(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के इस जिले में DRG जवानों पर लगा ग्रामीणों से मारपीट का आरोप, आईजी ने दी ये सफाई
छत्तीसगढ़ के इस जिले में DRG जवानों पर ग्रामीणों से मारपीट करने के आरोप लगाए गए हैं. इसमें करीब 60 ग्रामीणों को चोट आई है. आईजी ने मारपीट की इस घटना को लेकर बयान दिया है.
Bijapur News: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे ग्रामीणों ने बस्तर में तैनात फोर्स द्वारा मारपीट करने का आरोप लगाया है. ग्रामीणों का आरोप है कि पुसनार और बुरजी में पुलिस कैंप खुलने के विरोध में सैकड़ों ग्रामीण धरना प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन इसी बीच बड़ी संख्या में फोर्स आई और ग्रामीणों पर लाठीचार्ज शुरू कर दिया. इस लाठीचार्ज से लगभग 60 ग्रामीण घायल हुए हैं, जिसमें 25 छात्र शामिल है. इसके अलावा फोर्स ने महिलाओं को भी पीटा है. यह मामला 19 जनवरी का बताया जा रहा है, जब कैंप के विरोध में और सड़क चौड़ीकरण के विरोध में सैकड़ों ग्रामीण बीजापुर जिले के पुसनार- बुरजी में इकट्ठा हुए थे और धरना प्रदर्शन कर रहे थे.
गांव वालों का कहना है कि सुरक्षाबल ने बिना ग्राम सभा के अनुमति लिए पुसनार में कैंप स्थापित कर दिया है. साथ ही सड़क चौड़ीकरण के नाम पर किसानों के खेतों को बर्बाद किया जा रहा है. ग्रामीणों ने मारपीट के बकायदा तस्वीर भी मीडिया को जारी की है.
जवानों के मारपीट से 60 ग्रामीण हुए घायल
दरअसल पिछले 10 दिनों से ग्रामीण बीजापुर जिले के पुसनार - बुरजी में खुले पुलिस कैंप के विरोध में इकट्ठा हो रहे थे, और 11 जनवरी से ही अपने घरों से सारे राशन सामान ,बर्तन और जरूरी सामान लेकर बुरजी निकल गए, हालांकि इस दौरान घटनास्थल जाने के लिए पुलिस ने उन्हें मना भी किया, लेकिन ग्रामीण नहीं माने और 19 जनवरी को सैकड़ों ग्रामीणों ने पुसनार- बुरजी कैंप के सामने विरोध प्रदर्शन किया. ग्रामीणों का आरोप है कि इस दिन सुरक्षा बल के जवान बड़ी संख्या में पहुंचे और उनकी डंडों से पिटाई कर दी, जिससे कई ग्रामीणों को काफी गंभीर चोट आई है.
पुलिस के जवानों ने ना महिला को देखा और ना ही छात्रों को इस मारपीट की वारदात में 60 से ज्यादा ग्रामीण घायल हुए, कई लोगों को गहरी चोट आई है, ग्रामीणों का कहना है कि वे नहीं चाहते कि उनके गांव में कैंप खुले, लेकिन जवानों ने कैम्प को बिना ग्रामीणों के अनुमति लिए खोल दिया और विरोध करने पर उनसे मारपीट की, कैम्प खोलने से पहले किसी तरह की कोई ग्राम सभा भी आयोजित नहीं की गई.
ग्रामीणों ने मांग की है कि मारपीट करने वाले जवानों पर कार्रवाई की जाए और तत्काल गांव से पुलिस कैम्प को हटाया जाए. क्योंकि पुलिस कैंप खुलने से ग्रामीणों पर अत्याचार बढ़ेगा और झूठे मामले में फंसा कर ग्रामीणों को जेल में ठूसा जाएगा, साथ ही नक्सल सहयोगी बताकर पुलिस के जवान ग्रामीणों को जबरन उठाकर ले जाएंगे.
आईजी ने मारपीट की घटना से किया इंकार
हालांकि इस पूरे मामले में बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने जवानों के द्वारा मारपीट से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि घटना की वस्तु स्थिति पता की जा रही है, लेकिन अभी तक जवानों के द्वारा ग्रामीणों से मारपीट की कोई शिकायत नहीं मिली है, हालांकि ग्रामीण जरूर कैम्प का विरोध कर रहे हैं, लेकिन उन्हें मनाया जा रहा है और इस कैम्प को उनके स्वागत के लिए ही खोला जा रहा है, लेकिन नक्सली नहीं चाहते हैं कि वहां कैंप खुले इस वजह से कुछ ग्रामीणों को भड़का कर वह कैम्प का विरोध करवा रहे हैं, लेकिन पुलिस के जवान ग्रामीणों को मना रहे हैं. मारपीट की ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली है, लेकिन इसके बारे में जरूर पता की जा रही है.
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