Balrampur News: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 4 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के अवसर पर पुरस्कार वितरण व सम्मान समारोह आयोजित किया गया था. इस कार्यक्रम में शामिल होने गए बलरामपुर जिले के 60 वर्षीय बुजुर्ग हितग्राही कार्यक्रम के बाद से गुम हो गया, जो अभी तक वापस अपने घर नहीं पहुंच सका है. जिसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट रायपुर के सिटी कोतवाली थाने में दर्ज कराई गई है. वहीं कार्यक्रम से बुजुर्ग हितग्राही के गुम जाने के मामले में जिले के समाज कल्याण विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है.
दअरसल, 4 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के रूप में मनाया गया और इसी के तहत छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में प्रदेशभर के अलग अलग जिलों से चयनित दिव्यांग हितग्राहियों का सम्मान व पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित किया गया था, जहां पर छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा हितग्राहियों को अलग-अलग पुरस्कारों से सम्मानित किया गया.
उसी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बलरामपुर जनपद पंचायत अंतर्गत चंदौरा गांव के घुटरापारा निवासी हिरवा कोडाकू के साथ जिले के अन्य ग्राम पंचायतों से करीब 150 दिव्यांग हितग्राहियों को प्रशासन ने समाज एवं कल्याण विभाग की देखरेख में शासन के खर्चे पर रायपुर ले जाया गया था, लेकिन कार्यक्रम के 10 दिन बीत जाने के बाद भी आज तक हिरवा कोडाकू लौटकर अपने घर नहीं पहुंचा है. जिससे उसके परिजन काफी परेशान हैं और प्रशासन की व्यवस्था पर सवाल खड़ा करते हुए हिरवा कोडाकू की खोजबीन के लिए प्रशासन से गुहार भी लगा रहे हैं.
वहीं मामले में समाज कल्याण विभाग के उपसंचालक चंद्रमा यादव का कहना है कि रायपुर में 4 तारीख को कार्यक्रम आयोजित किया गया था. जहां पर स्वल्पाहार के बाद से हिरवा कोडाकू अचानक गायब हो गया था. जिसके बाद प्रशासन की टीम द्वारा उसकी खोजबीन की गई थी लेकिन उसका कही पता नहीं चला. जिसके बाद हमारे द्वारा रायपुर के सिटी कोतवाली थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दी गई थी और लगातार हम रायपुर पुलिस के संपर्क में भी है. इसके अलावा उपसंचालक ने यह जानकारी दी है कि गुम हितग्राही का मानसिक संतुलन भी सही नहीं था. जिसके कारण वह बिना बताए कहीं चला गया है. जिसकी पतासाजी में प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा है.
चंदौरा गांव के ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन की लापरवाही है. जिम्मेदारी के साथ लेकर गए थे साथ में रखना चाहिए. हिरवा कोडाकू दिव्यांग था, बोलने नहीं जानता था, बुजुर्ग था. घरवाले परेशान हैं. सीईओ से बात करने पर गोलमोल जवाब देते हैं और कहते हैं कि शासन बुलवाया था शासन समझे. ये गरीब परिवार से हैं. ना रायपुर, अम्बिकापुर जा सकते है, ना एसपी-कलेक्टर से मिल सकते है.
परिजन काफी परेशान हैं. दस दिन बीत गए कुछ पता नहीं चला है. वहीं हिरवा कोडाकू के परिजनों का कहना है कि गांव के सरपंच-सचिव उनका फोन नहीं उठाते और हिरवा कोडाकू को लेकर गए हैं तब से मुंह तक नहीं दिखा रहे हैं. हमारी मांग है कि हिरवा कोडाकू को जैसे लेकर गए हैं, वैसे ही उन्हें वापस लाएं. सरपंच-सचिव उन्हें मोटरसाइकिल या साइकिल मिल रहा है ऐसा कहकर लेकर गए थे.
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