Bhupesh Baghel Cabinet Meeting: छत्तीसगढ़ में आदिवासी आरक्षण बढ़ाने के लिए बघेल सरकार विधानसभा के विशेष सत्र में विधेयक लेकर आएगी. इसके लिए आज भूपेश बघेल कैबिनेट की बैठक में आरक्षण बढ़ाने पर फैसला हुआ है. एक और 2 दिसंबर को अयोजित विधानसभा विशेष सत्र में एससी 13, ओबीसी 27 और आदिवासी आरक्षण 32 प्रतिशत करने के लिए सरकार विधेयक पारित करेगी.


आरक्षण को लेकर कैबिनेट में हुआ ये फैसला


दरअसल गुरुवार को भूपेश कैबिनेट की बैठक में विशेष रूप से आरक्षण के मामले में ही चर्चा हुई है और इस बैठक में एससी- एसटी और ओबीसी वर्ग के आरक्षण संशोधन विधेयक 2022 के प्रस्ताव को अनुमोदन किया गया है. इसके अलावा छत्तीसगढ़ शैक्षणिक संस्था में प्रवेश में आरक्षण संशोधन विधेयक के प्रस्ताव को भी अनुमोदन किया गया है. इस मामले में मीडिया को जानकारी देते हुए कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि आरक्षण पर मुख्यमंत्री ने कहा है कि जिसकी जितनी संख्या उतना उनका अधिकार बनता है, इसपर हम विधानसभा के विशेष सत्र पर विधेयक ला रहे हैं.


डीएमएफ राशि के इस्तेमाल पर कैबिनेट में निर्णय


इसके अलावा कैबिनेट बैठक में कई और फैसले लिए गए हैं. जिला खनिज संस्थान न्यास से अपडेट कर अधोसंरचना के कार्यों पर खर्च के लिए न्यास निधि में मिले पैसे से निश्चित प्रतिशत राशि के बंधन से मुक्त किए जाने के संबंध में छत्तीसगढ़ जिला खनिज संस्थान नियम 2015 में संशोधन किए जाने का निर्णय लिया गया है. अब इसके अनुसार डीएमएफ के अन्य प्राथमिकता मद में उपलब्ध राशि का 20 प्रतिशत सामान्य क्षेत्र में और 40 प्रतिशत अधिसूचित क्षेत्र में खर्च किए जाने के प्रावधान को समाप्त कर दिया गया है.


मछली पालन के लिए तालाब 10 वर्ष के लीज पर दिए जाएंगे 


नवीन मछली पालन नीति में संशोधन किए जाने के विभागीय आदेश का कैबिनेट ने अनुमोदन किया गया. अब मछली पालन के लिए तालाब/जलाशय की नीलामी नहीं होगी. तालाब/जलाशय  10 वर्ष के लीज पर दिए जाएंगे. तालाब/जलाशय के पट्टा आबंटन में सामान्य क्षेत्र में ढीमर, निषाद, केंवट, कहार, कहरा, मल्लाह  के मछुआ समूह और मत्स्य सहकारी समिति को प्राथमिकता दी जाएगी. इसी तरह अनुसूचित जनजाति अधिसूचित क्षेत्र में अनुसूचित जनजाति वर्ग के मछुआ समूह और मत्स्य सहकारी समिति को प्राथमिकता दी जाएगी. संशोधन प्रस्ताव के अनुसार ग्रामीण तालाब के मामले में अधिकतम एक हेक्टेयर के स्थान पर आधा हेक्टेयर और सिंचाई जलाशय के मामले में 4 हेक्टेयर के स्थान पर 2 हेक्टेयर प्रति सदस्य/प्रति व्यक्ति के मान से जल क्षेत्र आबंटित किए जाने का प्रावधान किया गया है. मछली पालन के लिए गठित समितियों का ऑडिट अब सहकारिता और मछली पालन विभाग की संयुक्त टीम करेगी.


वनोपज से बने प्रॉडक्ट के लिए कैबिनेट में फैसला


राज्य शासन छत्तीसगढ़ राज्य वनोपज संघ और निजी निवेशकों के बीच बनाए गए तीन पक्षीय एमओयू के आधार पर स्थापित वनोपज आधारित उद्योगों द्वारा जो उत्पाद निर्माण किए जाएंगे. छत्तीसगढ़ हर्बल ब्रांड के अंतर्गत 40 प्रतिशत की छूट के साथ खरीदी करते हुए संजीवनी और अन्य माध्यमों से बिक्री के लिए शासन द्वारा निर्णय लिया गया है. इस निर्णय के बाद उन उद्योगों को जो वनोपज आधारित उत्पादों का निर्माण करना चाहते हैं उनको बढ़ावा मिलेगा.


कोर्ट में 2018 तक के विचाराधीन साधारण प्रकृति के प्रकरणों वापस लिया जाएगा


दूसरा अनुपूरक अनुमान वर्ष 2022-23 का विधानसभा में उपस्थापन के लिए छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक 2022 का अनुमोदन किया गया, ग्राम सेरीखेड़ी रायपुर पटवारी हल्का नम्बर 77 में स्थित शासकीय भूमि 9.308 हेक्टयर भूमि का आबंटन प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया. राज्य के  अलग अलग न्यायालयों में विचाराधीन साधारण प्रकृति के प्रकरणों को जनहित में वापस लिए जाने के लिए निर्धारित अवधि 31 दिसंबर 2017 को बढ़ाकर 31 दिसंबर 2018 करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया.


सीएम का स्वेच्छानुदान राशि 110 करोड़ हुआ


मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के स्वेच्छानुदान राशि  70 करोड़ से बढ़ाकर 110 करोड़ किए जाने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया. इसके अलावा भारत सरकार के संशोधन के अनुसार राजस्व पुस्तक परिपत्र खंड 6 क्रमांक 4 में राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा प्रस्तुत संशोधन प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया. 
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