Children Vaccination in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में 18 से अधिक उम्र के नागरिकों को कोरोना टीका का प्रथम डोज लगभग पूर्ण होने के करीब पहुंच गया है. लेकिन 15 से 18 साल के किशोरों में वैक्सिनेशन की रफ्तार धीमी पड़ गई है. शुरुआती 10 दिनों में आठ लाख किशोरों को वैक्सिन लगाई गई. उसके अगले 20 दिन में डेढ़ लाख किशोरों को कोरोना का टीका लगा है.
रफ्तार पर लगा ब्रेक
दरअसल स्वास्थ्य विभाग की डेटा के अनुसार तीन जनवरी से राज्य में 15 से 18 साल के किशोरों को वैक्सिन लगना शुरू किया गया था. शुरआती दिनों में टीकाकरण को लेकर काफी अच्छा रुझान देखने को मिला. 10 दिन में ही आठ लाख 14 हजार किशोरों को वैक्सीन लग गई. लेकिन इसके बाद टीकाकरण की रफ्तार में अचानक ब्रेक लग गया है. वैक्सिनेशन की रफ्तार धीमी पड़ती गई. 31 जनवरी की स्थिति में नौ लाख 82 हजार किशोरों को टीका लग पाया यानी की 18 दिनों में केवल एक लाख 68 हजार बच्चों को ही वैक्सीन लगी है.
साइड इफेक्ट के डर
जब एबीपी न्यूज ने इसकी पड़ताल की तो पता चला की बच्चों के अभिभावक वैक्सिनेशन के लिए रुचि नहीं दिखा रहे हैं. कुछ अभिभावकों से बातचीत में जानकारी मिली की उन्होंने अपने बच्चों का टीकाकरण नहीं करवाया है. उनके मन में वैक्सीन को लेकर डर है इसीलिए वैक्सीन नहीं लगवा रहे हैं. पालक संघ अध्यक्ष धीरज दुबे से इसके बारे में बातचित की गई तो उनका कहना था कि अभी भी अभिभावकों के मन डर है. कहीं बच्चों को वैक्सिन का साइड इफैक्ट तो नहीं होगा. दूसरी बात ये है कि स्कूल बंद हैं और टीकाकरण केंद्रों में बड़े लोगों को वैक्सीन लग रहा है तो बच्चों भेज नहीं रहे हैं. तीसरी लहर में बच्चे भी कोरोना संक्रमित पाए जा रहे हैं. धीरज दुबे ने आगे कहा कि हम मानते हैं कि वैक्सिनेशन जरूरी है. लेकिन व्यवस्था व्यापक नहीं की गई है. अगर सभी को वैक्सिन लगाना है तो सरकार को बड़ा निर्णय लेना पड़ेगा. अगर बिना टीका के रोजमर्रा के चीजों को रोका जाए तब वैक्सिन शत-प्रतिशत होगी.
सेकेंड डोज लगना शुरू
इधर, एक महीना बीत जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने किशोरों को दूसरी डोज लगने की तैयारी में शुरू कर दी है. कुछ जगहों में किशोरों को दूसरा डोज लगाया जा रहा है. राज्य के वैक्सिनेशन ऑफिसर वीआर भगत ने बताया कि 60 फीसदी किशोरों को वैक्सिन का प्रथम डोज लग चुका है. मंगलवार से सेकेंड डोज भी लगाना शुरू हो गया है. स्कूल बंद है इसलिए टीकाकरण की रफ्तार धीमी हो गया था. कोरोना के तीसरी लहर में माहौल ठीक नहीं था. परिजन भी रुची नहीं ले रहे थे. अब स्कूल में टीचर बच्चों से संपर्क कर रहे हैं और स्कूल में टीका लगाया जा रहा है. दूसरे डोज के साथ जिनको प्रथम डोज नहीं लगा उनको भी वैक्सिन लगाया जाएगा.
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