Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में लोन वर्रा टू (घर वापस आइये) अभियान के तहत शुक्रवार को 9 नक्सलियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया है. इन नक्सलियों में एक महिला नक्सली जबकि 8 पुरुष नक्सली शामिल हैं. कोबरा 230 बटालियन के DIG व दंतेवाड़ा एसपी सिद्धार्थ तिवारी के सामने इन नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है.


दंतेवाड़ा एसपी ने बताया कि पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर और बड़े नक्सली लीडरों के प्रताड़ना से तंग आकर इन नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, यह सभी नक्सली लंबे समय से कटेकल्याण थाना क्षेत्र के नक्सल प्रभावित इलाकों में सक्रिय थे और कई घटनाओं में भी शामिल रह चुके है. नक्सलियों के सरेंडर करने से संगठन को काफी नुकसान पहुंचा है, फिलहाल सभी सरेंडर नक्सलियों को 10 -10 हजार की प्रोत्साहन राशि दी गई है और जल्द ही पुनर्वास नीति का लाभ भी मिलने की बात कही है.


सरेंडर नक्सलियों में एक महिला भी शामिल


दरअसल दंतेवाड़ा पुलिस बीते 2 वर्षों से जिले में स्थानीय नक्सलियों के लिए लोन वर्रा टू अभियान चला रही है. इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है कि जो भी ग्रामीण नक्सली संगठन में जुड़ गए हैं उन्हें घर वापसी कराने के लिए इस अभियान की शुरुआत की गई. इस अभियान के तहत अब तक 500 से अधिक नक्सलियों ने सरेंडर किया है और लगातार पुलिस से संपर्क कर नक्सली सरेंडर भी कर रहे हैं. शुक्रवार को भी जिले के अलग-अलग इलाकों में सक्रिय कुल 9 नक्सलियों ने सीआरपीएफ के DIG और एसपी के समक्ष आत्म समर्पण किया.


एसपी ने बताया कि सरेंडर  करने वाले नक्सलियों में हिड़मा कवासी जनमिलिशिया सदस्य, सोमाराम मंडावी, सुनील नुप्पो, कोसाराम सोढ़ी, हिड़मा माड़वी, मंगलू कुंजाम, सोमड़ी लेकाम, महेश मरकाम, कोयली ताती जनमालिशिया सेक्शन कमांडर शामिल हैं. यह सभी काफी लंबे समय से नक्सली संगठन में शामिल थे और कई बड़ी वारदातों में शामिल भी रह चुके हैं, इनके सरेंडर करने से निश्चित तौर पर नक्सली संगठन को काफी बड़ा नुकसान पहुंचा है.


2 वर्षों में  509 नक्सलियों ने किया सरेंडर


दंतेवाड़ा एसपी सिद्धार्थ तिवारी ने बताया कि दंतेवाड़ा जिले में चलाए गए इस लोन वर्रा टू अभियान के तहत अब तक 124 इनामी नक्सलियों सहित कुल 509 नक्सलियों ने पुलिस के समक्ष समर्पण कर मुख्यधारा में लौट आए हैं. यही वजह है कि इन सरेंडर नक्सलियों के लिए देश में पहला सरेंडर नक्सली आवासीय कॉलोनी भी दंतेवाड़ा में बनाया गया है, और जल्द ही इस आवासीय कॉलोनी का लाभ भी सरेंडर नक्सलियों को मिलेगा.


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