छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में धर्मांतरण का मुद्दा गरमाया हुआ है. धर्मांतरण बंद करने के लिए जहां एक तरफ बीजेपी लगातार बस्तर में आंदोलन कर रही है और कांग्रेस सरकार द्वारा धर्मांतरण को बढ़ावा देने का आरोप लगा रही है, तो वहीं दूसरी तरफ पिछले कुछ महीनों से लगातार बस्तर में आदिवासियों के दो समुदाय के बीच धर्मांतरण को लेकर घमासान मचा हुआ है और दोनों तरफ से हिंसा भी बढ़ती जा रही है.
वहीं धर्मांतरण के मुद्दे को लेकर उपजे विवाद से सियासी हलचल भी तेज हो गयी है और आने वाले विधानसभा चुनाव के लिए बस्तर के 12 सीटों में धर्मांतरण सबसे बड़ा मुद्दा बन सकता है.
यही वजह है कि इसमें अभी से ही राजनीति शुरू हो गई है. बीजेपी कांग्रेस के साथ ही छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस भी धर्मांतरण के मुद्दे को लेकर अपने बयान जारी कर रही है. संभाग के सभी जिलों में आय दिन बीजेपी और कांग्रेस के नेता धर्मांतरण को लेकर बयानबाजी कर एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं, तो वहीं आदिवासी समाज के कुछ पदाधिकारी भी धर्मांतरण को लेकर धरना प्रदर्शन और नगर बंद करवा रहे हैं, कुल मिलाकर बस्तर में नक्सलवाद और आरक्षण से बड़ा मुद्दा धर्मांतरण बन गया है और इस धर्मांतरण के मुद्दे को लेकर बीजेपी और कांग्रेस यहां के आदिवासियों को अपने अपने वोट बैंक बनाने में जुट गई है.
कांग्रेस सरकार धर्मांतरण को दे रही बढ़ावा
बस्तर में धर्मांतरण के मुद्दे को लेकर पिछले कई सालों से बीजेपी और कांग्रेस इसके लिए एक दूसरे पर आरोप मढ़ रहे हैं एक तरफ जहां बीजेपी बढ़ते धर्मांतरण को लेकर कांग्रेस सरकार पर इसका ठीकरा फोड़ रही है तो दूसरी तरफ कांग्रेस इसे बीजेपी का बोया हुआ बीज बता रही है, लेकिन जिस तरह से हाल ही में नारायणपुर में दो समुदाय के बीच धर्मांतरण को लेकर उपजे विवाद के बाद जो हालात देखने को मिले हैं और पुलिस के साथ-साथ दोनों समुदाय के लोग दंगा फसाद में घायल हुए हैं, इसके बाद से छत्तीसगढ़ में यह मुद्दा ज्यादा गरमा गया है और सियासी संग्राम भी बढ़ गया है.
नारायणपुर विधानसभा के पूर्व विधायक और प्रदेश प्रवक्ता केदार कश्यप का कहना है कि राज्य सरकार की ढिलाई की वजह से ही बस्तर में आदिवासियों का ईसाई समुदाय में धर्मांतरण हो रहा है अगर सही समय पर कांग्रेस सरकार कदम उठाती तो जिस तरह से पिछले 4 सालों में धर्मांतरण के लोगों का ग्राफ तेजी से बढ़ा है उसे रोका जा सकता था.
बीजेपी हमेशा से ही आदिवासियों के हितेषी रही है और आदिवासी परंपरा रीति रिवाज और उनके कल्चर को बढ़ावा दे रही है लेकिन कांग्रेस धर्मांतरण के आड़ में आदिवासियों को आदिवासियों से ही लड़ा रही है, ऐसे में बीजेपी पूरी कोशिश कर रही है कि जो भी आदिवासी धर्मांतरण किए हैं उन्हें मूल धर्म में वापसी कराया जाए और आदिवासियों के सैकड़ों साल पुरानी परंपरा को जीवित रखा जाए ,उन्होंने कहा कि बस्तर के आदिवासी हमेशा से ही बीजेपी का साथ देते आ रहे हैं हालांकि कांग्रेस सरकार को 5 साल के लिए जरूर मौका दिया लेकिन इन 5 सालों में कांग्रेस ने सिर्फ आदिवासियों को आदिवासियों के बीच धर्मांतरण के नाम पर लड़ाने की कोशिश की है, और धर्मांतरण को बढ़ावा दिया है.
बस्तर सांसद दीपक बैज ने लगाए ये आरोप
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और बस्तर सांसद दीपक बैज का कहना है कि बस्तर में बीते 15 सालो में सबसे ज्यादा धर्मांतरण बीजेपी शासनकाल में हुआ है, सुकमा से लेकर पूरे 7 जिलों में बड़ी संख्या में लोगों ने अपना धर्म परिवर्तन किया है, बीजेपी के नेताओ ने इसे रोकने के लिए कोई प्रयास नहीं किया और ना ही आदिवासियों के हित में कोई काम किया, जिस तरह से अब बस्तर में धर्मांतरण को लेकर दंगा फसाद हो रहा है तो उसका आरोप कांग्रेस पर लगाया जा रहा है यह आरोप बेबुनियाद है, जबकि धर्मांतरण बीजेपी का ही बोया हुआ बीज है.
उन्होंने कहा कि बस्तर के आदिवासी परंपरा और रीति रिवाज को हमेशा कायम रखने के लिए सरकार हर गांव में देव गुड़ियों का जीर्णोद्धार कर रही है और एक एक देवीगुड़ी पर 10- 10 लाख रुपए खर्च कर रही है ,जिससे आदिवासी अपनी परंपरा को और बेहतर तरीके से निभाते रहे, साथ ही गांव में होने वाले तीज त्योहारों को बढ़ावा मिले इसके लिए भी कांग्रेस के विधायक और सांसद हर कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं.
उन्होंने कहा कि बीजेपी मुद्दा विहीन हो गई है और उनके पास कोई मुद्दा नहीं बचा है, ऐसे में धर्मांतरण के मुद्दे को लेकर बस्तर और छत्तीसगढ़ के शांत माहौल को अशांत करने में जुटे हुए हैं, दीपक बैज ने आरोप लगाया कि बीजेपी नक्सलियों से ज्यादा खतरनाक हो गई है और उनके लोग ही बस्तर में दंगे फसाद कर रहे हैं,जहां तक आदिवासियों के हितों की बात है तो कांग्रेस सरकार ने 4 सालों में जो आदिवासियों के लिए किया ,वह बीजेपी 15 सालों के सरकार में नहीं कर पाई, ऐसे में आने वाले चुनाव में बस्तर के आदिवासी जरूर कांग्रेस का साथ देंगे.
धर्मांतरण को लेकर वोट बैंक बनाने में जुटे बीजेपी -कांग्रेस
इधर बस्तर के वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिकार मनीष गुप्ता का कहना है कि धर्मांतरण के मुद्दे को लेकर इस नए साल में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही एक दूसरे पर काफी आक्रामक नजर आ रहे हैं, एक तरफ जहां बीजेपी इतने सालों बाद धर्मांतरण को रोकने के लिए सड़क पर उतर रही है और नारायणपुर में जिस तरह से घटनाक्रम हुआ है उसको लेकर बीजेपी धरना प्रदर्शन के साथ सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है.
वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस सरकार पिछले 4 सालों में धर्मांतरण रोकने को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठा पाई है,और जहां तक आदिवासियों की वोट बैंक की बात है वह इन दोनों पार्टी को ही मिल सकता है, हालांकि किसे आदिवासियों के ज्यादा वोट मिलेंगे और किसे कम, यह तो आने वाले दिनों में होने चुनाव के नतीजे ही बता सकते हैं. फिलहाल यह देखा जा रहा है कि बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टी के नेता धर्मांतरण के मुद्दे को लेकर अपनी अपनी वोट बैंक बना रहे है और इस मुद्दे को राजनीति रूप दे रहे हैं.
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