छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में 2023 विधानसभा चुनाव करीब आ रहा है. इधर आंदोलनकारी मुखर हो रहे हैं. राज्य सरकार को वादा याद दिलाने के लिए प्रदर्शन की तैयारी की जा रही है. इसी कड़ी में सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ ने एक दिन के लिए सभी सरकारी कामकाज बंद करने का निर्णय लिया है. इससे राज्य के सरकारी दफ्तरों के काम प्रभावित हो सकते हैं.
किस दिन है हड़ताल
दरअसल 2018 विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस नेताओं ने सत्ता में आने के बाद अनियमित कार्मचारियों को नियमितीकरण देने का वादा किया था. इसी वादे को याद दिलाने के लिए सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ 13 मई को नियमितीकरण सहित अपनी अन्य मांगों को लेकर एक दिवसीय राज्य स्तरीय हड़ताल करने जा रही है.
प्रदेश अध्यक्ष ने क्या कहा
महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष कौशलेश तिवारी ने बताया कि कांग्रेस सरकार बने 4 साल पूरे होने को हैं लेकिन अब तक संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के वादे पर सरकार खरी नहीं उतरी है. सरकार द्वारा लगातार केवल समितियों का गठन कर संविदा कर्मचारियों को ठगने का कार्य किया जा रहा है. संविदा कर्मचारियों में इस स्थिति को लेकर गहरा असंतोष है और इसी की चलते प्रदेश के संविदा कर्मचारी आंदोलन के लिए मजबूर हो रहे हैं.
दे दी ये चेतावनी
महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि फिलहाल तो हम सरकार को चेतावनी के रूप में केवल 1 दिन की हड़ताल पर जा रहे हैं लेकिन मांगे नहीं मानी गईं तो हम अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे. इसमें हमारा साथ देने के लिए कई सामाजिक संगठनों के साथ-साथ हमारे नियमित कर्मचारी भी तैयार हैं.
मनरेगाकर्मी भी कर रहे मांग
गौरतलब है की महात्मा गांधी नरेगा के 12 हजार से अधिक कर्मचारी नियमितीकरण की मांग को लेकर पिछले डेढ़ माह से आंदोलन कर रहे हैं. इससे प्रदेश में मनरेगा के अंतर्गत काम पूरी तरह से बंद है. मनरेगा में काम करने वाले परिवारों को आर्थिक रूप से नुकसान उठाना पड़ रहा है. वहीं अपको बता दें की मनरेगाकर्मियों ने बस्तर से रायपुर तक पैदल मार्च किया है. रायपुर के बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर उनका धरना प्रदर्शन जारी है.
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