Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के डीएम पुष्पेंद्र मीणा ने चार ऐसे अस्पतालों को ऊपर कार्यवाही की है जो कई सालों से बिना लाइसेंस के संचालित हो रहा था. डीएम ने कार्रवाई करते हुए अस्पतालों को सील कर दिया है. साथ ही सभी अस्पतालों पर 20-20 हजार रुपए का अर्थ दंड लगाया है. इसके साथ ही डीएम ने निर्देश दिए हैं कि जब तक अस्पताल का लाइसेंस नहीं बन जाता तब तक अस्पताल ना खोला जाए.


दुर्ग डीएम पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने चार अस्पतालों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए इन अस्पतालों को सील कर दिया है जिसमें गंगोत्री हॉस्पिटल एंड डायग्नोस्टिक सेंटर धमधा, सीतादेवी क्लीनिक श्याम प्लाजा ग्राउंड फ्लोर अहिवारा रोड कुम्हारी, नंदिनी नर्सिंग होम वार्ड नं. 7 अहिवारा एवं लैब केयर डायग्नोस्टिक, वार्ड नं. 6 अहिवारा अस्पताल शामिल है. इन चारो संस्था के संचालकों को नर्सिंग होम एक्ट लायसेंस के बिना संस्था का संचालन करते पाये जाने पर नर्सिंग होम एक्ट की धारा 12 (क) (1) के तहत 20-20 हजार रूपये के जुर्माने से दण्डित किया है. साथ ही उन्होंने लाइसेंस प्राप्त होने तक उक्त चारों संस्थाओं का संचालन बंद रखना निर्देशित किया है.


अस्पताल पर लगाया गया जुर्माना
आपको बता दे कि नर्सिंग होम एक्ट लायसेंस के बिना चिकित्सकीय संस्था का संचालन नर्सिंग होम एक्ट 2010 व 2013 का उल्लंघन है. दण्डित जुर्माना राशि नोटिस जारी होने के 5 दिन के भीतर ’’सुपरवाईजरी अथॉरिटी सी.जी. नर्सिंग होम एक्ट डिस्ट्रिक्ट दुर्ग’’ नाम पर बैंक ड्रॉफ्ट बनवाकर कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी दुर्ग में जमा करने निर्देशित किया गया है. डीएम पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने सूचना के अधिकार के तहत मरीज के उपचार संबंधी असंतोषप्रद जानकारी उपलब्ध कराने पर हॉस्पिटल के संचालक को 20 हजार रूपए के जुर्माने से दण्डित किया है. दण्डित जुर्माना राशि नोटिस जारी हाने के 5 दिन के भीतर ’’सुपरवाईजरी अथॉरिटी सी.जी. नर्सिंग होम एक्ट डिस्ट्रिक्ट दुर्ग’’ नाम पर बैंक ड्रॉफ्ट बनवाकर कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी दुर्ग में जमा करने निर्देशित किया गया है. 


अस्पतालों को मरीजों का यह रिकॉर्ड रखना है जरूरी
मिली जानकारी के अनुसार व्ही. वाय. हॉस्पिटल पद्मनाभपुर दुर्ग के संचालक को बार-बार प़त्र भेजा गया उसके बावजूद भी मरीज के चिकित्सकीय उपचार संबंधी अभिलेख उपलब्ध नहीं कराए गए, जबकि छत्तीसगढ़ राज्य उपर्चायगृह एवं रोगोपचार संबंधी स्थापनाएं अनुज्ञापन अधिनियम 2010 व 2013 के अनुसूची 7, नियम 14 (2)(3) अंतर्गत प्रत्येक नर्सिंग होम, क्लीनिक एवं अस्पताल में मरीज के आने, उसका उपचार शुरू होने की तारीख से 5 वर्ष की अवधि के लिए मेडिकल रिकार्डों का अनुरक्षण करना व सुरक्षित रखने का प्रावधान है. व्ही. वाय. हॉस्पिटल द्वारा मरीज के उपचार संबंधी असंतोषप्रद जानकारी उपलब्ध कराया जाना नर्सिंग होम एक्ट 2010 व 2013 का उल्लंघन है.


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