवार में हो रही मौत के बाद शव को दफनाने को लेकर विवाद भी बढ़ गया है. बीते मंगलवार को ही छत्तीसगढ़ आदिवासी समाज ने गांव के कब्रिस्तान के साथ-साथ निजी जमीन पर भी धर्मांतरित परिवार के घर में किसी की मौत होने पर उसके शव को दफनाने से साफ मना कर दिया है. ऐसे में लगातार बस्तर में स्थिति बिगड़ती ही जा रही है और प्रशासन इस समस्या के समाधान के लिए किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच पा रही है.