Ambikapur News: अम्बिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में देर रात चंद मिनटों में चार नवजात बच्चों की मौत का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. इस बड़ी घटना को देखकर बीजेपी समर्थकों ने अस्पताल के बाहर प्रदर्शन शुरू कर दिया तो दूसरी ओर इस प्रदर्शन के बीच स्वास्थ्य मंत्री हवाई मार्ग से अपने गृह शहर अम्बिकापुर पहुंचे. इधर स्वास्थ्य मंत्री के पहुंचने के चंद मिनटों पहले प्रदर्शन कर रहे बीजेपी समर्थकों ने स्वास्थ्य मंत्री के इस्तीफ़े की मांग करते हुए अस्पताल गेट के सामने प्रदर्शन किया. पुलिस को उनको अंदर जाने से रोक पाने में काफ़ी मशक़्क़त करनी पड़ी.


स्वास्थ्य मंत्री के इस्तीफे की मांग


अम्बिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट (SNCU) में चार नवजात बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई. लेकिन घटना के घंटों बीत जाने के बाद भी किसी भी स्वास्थ्य अधिकारी की ज़िम्मेदारी अब तक तय नहीं की गई है. बीजेपी समर्थकों ने इस खबर पर तत्काल मेडिकल कॉलेज अस्पताल की ओर रूख किया और दर्जनों की संख्या में एकत्र होने के बाद भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अनुराग सिंहदेव और ज़िला अध्यक्ष ललन प्रताप सिंह की अगुवाई में सभी ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. इस दौरान वो लोग अस्पताल के अंदर ना जाए पाए. पुलिस ने चारों ओर के गेट बंद कर दिए थे. लेकिन गेट के बाहर ही भाजपा के बड़े नेताओं के साथ भाजयुमो कार्यकर्ता दोषियों पर कार्यवाही और स्वास्थ्य मंत्री के इस्तीफ़े की मांग की.


भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अनुराग सिंहदेव ने कहा कि चार बच्चों की मौत की सूचना मिली थी. इसलिए हम यहां आए. डीन से बातचीत हुई है और आईसीयू के अंदर देखा गया. कई बच्चे अभी भी क्रिटिकल है. उन्होंने कहा कि, जो विषय आया था कि बैकअप नहीं मिला. ये बात सत्य है कि बैकअप के बिना बहुत देर तक वेंटीलेटर काम नहीं करता है. एक निश्चित समय रहता है उसका. चूंकि ठंड का दिन है और सरगुजा में ज्यादा ठंड पड़ती है. ऐसे में हार्ट से संबंधित बच्चे पेशेंट रहते हैं. उनको ज्यादा नुकसान होने की संभावना बनी रहती है.


लेकिन अस्पताल में जो लापरवाही बरती जा रही है. छत्तीसगढ़ के अंदर स्वास्थ्य महकमे में जिस तरह से लापरवाही बरती गई है. वो अक्षम्य है. लगातार पहले भी नवजात बच्चों की मृत्यु को खबरें आती रहती है. इसपर कोई सुधार करने के बजाए ये लोग जब भी घटना होती है. लीपापोती करते हैं. बीजेपी मांग करती है कि बच्चों के परिजनों को मुआवजा दिया जाए. जो संबंधित दोषी डाक्टर और ड्यूटी अधिकारी हैं. जो भी लोग इसके लिए जिम्मेदार हैं. उनके खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाए. सिंहदेव ने आगे कहा कि स्वास्थ्य मंत्री अपने पद से तत्काल त्यागपत्र देना चाहिए.


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