Chhattisgarh: दंतेवाड़ा में MRP मिटा कर मनमाने दामों पर बेची जा रही शराब, शिकायत के बाद भी सुनवाई नहीं
Chhattisgarh Liquor News: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के शराब दुकानों में मनमाने दामो में शराब की बिक्री की जा रही है. शराब की बोतलों में लिखा हुआ MRP मिटाया कर इसे अधिक दामों में बेचा जा रहा है.
Dantewada News: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के शराब दुकानों में माफिया राज चल रहा है, यहां शराब दुकान के ग्राहकों को मनमाने दामों में शराब बेची जा रही है, बाकायदा इसके लिए बड़ी ही चालाकी से एमआरपी रेट लिखे हुए जगह को हाथ से कुरेद कर हटाया जा रहा है और यह खेल काफी दिनों से जारी है. शराब खरीदने आ रहे लोगों के मुताबिक उन्हें 140 रुपए की शराब की छोटी बोतल 200 में बेची जा रही है.
यही नहीं बड़े शराब की बोतलों का भी यही हाल है, 800 की बोतल को 950 से हजार रुपए में बेचा जा रहा है. हालांकि इस दुकान के सेल्समैन का कहना है कि उन्हें ऊपर से बोतलों की सप्लाई ही इस तरह से की जा रही है, जबकि जिला आबकारी अधिकारी इस बयान पर पूरी तरह से चुप्पी साध बैठे हैं और इस गोरखधंधे को लेकर कुछ भी कहने से बच रहे हैं. कुल मिलाकर शराब दुकानों में बोतलों की बिक्री पर जमकर कमीशन खोरी की जा रही है और शराब खरीदने आ रहे लोगों से मनमाने पैसे वसूले जा रहे है.
ऐसा नहीं है कि इसकी शिकायत लोगों ने नहीं की, लेकिन उनका कहना है कि इसकी कोई सुनवाई नहीं होती है. कुछ कहने पर सेल्समैन ग्राहकों पर हावी हो जाते हैं और उनसे बदतमीजी में उतर आते हैं, उन्होंने बताया कि यह खेल लगातार जारी है, लेकिन अधिकारी और प्रशासन पूरी तरह से इस पर मौन है. इधर हर रोज शराब दुकानों से लाखों रुपए की शराब बिक्री होती है और एक छोटी बोतल की बिक्री में 40 से 50 रुपये कमीशन खोरी की जाती है, और बड़ी बोतल में भी तय रेट से 100 रुपये अधिक में शराब बेची जाती है. हर रोज लाखो रुपए की कमीशन खोरी और भ्रष्टाचार किया जाता है, जिसका सीधा नुकसान शराब खरीदने आने वाले आम लोगों को उठाना पड़ रहा है.
शिकायत के बाद भी नहीं होती कोई सुनवाई
दंतेवाड़ा जिले के शराब दुकान में शराब खरीदने गए लोगों ने एबीपी लाइव को बताया कि पिछले कई दिनों से शराब दुकान के सेल्समैनों के द्वारा मनमाने दामों में उन्हें शराब बेची जा रही है. उन्हें शराब खरीदने के बाद ना ही कोई बिल दिया जाता है और ना ही उसमें शराब की प्राइस लिखी होती है. जिस जगह प्राइस लिखी होती है उसे बाकायदा सेल्समैनों के द्वारा हाथ से कुरेद कर मिटा दिया जाता है. यही नहीं, बड़ी बोतलों से भी प्राइज मिटा दी जाती है और इसे मनमाने दामों में बेचा जाता है.
ज्यादा मुनाफे के लिए कोचियों को बेचा जाता है शराब
वहीं लोगों ने बताया कि कई बार तो उन्हें छोटी बोतल रहने के बावजूद भी बोतल खत्म होने की बात कही जाती है और इसे शराब कोचियों को बेचा जाता है, जिससे उन्हें ज्यादा मुनाफा हो सके, उनका कहना है कि शिकायत के बावजूद भी उनकी कोई सुनवाई नहीं होती है और ना ही प्रशासन इस पर किसी तरह का कोई कार्रवाई करता है. इसलिए शराब प्रेमियों को मनमाने दामों में शराब खरीदकर पीना पड़ता है.
लेकिन बाकि राज्यों में ऐसा नहीं है बाकायदा शराब की बोतल के साथ एक बिल भी दी जाती है और शराब का जो भी एमआरपी रेट होता है उसी रेट में शराब बेची जाती है. इधर शराब दुकानों में इस तरह से मनमानी दामों में शराब बेचने की जानकारी एबीपी लाइव ने जिला आबकारी अधिकारी से लेना चाहा तो उन्होंने अपना फोन रिसीव नहीं किया और कुछ देर बाद फोन ही बंद कर दिया. कुल मिलाकर इस मामले में अधिकारी कुछ भी कहने से बचते नजर आए.
विपक्ष ने लगाया भ्रष्टाचार का आरोप
इधर शराब बिक्री में चल रहे माफिया राज पर विपक्ष ने भी हमला बोला है, बीजेपी युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष अविनाश श्रीवास्तव का कहना है कि एक तरफ कांग्रेस सरकार अपने चुनावी घोषणा में छत्तीसगढ़ में शराबबंदी की झूठी वायदा करती है और दूसरी तरफ मनमानी दामों में शराब बेचकर लोगों को आर्थिक नुकसान पहुंचा रही है. सरकार के द्वारा शराब बिक्री में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है.
अविनाश श्रीवास्तव ने कहा कि आलम यह है कि शराब खरीदने जाने वाले लोगों ने बताया कि उन्हें ब्रांडेर्ड बताकर लोकल शराब की बिक्री की जा रही है, और उनसे मनमाने दाम लिए जा रहे हैं. कुल मिलाकर प्रदेश की सरकार इन लोगों का आर्थिक नुकसान के साथ-साथ उनके जान के साथ भी खिलवाड़ कर रही है और आबकारी विभाग कमीशन खोरी कर करोड़ो रुपए का भ्रष्टाचार कर रही है.