Chhattisgarh Latest News: छत्तीसगढ़ ( Chhattisgarh) के दुर्ग जिला कोर्ट (Durg District Court) ने दहेज के मामले में जिले के दो थानेदार और एक उपनिरीक्षक को गलत जांच और दस्तावेजों से जालसाजी करने का दोषी पाया है. कोर्ट ने भिलाई नगर थाना प्रभारी को आदेश किया है कि वे दहेज केस की आवेदिका सहित तीनों पुलिस अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करें और कोर्ट को 30 अप्रेल तक प्रथम सूचना पत्र की एक कॉपी न्यायालय में पेश करे. साथ ही दहेज प्रताड़ना का गलत आरोप लगाने वाली प्रतिभा सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं
सूचना के अधिकार में हुआ खुलासा
बृजभूषण त्रिपाठी के वकील एके मिश्रा ने बताया कि उतई रोड में रहने वाली 24 वर्षीय प्रतिभा सिंह ने दीपक त्रिपाठी उसके भाई रवि और पिता बृजभूषण त्रिपाठी व चाचा मोहन त्रिपाठी के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज कराया था.
इस मामले में दीपक की गिरफ्तारी हो जाने के बाद उसके पिता बृजमोहन भूषण ने 8 अक्टूबर 2020 को एसपी से शिकायत की थी उन्होंने आरोप लगाया था कि टीआई और जांच अधिकारी ने सीआरपीसी की धारा का पालन नहीं किया गया है. आरोप लगाया कि सूचना के अधिकार के तहत जो दस्तावेज मिले हैं उसमें जालसाजी की गई है.
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फर्जी हस्ताक्षर किया गया
जांच में पाया गया कि दीपक त्रिपाठी के फर्जी हस्ताक्षर किए गए थे. साथ ही बृजमोहन त्रिपाठी ने तत्कालीन महिला थाना प्रभारी से इस मामले की जांच कर कार्रवाई की मांग की थी. लेकिन उसकी शिकायत पर कोई जांच व कार्रवाई नहीं की गई. इसके बाद बृजमोहन त्रिपाठी ने मामले की शिकायत दुर्ग रेंज आईजी और हाईकोर्ट से की थी.
इसके बाद हाई कोर्ट के निर्देश पर बृजमोहन त्रिपाठी ने जिला न्यायालय दुर्ग में याचिका लगाया था. जिला न्यायालय दुर्ग में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी सोनी तिवारी ने इस मामले की सुनवाई की. उन्होंने सुनवाई करते हुए पाया कि फर्जी हस्ताक्षर किए गए हैं.
दीपक त्रिपाठी के तरफ से किए गए आवेदन पर न्यायालय ने तत्कालीन महिला प्रभारी सी तिर्की, महिला थाना प्रभारी प्रभा राव, एसआई मोहनी साहू और दहेज प्रताड़ना का गलत आरोप लगाने वाली प्रतिभा सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं. इस मामले में नगर थाना प्रभारी एम एल शुक्ला का कहना है कि उनके पास अभी आदेश नहीं आया है जैसे ही न्यायालय का आदेश आएगा उच्च अधिकारियों के निर्देश लेकर एफआईआर दर्ज किया जाएगा.
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