छत्तीसगढ़ सरकार ने पेड़ों की कटाई के नियमों में सरलीकरण किया है. नियमों के बदलाव के बाद अब जमीन के मालिक अपने जमीन पर लगे पेड़ों की कटाई खुद कर सकते हैं. इसके लिए अब किसी भी तरह का परमिशन लेने की जरूरत नहीं है. यानी अगर आप की जमीन पर कोई पेड़ है तो उसके काटने के लिए आपको वन विभाग या निगम से किसी भी तरह के सरकारी अनुमति लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी. बस आपको सूचना देना जरूरी है.


भूस्वामी अपनी जमीन में लगे पेड़ों को खुद कर सकते हैं कटाई


मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर राज्य शासन द्वारा निजी भूमि पर कृषि के रूप में रोपित वृक्षों और प्राकृतिक रूप से उगे वृक्षों की कटाई के नियमों का सरलीकरण किया गया है. जिसके अनुसार अब भूमिस्वामी अपनी भूमि में कृषि के रूप में रोपित वृक्षों की कटाई खुद करवा सकेंगे. पेड़ों की कटाई के लिए अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी. उन्हें मात्र अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को सूचना देनी होगी. भूमिस्वामी वन विभाग से भी वृक्ष कटवा सकेंगे. इसी प्रकार भूमि पर प्राकृतिक रूप से उगे हुए वृक्षों की कटाई के लिए भूमिस्वामी को अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को आवेदन देना होगा. अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को निर्धारित प्रक्रिया के तहत निश्चित समयावधि में लिखित अनुमति देनी होगी. यदि आवेदक को समयावधि के बाद अनुमति नहीं मिलती तो भूस्वामी पेड़ कटाई के लिए स्वतंत्र होंगे. 


अनुविभागीय अधिकारी को देनी होगी सूचना


प्राकृतिक रूप से उगे वृक्षों की कटाई की अनुमति के लिए अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को आवेदन मिलने के 45 दिन के अंदर प्रक्रिया के अनुसार अनुमति देनी होगी. यदि आवेदक को लिखित अनुमति प्राप्त नहीं होती है तो वे स्मरण पत्र दे सकेंगे. यदि अगले 30 दिन के भीतर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व से लिखित अनुमति प्राप्त नहीं होती है तो इसे अनुमति माना जाएगा और भूमिस्वामी वृक्षों की कटाई के लिए स्वतंत्र होगा. इस संबंध में हुए विलम्ब एवं नियमों का उल्लंघन होता है तो उसके लिए अनुविभागीय अधिकारी राजस्व उत्तरदायी होंगे. यदि भूमि स्वामी चाहें तो वन विभाग के माध्यम से भी वृक्षों की कटाई करा सकेंगे. एक कैलेण्डर वर्ष भूमि पर प्राकृतिक रूप से उगे अधिकतम 4 वृक्ष प्रति एकड़ के मान से एवं अधिकतम कुल 10 वृक्षों की कटाई की अनुमति दी जा सकेगी. 


यह जानकारी देना होगा अनिवार्य


इसी प्रकार भूमि स्वामी अपनी भूमि में कृषि के रूप में रोपित वृक्षों की कटाई, राजस्व अभिलेखों में पंजीयन के आधार पर, करवा सकेंगे. कटाई से एक महीना पहले अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एवं वन परिक्षेत्र अधिकारी को कटाई का कारण, प्रजाति एवं संख्या स्पष्ट उल्लेखित करते हुए, सूचना निर्धारित प्रारूप में देना आवश्यक होगा. सूचना के साथ पंजीयन संबंधी राजस्व अभिलेख एवं स्वघोषणा पत्र निर्धारित प्रारूप में देना होगा. 


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