Bastar News: छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण को लेकर विरोध, लोगों ने किया बंद का आह्वान, खाली दिखी सड़कें
Bastar News: बस्तर संभाग में धर्मांतरण को लेकर लोगों का विरोध देखा जा रहा है. धर्मांतरण कराए जाने के विरोध में छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज ने गुरुवार को बंद का आह्वान किया है.
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में धर्मांतरण के विरोध में छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज द्वारा किए गए महा बंद का असर संभाग के सभी सातों जिलों में देखने को मिल रहा है. बस्तर चेंबर ऑफ कॉमर्स का इस बंद को समर्थन मिलने से सुबह से ही सारे व्यापारिक प्रतिष्ठाने बंद दिखाई दे रहे हैं. सिर्फ इमरजेंसी सेवा को छोड़कर बाकी सभी व्यापारियों ने अपनी-अपनी दुकानें बंद करके रखी है. दरअसल नारायणपुर में मूल धर्म के आदिवासियों के साथ विशेष समुदाय के लोगों द्वारा बीते 1 जनवरी को मारपीट करने और अंदरूनी गावों में लगातार धर्मांतरण कराए जाने के विरोध में छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज ने गुरुवार को बंद काआह्वान किया है. इस बंद का व्यापक असर पूरे बस्तर संभाग में देखने को मिल रहा है.
मिशनरी के लोगों को गिरफ्तार करने की मांग
छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के बस्तर संभाग प्रभारी राजाराम तोड़ेम ने कहा कि बाहर से आए मिशनरी लोग लगातार बस्तर के अंदरूनी गांव में भोले-भाले आदिवासियों को प्रलोभन देकर और पैसों का लालच देकर धर्म परिवर्तन करवा रहे हैं, साथ ही उनके द्वारा हिंदू धर्म के प्रति दुष्प्रचार किया जा रहा है. नारायणपुर में भी विशेष समुदाय के लोगों ने मूल धर्म के आदिवासियों की बुरी तरह से पिटाई की है. इस घटना में कई लोग घायल हुए हैं, लेकिन अब तक पुलिस प्रशासन ने इस पर कार्रवाई नहीं की है. प्रशासन धर्मांतरण कराने वाले लोगों पर भी कोई कार्रवाई नहीं कर रही है, जिसके विरोध में बंद का आह्वान किया गया है.
वहीं सुबह से ही छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के पदाधिकारी पूरे संभाग के सातों जिलों में रैली निकालकर धर्मांतरण के विरोध में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, और नारायणपुर की घटना को लेकर मारपीट करने वाले विशेष समुदाय के लोगों को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं. इस बंद का छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के साथ ही विभिन्न सामाजिक संगठनों ने भी समर्थन किया है. समाज के पदाधिकारियों ने कहा है कि अगर बस्तर में धर्मांतरण बंद नहीं होता है और मिशनरी के लोगों को गिरफ्तार नहीं किया जाता है तो आने वाले समय में उग्र आंदोलन छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के पदाधिकारियों द्वारा किया जाएगा.