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Chhattisgarh News: दंतेवाड़ा की यह बेकरी कुकीज, पेस्ट्री की वजह से नहीं बल्कि इसलिए है फेमस, आप भी जानें
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा शहर में मौजूद एक बेकरी छत्तीसगढ़ के लिए मिसाल बनी हुई है. यह बेकरी कुकीज, पेस्ट्री की वजह से नहीं कुछ और कारण से फेमस है. यहां जानें वजह.
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Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा शहर में मौजूद एक बेकरी छत्तीसगढ़ के लिए मिसाल बनी हुई है. इस बेकरी में तैयार होने वाली सभी लज़ीज़ व्यंजन यहां के लोगों और दूसरे राज्यों से दंतेवाड़ा घूमने आने वाले पर्यटकों को खूब पसंद आते हैं, लेकिन इस बेकरी की खासियत यह नहीं है कि यहां मिलने वाले कुकीज, पेस्ट्री, केक, ब्रेड और फास्ट फूड लोग काफी पसंद करते है, बल्कि खास बात यह है कि जिला प्रशासन ने इस बेकरी में उन खास कर्मचारियों को रोजगार मुहैया कराया है, जो आज अपनी जिंदगी में काफी तकलीफे उठाने के बाद एक सम्मान की जिंदगी जी रहे हैं और उन्हें बेकरी के माध्यम से महीने में एक अच्छी आय भी हो रही है. दरअसल जिला प्रशासन ने इस बेकरी में मानव तस्करी से छुड़ाए गए महिला, ट्रांसजेंडर और दिव्यांग वर्ग के लोगों को रोजगार दिया है, इनके द्वारा बकायदा बेकरी में सभी तरह के फ़ूड तैयार करने के साथ ही उनके हाथों से बनाए गए लजीज व्यंजनों का स्वाद चखने आने वाले लोगों से सम्मान भी मिलता है..
हर महीने होती है अच्छी आय
दंतेवाड़ा कलेक्टर दीपक सोनी ने बताया कि साल 2021 जनवरी में प्रदेश के मुख्यमंत्री ने इस नवचेतना बेकरी का उद्घाटन किया. इस बेकरी की शुरुआत करने का मुख्य उद्देश्य ऐसे लोगों को रोजगार मुहैया कराना था जिन्होंने अपने बीते दिनों में काफी तकलीफे उठाई है. ऐसे ही दो युवतियां मिली जो मानव तस्करी से छुड़ाई गई थे. इन युवतियों को दूसरे राज्यों में ले जाकर बंधक बनाया गया था और स्थानीय ठेकेदार ने उन्हें वहां के कुछ लोगों से पैसे लेकर छोड़ दिया था, जिसके बाद पुलिस प्रशासन ने युवतियों के परिजनों की शिकायत पर उन्हें कुछ माह के बाद खोज निकाला और उन्हें वापस लाया और उसके बाद उनके बेहतर जीवन यापन के लिए जिला प्रशासन ने उन्हें इस बेकरी में रोजगार उपलब्ध कराया.
कलेक्टर दीपक सोनी ने बताया कि बेकरी में मानव तस्करी से पीड़ित युवतियों के साथ ऐसे दिव्यांग लोगों को भी प्राथमिकता दी गई जो पूरी तरह से दिव्यांग हैं, और इस वजह से वे ज्यादा पढ़ाई नहीं कर पाए और उन्हें अपना घर परिवार चलाने के लिए रोज़गार के लिए भटकना पड़ रहा था, और कई तकलीफें उठानी पड़ रही थी, ऐसे में इन दिव्यांग युवकों को भी रोजगार दिलाया गया. अब बाकायदा यहां पर उनके द्वारा बेकरी में कुकीज, पेस्ट्री केक, ब्रेड इसके अलावा फास्ट फूड तैयार कर बेचा जा रहा है, जिससे उन्हें अच्छी खासी आय भी हो रही है. इसके अलावा इस बेकरी में ट्रांसजेंडर को भी प्राथमिकता दी गई है. समाज की कुरीतियों की वजह से इन ट्रांसजेंडरों को रोज़गार नहीं मिल पा रहे थे और ऐसे कुछ ट्रांसजेंडर हैं जो समाज में अपने आपको काफी पिछड़ा हुआ मानकर लोगों का सामना भी नहीं कर पाते थे, इसी को ध्यान में रखकर जिला प्रशासन ने यहां ट्रांसजेंडरों को भी रोजगार का अवसर दिया और बकायदा इनके द्वारा भी बेकरी में फास्ट फूड और बेकरी के सभी आइटम तैयार किए जा रहे हैं, जिससे उन्हें भी अच्छी आय होने के साथ समाज में सम्मान भी मिल रहा है,और उनके जीवन मे भी सकारात्मक सुधार आया है..और सम्मानपूर्वक अपना जीवन यापन कर रहे हैं.
रोजगार के साथ समाज में मिला सम्मान
कलेक्टर दीपक सोनी ने बताया कि नवचेतना बेकरी में काम देने के पहले उन्हें प्रशिक्षण दिया गया, जिससे वे बेहतर तरीके से काम कर सके. वहीं बेकरी में तैयार किये जा रहे सभी आइटम ब्रेड, बिस्किट, कुकीज़, पेस्ट्री और केक बस्तर में पायी जाने वाली जैविक उत्पाद से तैयार की जाती है जिससे लोगो की सेहत को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंचता है. कलेक्टर से मिली जानकारी के मुताबिक नवचेतना बेकरी में हर महीने 50 से 60 हजार रुपये का शुद्ध लाभ प्राप्त होता है. वर्तमान में बेकरी में 7 कर्मचारी कार्यरत हैं.
बेकरी में काम कर रहे ट्रांसजेंडर, दिव्यांग युवक और महिला तस्करी के मामले में छुड़ाए गए युवतियों का कहना है कि बीते कुछ सालों तक उन्हें अपनी आजीविका चलाने के लिए बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ा. मुख्य रूप से ट्रांसजेंडर जिनका जीवन बहुत ही मुश्किल भरा होता है. पैसे कमाने के लिए उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है, अपनी पहचान को स्वीकारने के लिए संघर्ष करना पड़ता है, लेकिन नवचेतना बेकरी के माध्यम से उन्हें रोज़गार मिलने के बाद अब समाज और जिला प्रशासन की मदद से उनके जीवन मे बदलाव आया है.
इस बेकरी के माध्यम से दिव्यांगो, ट्रांसजेंडर को रोजगार के अवसर प्रदान किया गया है और वे भी अब काम कर आत्मनिर्भर बन रहे है. बेकरी में हर वर्ग के लोगों को यहां पर रोजगार दिया जा रहा है. बेकरी में काम करके वे काफी खुश हैं और सभी मेहनत, लगन और मन लगाकर अपना काम कर रहे हैं. गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ का यह पहला ऐसा बेकरी है जहां ट्रांसजेंडर, मानव तस्करी से छुड़ाए गए युवतियों और दिव्यांगों को रोजगार के साथ समाज मे सम्मान भी मिल रहा है.
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