Manendragarh News: जिस ज़िले के कोयले से प्रदेश और देश में उजाला होता है. जिस इलाक़े के विधायक खुद एक डॉक्टर हों... वहां के अस्पताल में अगर मोबाइल की रोशनी में मरीज़ का इलाज करना पड़े, तो इससे ज़्यादा दुर्भाग्य की बात और क्या हो सकती है.  मनेन्द्रगढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला, जहां विधायक की मौजूदगी में डॉक्टरों को मोबाइल की रोशनी में घायल का इलाज करना पड़ा.


टॉर्च की रोशनी में हुआ घायल का इलाज
दरअसल, जिले के नदीपार इलाके का रहने वाला 22 वर्षीय वसीम बाइक पर सवार होकर कहीं जा रहा था. इसी दौरान मनेंद्रगढ़-अम्बिकापुर रोड पर उसकी बाइक नदीपार इलाके में डिवाइडर से टकराकर गई, जिससे वह ट्रक की चपेट में आ गया. गंभीर रूप से घायल वसीम को तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मनेंद्रगढ़ लाया गया, लेकिन यहां अस्पताल के हालात इतने खराब थे कि कि मरीज का प्राथमिक इलाज मोबाइल की टॉर्च की रोशनी में करना पड़ा. प्राथमिक उपचार के बाद युवक को रायपुर रेफर किया गया, लेकिन युवक ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया.


इलाज के दौरान स्थानीय विधायक भी रहे मौजूद
वसीम को इलाज के लिये जिस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया था वहां जेनरेटर तो है लेकिन खराब होने की वजह से वह चालू नहीं हो सका, जिसकी वजह से टॉर्च की रोशनी में ही मरीज का इलाज करना पड़ा. खास बात ये है कि इलाज के दौरान अस्पताल में क्षेत्रीय विधायक डॉ. विनय जायसवाल भी मौजूद थे.  टॉर्च की रोशनी में इलाज होते देख विधायक जी को काफी जलालत का सामना करना पड़ा.


विधायक की उदासीनता को बयां कर रहे अस्पताल के हालात
गौरतलब है कि, मनेंद्रगढ़ जिला में कोयले का उत्पादन किया जाता है. यहां के कोयले से प्रदेश सहित पूरा रोशन होता है. ऐसे में दुर्भाग्यजनक बात है कि, जिस जिले की वजह से दूसरे जिले रोशन हो रहे हों, उसी जिले के अस्पताल में लाइट नहीं है. इसके अलावा जिस क्षेत्र में टॉर्च की रोशनी से मरीज का इलाज किया गया, वहां के विधायक डॉ. विनय जायसवाल खुद एक डॉक्टर हैं. ऐसे में उनके द्वारा अपने क्षेत्र के अस्पताल की ऐसी अव्यवस्था पर ध्यान नहीं दिया जाना उनकी उदासीनता को दर्शाता है.


 डॉक्टर बोले एक ही टॉर्च की रोशनी में करना पड़ता है इलाज
इस घटना को लेकर बीएमओ डॉ. सुरेश तिवारी ने बताया कि, अस्पताल में जो जेनरेटर है, वह खराब है. यह कब सही होगा इसका कोई पता नहीं. उन्होंने आगे कहा कि कभी-कभी लाइट चले जाने पर हम लोगों को ऐसे ही टॉर्च की रोशनी में इलाज करना पड़ता है.


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