Bastar News: छत्तीसगढ़ के बस्तर में 75 दिनों तक मनाए जाने वाले विश्व प्रसिद्ध दशहरा पर्व में गुरुवार को मुरिया दरबार की रस्म पूरी की गई. इस रस्म में बस्तर के राजकुमार कमलचंद भंजदेव समेत बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम और सभी प्रशासनिक अधिकारी और दशहरा पर्व समिति के सभी सदस्य मौजूद रहे. विधानसभा चुनाव की वजह से कोई भी जनप्रतिनिधि इस मुरिया दरबार में नहीं पहुंचा. हर साल इस मुरिया दरबार में प्रदेश के मुख्यमंत्री पहुंचते हैं और बस्तर दशहरा समिति के सदस्य मांझी चाल की मुखिया के लिए घोषणाओं का पिटारा खोलते हैं , लेकिन इस बार आचार संहिता की वजह से मुरिया दरबार की रस्म तो अदा की गई लेकिन समिति के सदस्यों के लिए कोई घोषणा नहीं हुई.
रियासत काल से है मुरिया दरबार की परंपरा
दरअसल मुरिया दरबार बस्तर दशहरा पर्व की एक प्रमुख परंपरा है, जिसका निर्वहन पिछले 600 सालों से किया जा रहा है. इस परंपरा के तहत बस्तर के महाराजा राजमहल परिसर से करीब 500 मीटर की दूरी पर स्थित सीरासार चौक के पास अपनी दरबार लगाते थे और यहां पर बस्तर दशहरा समिति के प्रमुख माझी, चालकी, मेम्बर, मेम्बरीन, के साथ ही इस दशहरा से जुड़े लोगों और ग्रामीणों की समस्या सुनकर उनका निराकरण करते थे. हालांकि समय के साथ राजा महाराजाओं का समय खत्म हुआ और परंपराएं भी बदली. अब ग्रामीणों और समिति के सदस्य माझी, चालकियो की समस्याएं शासन प्रशासन के लोग सुनते हैं और खुद मुख्यमंत्री भी बस्तर के इस मुरिया दरबार में शामिल होते हैं. लेकिन चुनाव की वजह से मुख्यमंत्री इस मुरिया दरबार में शामिल नहीं हो पाए. हालांकि बस्तर राजपरिवार के राजकुमार कमल चंद भंजदेव समेत बस्तर कलेक्टर और तमाम प्रशासनिक अधिकारी इस मुरिया दरबार में मौजूद रहे.
बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम ने दशहरा पर्व को अच्छे तरीके से संपन्न कराने के लिए समिति को बधाई दी. बस्तर कलेक्टर ने कहा कि चुनाव को ध्यान में रखते हुए बस्तर दशहरा के सभी रस्मों को विधि विधान से संपन्न कराया गया. वही इस साल बड़ी संख्या में बस्तर दशहरा पर्व पर स्थानीय लोगों और पर्यटकों का जन सैलाब उमड़ पड़ा. उन्होंने कहा कि चुनाव को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने भी इस पर्व को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने कहा कि मुरिया दरबार में कुछ बातें सामने आई है जिसको लेकर अगली बार के दशहरा पर्व में इन सभी बातों को ध्यान में रखकर और अच्छे तरीके से दशहरा पर्व संपन्न कराया जाएगा. कलेक्टर ने बताया कि आचार संहिता के वजह से दशहरा समिति के अध्यक्ष और प्रदेश के मुख्यमंत्री व स्थानीय जनप्रतिनिधि इस मुरिया दरबार में शामिल नहीं हो पाए.
इस साल दशहरा पर्व में दिखी ऐतिहासिक भीड़
वहीं बस्तर के राजकुमार कमलचंद भंजदेव ने बताया कि इस साल बस्तर दशहरा पर्व में सभी रस्मो में ऐतिहासिक भीड़ देखने को मिली. पिछले सालों के मुकाबले इस साल बड़ी संख्या में बस्तर संभाग के सातों जिलों के साथ अन्य राज्यों के पर्यटक और विदेशों से भी बड़ी संख्या में पर्यटक बस्तर दशहरा पर्व को देखने यहां आए हुए थे. हालांकि उन्होंने कहा कि जिस तरह से लगातार हर साल दशहरा पर्व के दौरान लोगों की संख्या बढ़ रही है, और स्थानीय लोग भी बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं. इनकी सुविधा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन को उनकी ठहरने की अच्छी व्यवस्था की जानी चाहिए. वहीं पर्व के दौरान किसी तरह का कोई हादसा ना हो इसका भी खास ख्याल रखा जाना चाहिए.
ये भी पढ़ें: Chhattisgarh News: कोरबा में दशहरा पर 2 करोड़ की शराब गटक गए मदिरा प्रेमी, आबकारी विभाग ने जारी किए आंकड़े