Jashpur News: छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में शार्टकट में अमीर बनने का लालच युवक को काफी महंगा पड़ गया. युवक शार्टकट का रास्ता अपनाकर खुद के पास रखे 17 लाख रुपये से भी हाथ धो बैठा. ठगी का अंदेशा होने के बाद अब युवक थाने में एफआईआर दर्ज कराकर इंसाफ की मांग कर रहा है. इसके उलट यहां के थाने में साइबर क्राइम रोकने के पर्याप्त संसाधन मौजूद नहीं हैं. लगभग एक साल पहले भी शहर के दो युवक साइबर ठगी का शिकार हुए थे, उस दौरान थाने में उनकी शिकायत तक दर्ज नहीं की गयी. अंत में थक हारकर युवकों ने आजमगढ़ साइबर क्राईम ब्रांच की मदद से आरोपियों को उनके सही ठिकानों तक पहुंचाया.
उस दौरान थाने में पदस्थ थाना प्रभारी ने इस मामले को सुलझाने में स्वयं के पास संसाधन न होने की बात कहकर युवकों को लगभग छह माह तक घुमाते रहे. इसी तरह का एक और मामला दो दिन पहले यहां के थाने में दर्ज हुआ है. जिसमें युवक साइबर ठगी का शिकार होकर अपने 17 लाख रुपये गंवाने की रिपोर्ट पत्थलगांव थाने में दर्ज करायी है. जानकारी के अनुसार पत्थलगांव थाना इलाके के हिरवांपारा का रहने वाला युवक साइबर ठगी का शिकार हुआ है. हिरवांपारा निवासी पीड़ित पेशे से डॉक्टरी का काम करता है. पीड़ित ने अपनी शिकायत में बताया कि 31 दिसंबर 2023 को दो अलग-अलग व्यक्तियों द्वारा उन्हें शिकागो मर्केंटाइल एक्सचेंज में शेयर खरीदकर 30 से 60 फीसदी तक रकम बढ़ाने का लालच दिया.
इंवेस्ट के नाम पर 17 लाख की ठगी
पीड़ित दोनों व्यक्तियों की बातों के झांसे में आ गया. जिसके बाद अलग-अलग रकम से कंपनी का शेयर खरीदने लगा. इस बीच दोनों जालसाज पीड़ित युवक को खरीदे गये शेयर में लाभ दिखाते गए, हालांकि वह लाभ पीड़ित कभी निकाल नहीं पाया. जालसाज युवक को अपनी बातों में लेकर केटेगरी पाइंट के नाम पर भी रकम इंवेस्ट कराते रहे. अंत में जब युवक ने व्यय किए गए रकम और अर्जित लाभ को निकालने के लिए बैंक अकाउंट खंगाला, तो वह पूरी तरह से फर्जी निकला. तब तक युवक 17 लाख रुपये गंवा चुका था, अब उसके द्वारा थाने में साइबर ठगी की रिपोर्ट दर्ज करायी गई है. पुलिस रिपोर्ट दर्ज करने के बाद अपने तरीके से आरोपियों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है.
पढ़े-लिखे हो रहे जालसाजी का शिकार
आदिवासी बाहुल्य इलाका होने के कारण यहां के अनपढ़ लोगों को साइबर ठगी का शिकार होने से बचाने के लिए प्रशासन द्वारा समय-समय पर कार्यशाला का आयोजन किया जाता है. अक्सर आदिवासी क्षेत्र के लोग मोबाईल में आने वाले ओटीपी के जरिये अपने खाते की रकम जालसाजों के हाथों गंवा देते हैं. जिसके कारण शासन हमेशा अलर्ट मोड पर रहकर लोगों को जागरूक करने का प्रयास करता रहा है. हालांकि जब पढ़े लिखे लोग इस तरह की जालसाजी के चक्कर में फंसकर अपने उम्र भर की कमाई गंवा देते हैं, इस तरह के मामले दर्ज होने के बाद पुलिस को भी उलझन में डाल देते हैं.
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