Chhattisgarh Teacher 3 Years Imprisonment: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बेमेतरा (Bemetara) जिले के शिक्षा विभाग (Education Department) में गुरू घासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर की फर्जी डिग्री के आधार पर व्याख्याता पद प्राप्त करने वाला रविन्द्र कुमार यादव (Ravindra Kumar Yadav) लम्बे समय तक सेवा देता रहा. लेकिन, इस बीच फर्जी प्रमाण पत्र की जानकारी तत्कालीन छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ के अध्यक्ष नारद सिंह ठाकुर (Narad Singh Thakur) को हुई. फर्जीवाड़े की जानकारी प्राप्त होते ही 2011 से शिक्षा विभाग के सभी अधिकारियों को फर्जी प्रमाण पत्र में व्याख्याता पद प्राप्त शिक्षक की जांच कर उचित कार्रवाई के लिए शिकायत पत्र संबंधित विभाग के सचिव संचालनालय लोक शिक्षण रायपुर, जिला शिक्षा अधिकारी बेमेतरा को भेजा गया.
फर्जी मार्कशीट के जरिए पाया था प्रमोशन
लोक शिक्षण संचालनालय छत्तीसगढ़ की तरफ से इस फर्जीवाड़े की जांच के लिए जिला शिक्षा अधिकारी दुर्ग को जांच अधिकारी बनाया गया था. जांच अधिकारी ने दस्तावेजों के आधार पर संबंधित आरोपी व्याख्याता से जवाब-तलब किया. बता दें कि जिस समय रविन्द्र कुमार यादव ने प्रमोशन प्राप्त किया, उस समय भी उसने फर्जी अंकसूची जमा करवाई थी.
जांच में पाई गई फर्जी डिग्री
मार्कशीट को सीएमडी महाविद्यालय बिलासपुर का बताया गया था, जबकि उन वर्षों में बताए गए मार्कशीट का सीरिज गुरू घासीदास विश्वविद्यालय द्वारा उस महाविद्यालय को जारी ही नहीं किया गया था. उसके बाद आरोपी रविन्द्र यादव ने जांच अधिकारी को पहले अंकसूची में त्रुटि होने की बात कहकर 2 नए प्रमाण पत्र सुधार कर 2 प्रमाण पत्र जांच अधिकारी के सामने जमा किए. जांच अधिकारी ने रविन्द्र यादव की तरफ से जमा किए गई अंकसूचियों को गुरू घासीदास विश्वविद्यालय को सत्यापन के लिए भेजा. इस जांच में विश्वद्यालय ने कहा कि ये फर्जी अंकसूची है.
कोर्ट ने सुनाया फैसला
इसके बाद जांच अधिकारी ने पुलिस अधीक्षक बेमेतरा को एफआईआर दर्ज करने के लिए पत्र भेजा. इसके बाद पुलिस ने जांच में पाया कि आरोपीने धोखाधड़ी की है जिसके बाद उसके खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया गया और उसे गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश किया गया. उसके बाद कोर्ट ने आरोपी शिक्षक रविन्द्र कुमार यादव को 3 साल की सजा सुनाई है और साथ ही 2000 का अर्थदंड भी लगाया है.
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