Chhattisgarh School Education: छत्तीसगढ़ में कोरोना के बाद शैक्षणिक रिकवरी तेजी से हो रहा है. स्कूल शिक्षा विभाग ने छत्तीसगढ़ की स्थिति को देश में बेहतर होने का दावा किया. साथ ही रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि लॉकडाउन के बावजूद छत्तीसगढ़ में गणित कौशल सीखने का आंकड़ा 10.6 फीसदी रहा है. वहीं राष्ट्रीय स्तर पर यह बढ़ोत्तरी केवल 1.8 फीसदी की है. इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग की तरफ से मंत्री ने एनुवल स्टेट्स ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट (असर)- 2022 जारी किया है.


स्कूल शिक्षा विभाग ने असर रिपोर्ट जारी किया


छत्तीसगढ़ सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग ने दावा किया है कि कोरोना की वजह से कई राज्यों में बच्चों के सीखने के स्तर में काफी नुकसान हुआ था. छत्तीसगढ़ में 2021 की तुलना में 2022 में कोरोना के पहले की स्थिति की ओर वापस आना शुरू कर दिया है. स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने शनिवार को एनुवल स्टेट्स ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट जारी किया है.


उन्होंने बताया है कि छत्तीसगढ़ के 28 जिलों में 1679 गांव के 33 हजार 330 घरों तक पहुंचकर 3 से 16 आयु वर्ग के 64 हजार 131 बच्चों का सर्वेक्षण किया गया. ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों की पूर्व प्राथमिक विद्यालय और विद्यालय में नामांकन की जानकारी जुटाई की गई. 5-16 आयु वर्ग के बच्चों की पढ़ने, गणित और अंग्रेजी के कौशल को समझने के लिए जांच की गई.


लॉकडाउन से बच्चों का लार्निंग लॉस


पहला सर्वे असर छत्तीसगढ़- 2021 अक्टूबर-नवंबर में आयोजित किया गया था. जब कोरोना के कारण कई महीने बंद रहने के बाद स्कूल फिर से खुले ही थे. इस रिपोर्ट में स्कूल बंद होने के कारण हुए लर्निंग लॉस पर महत्वपूर्ण अनुमान दिया गया है. दूसरा सर्वे असर छत्तीसगढ़- 2022 लगभग एक साल की कैंच-अप गतिविधियों के बाद बच्चों की स्कूली शिक्षा और बुनियादी क्षमता की स्थिति को समझने के लिए नवंबर 2022 में किया गया. इसके साक्ष्य यह समझने में मदद कर सकते हैं कि लर्निग रिकवरी अब तक कितनी सफल रही है और आगे बढ़ने के लिए किस तरह की मदद की आवश्यकता होगी. 


असर की रिपोर्ट के आधार पर कोरोना के बाद बच्चों के सीखने के स्तर में हुए सुधार के मामले में छत्तीसगढ़ में कई सूचकांकों में अन्य राज्यों की तुलना में अच्छी प्रगति की है. छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूल में बच्चों के नामांकन के मामले में देश में सातवें स्थान पर हैं. सरकारी स्कूलों में नामांकन का औसत राष्ट्रीय स्तर पर 72.9 फीसदी है, वहीं छत्तीसगढ़ का 81.6 फीसदी है.


प्राइवेट ट्यूशन लेने वाले बच्चों का आंकड़ा


इसके अलावा प्राइवेट स्कूल बच्चों के नामांकन की हिस्सेदारी के मामले में छत्तीसगढ़ देश में पांचवें स्थान पर है. प्राइवेट स्कूल में नामांकन का औसत राष्ट्रीय स्तर 25.1 फीसदी है, वहीं छत्तीसगढ़ का 16.4 फीसदी है. इसका मतलब यह है कि राज्य में बड़ी संख्या में बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं. छत्तीसगढ़ में पालकों द्वारा अपने बच्चों को पैसे देकर प्राइवेट ट्यूशन में भेजने की प्रवृत्ति बहुत कम है और राज्य प्राइवेट ट्यूशन के मामले में दूसरे स्थान पर है. छत्तीसगढ़ में प्राइवेट ट्यूशन में जाने वाले बच्चों का आंकड़ा 5.2 फीसदी है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह आंकड़ा 30.5 फीसदी है.


तीसरी क्लास के बच्चों का नुकसान


2022 की रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ में कक्षा तीसरी में बच्चों के पढ़ने की कौशल के सिखने में नुकसान के मामले में 14वें स्थान पर है. कक्षा 3 के पढ़ने के कौशल में कोरोना लॉकडाउन की वजह से 4.3 फसदी की क्षति हुई, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर 4.6 फीसदी की क्षति हुई है. छत्तीसगढ़ में कक्षा तीसरी के बच्चों के गणितीय कौशल में सीखने के क्षति के मामले में 12वें स्थान पर है. राज्य में कोरोना लॉकडाउन की वजह से कक्षा 3 के गणित कौशल को सीखने में कोई अंतर नहीं दिखाई दिया, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह क्षति 0.7 फीसदी है. 


छत्तीसगढ़ में कक्षा पांचवीं में बच्चों के पढ़ने की कौशल में सीखने की क्षति के मामले में 10वें स्थान पर है. कोरोना लॉकडाउन की वजह से सीखने में 4.4 फीसदी का नुकसान हुई, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह नुकसान 5.7 फीसदी है. छत्तीसगढ़ में कक्षा पांचवीं में बच्चों के गणितीय कौशल में सीखने में नुकसान के मामले में 13वें स्थान पर है. लॉकडाउन की वजह से सीखने में 3.3 फीसदी का नुकसान हुआ, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह नुकसान 4.4 फीसदी है.


6वीं क्लास में बच्चों की पढ़ने की स्किल में 4.1 बढ़ोत्तरी हुई


छत्तीसगढ़ में कक्षा आठवीं में बच्चों के पढ़ने के कौशल सीखने के स्तर में 6वें स्थान पर है. कोरोना लॉकडाउन के बावजूद सीखने में 4.1 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह नुकसान 2.8 फीसदी है. कक्षा आठवीं में बच्चों के गणित कौशल में सीखने के स्तर के मामले में दूसरे स्थान पर है. कोरोना लॉकडाउन के बावजूद भी 10.6 फीसदी सीखने की बढ़ोत्तरी हुई है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह बढ़ोतरी केवल 1.8 फीसदी की है.


असर रिपोर्ट के बाद स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रेमसाय सिंह टेकाम ने अधिकारियों को फॉलोअप एक्शन लेने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने यह भी कहा कि जिस प्रकार छत्तीसगढ़ में ‘अंगना में शिक्षा कार्यक्रम' के माध्यम से माताओं को जोड़ा गया है. राज्य में इस गर्मी के सीजन में यह कार्यक्रम आगे बढ़ाते हुए सीखने-सिखाने की जिम्मेदारी समुदायवार लेते हुए इसके स्तर को और ऊपर उठाने का कार्य किया जाएगा.


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