Chhattisgarh News: कोंडागांव के बाद बस्तर में ड्रैगन फ्रूट की बड़ी मात्रा में पैदावार, महाराष्ट्र सहित इन राज्यों में हो रहा आयात
Bastar News: कोंडागांव के बाद बस्तर में भी इसकी खेती लगभग चार साल पहले शुरू हुई और तीन हजार ड्रैगन फ्रूट के पौधे लगाए गए थे और वर्तमान में इसमें अच्छी तादाद में फल आने शुरू हो गए हैं.

Chhattisgarh News: देश में महंगे फलों में शुमार ड्रैगन फ्रूट (Dragon Fruit) की खेती अब छत्तीसगढ़ के बस्तर (Bastar) में भी होने लगी है. यह फल मेक्सिको और चीन में पाया जाता है, लेकिन अब इस ड्रैगन फ्रूट की खेती बस्तर जिले में भी हो रही है. भारी मात्रा में उत्पादन होने से अब स्थानीय लोगों को भी यह फल कम दाम और आसानी से मिलने लगा है. साथ ही अब इसे दूसरे राज्यों में भी इसकी डिमांड है और इसे भेजा जा रहा है. औषधीय गुण और एंटीऑक्सीडेंट, प्रोटीन फाइबर, विटामिंस और कैल्शियम से भरपूर ड्रैगन फ्रूट की पहचान केवल भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में है.
दरअसल इस फल की कोरोनाकाल के दौरान अचानक से डिमांड बढ़ी थी, जिसके बाद कोंडागांव के साथ बस्तर जिले में भी ड्रैगन फ़्रूट की खेती के लिए प्रयास किया गया और यहां का वातावरण इसके अनुकूल पाया गया. इसके बाद चार सालों की मेहनत के बाद अब बस्तर के आदिवासी किसान और कोंडागांव के दंतेश्वरी हर्बल समूह ने इसकी सफल पैदावार की. कोंडागांव के साथ-साथ बस्तर में भी 6 हजार से ज्यादा पौधे न केवल हरित हुए है बल्कि इनमें फल भी आने लगा है. स्थानीय स्तर के साथ-साथ अब इन फलों को आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र और दिल्ली भी भेजा जा रहा है.
ड्रैगन फ्रूट की दूसरे राज्यों में बढ़ी डिमांड
जगदलपुर कृषि महाविद्यालय के वैज्ञानिक डॉ के पीएस चंद्रा बताते हैं कि ड्रैगन फ्रूट का पौधा कोई विशेष देखभाल नहीं मांगता. यहा केवल एक बार लगाने पर 25 सालों तक लगातार भरपूर उत्पादन और नियमित आमदनी देता है. कैक्टस वर्ग का कांटेदार पौधा होने के कारण इसमें कीड़े मकोड़े भी नहीं लगते और जानवरों के द्वारा इस पौधे को बर्बाद करने का डर भी नहीं रहता है. एक बार रोपण के बाद बिना किसी लागत के एक एकड़ से लाख रुपये सालाना कमाई कर सकते हैं. बेहद खूबसूरत दिखने वाले इस फल में अद्भुत पौष्टिक और औषधीय गुण पाए जाते हैं.
ड्रैगन फ्रूट वजन घटाने में मदद करता है
इस फल में भरपूर मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट, प्रोटीन फाइबर, विटामिंस और कैल्शियम पाया जाता है. यही कारण है कि इसे वजन घटाने में मददगार, कोलेस्ट्रॉल कम करने में सहायक और कैंसर के लिए लाभकारी बताया जाता है. साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का विशेष गुण होने के कारण कोरोनाकाल में इसका महत्व काफी बढ़ गया था. दरअसल ड्रैगन फ्रूट मूल रूप से मेक्सिको का पौधा माना जाता है. वियतनाम, चीन और थाईलैंड में इसकी खेती बड़े पैमाने पर होती है और भारत में इसे वहीं से आयात किया जाता है. वहीं अब छत्तीसगढ़ में भी कई प्रगतिशील किसानों ने इसकी खेती शुरू की है.
बस्तर में चार साल पहले शुरु हुई थी ड्रैगन फ्रूट की खेती
कोंडागांव के बाद बस्तर में भी इसकी खेती लगभग चार साल पहले शुरू हुई और तीन हजार ड्रैगन फ्रूट के पौधे लगाए गए थे और वर्तमान में इसमें अच्छी तादाद में फल आने शुरू हो गए हैं. वहीं उन्नत किसान चाहत त्रिपाठी ने बताया कि यह बस्तर ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश के लिए गर्व और खुशी का विषय है. बस्तर में पैदा किए जा रहे ड्रैगन फ़्रूट का न केवल स्वाद और रंग में बेहतरीन हैं, बल्कि औषधीय गुण और पौष्टिकता के हिसाब से भी यह उत्तम गुणवत्ता का है. इसका स्वाद भी काफी अच्छा है और बस्तर की जलवायु और जमीन इसकी खेती के लिए एकदम उपयुक्त है.
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस

