Bijapur: नक्सलियों के खिलाफ तैनात जवान ने की खुदकुशी, CRPF कैम्प में सुसाइड का तीसरा मामला
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ अभियान में शामिल जवानों की खुदकुशी का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. ऐसे में उन्हें तनाव मुक्त रखने के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं.
Bijapur News: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले (Bijapur) में सीआरपीएफ (CRPF) के कोबरा बटालियन के इंस्पेक्टर ने अपनी सर्विस राइफल से खुद को गोली मारकर आत्महत्या (Suicide) कर ली. इंस्पेक्टर का नाम शफ़ी अख्तर बताया जा रहा है जो सीआरपीएफhh कोबरा के 210 बटालियन बासागुड़ा कैम्प में पदस्थ थे और साउथ वेस्ट दिल्ली के रहने वाले थे. उन्होंने सुसाइड क्यों किया, इसका पता अब तक नहीं लग पाया है. फिलहाल शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. इधर नक्सल प्रभावित जिलो में तैनात जवानों के लगातार सुसाइड करने के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं.
बस्तर के आईजी सुंदरराज पी से मिली जानकारी के मुताबिक बीजापुर जिले के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र बासागुड़ा में मौजूद 210 कोबरा बटालियन कैम्प में पदस्थ इंस्पेक्टर ने अपने सर्विस राइफल से खुद को गोली मार ली, शुक्रवार को सुबह इंस्पेक्टर शफी अख्तर मुख्यालय आसाम जाने के लिए बीजापुर आए हुए थे और यहीं पर सुबह उन्होंने अपनी सर्विस राइफल से खुद को गोली मार ली, अधिकारियों ने बताया कि शफ़ी अख्तर ने अपने सर्विस रायफल को अपने सीने पर टिकाया और फायर कर दिया ,जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई. शफी अख्तर ने जिस वक्त गोली चलाई उस वक्त आसपास कोई भी मौजूद नहीं था ,जैसे ही गोली की आवाज सुनाई दी सभी लोग उनके पास पहुंचे और घायल अवस्था में उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया लकिन इससे पहले ही उनकी मौत हो गई थी.
मानसिक रूप से परेशान थे शफी अख्तर
बताया जा रहा है कि शफी अख्तर पिछले दो-तीन दिन से मानसिक रूप से काफी परेशान चल रहे थे. ऐसे में प्रारंभिक जांच में व्यक्तिगत कारण से आत्महत्या करने की बात सामने आ रही है. फिलहाल पूरे मामले की जांच की जा रही है, बताया जा रहा है कि शफी अख्तर पिछले 2 सालों से बासागुड़ा कैम्प में पदस्थ थे , और हंसमुख मिजाज के थे. इस साल बस्तर संभाग के अलग अलग कैम्प में पदस्थ जवानों के सुसाइड करने का यह तीसरा मामला सामने आया है.
तनाव मुक्त करने चलाया जा रहा है स्पंदन कार्यक्रम
इधर जवानों के लगातार आत्महत्या करने की वजह से बस्तर पुलिस के द्वारा स्पंदन कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है, जिससे जवानों को तनाव मुक्त रख सकें. इस कार्यक्रम से जवानों के आत्महत्या करने के मामले में थोड़ी बहुत कमी आई है, लेकिन यह कार्यक्रम पूरी तरह से सफल होता दिखाई नहीं दे रहा है.
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