Mahadev App Case: प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने बुधवार को आरोप लगाया कि गिरफ्तार किये गये छत्तीसगढ़ पुलिस के सहायक उपनिरीक्षक ने मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़े उच्च अधिकारियों और नेताओं को प्रभावित करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) के राजनीतिक सलाहकार के साथ ‘अपने संबंधों’ और दुबई से प्राप्त हवाला धनराशि का इस्तेमाल किया. एजेंसी ने एक बयान में ये आरोप लगाये हैं. 


उससे पहले उसने महादेव ऐप धनशोधन मामले में कथित संलिप्तता के आरोप में सहायक उपनिरीक्षक चंद्रभूषण वर्मा, कारोबारी सुनील दम्मानी और उसके भाई अनिल दम्मानी और सतीश चंद्राकर कोको गिरफ्तार किया था. महादेव ऐप एक आनलाईन जुआ ऐप है. प्रवर्तन निदेशालय ने आरोप लगाया कि गिरफ्तार किये गये इन चारों आरोपियों ने ‘‘खासकर मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़े उच्च अधिकारियों के नाम लिये हैं जिन्होंने मासिक /नियमित आधार पर काफी पैसे लिये हैं. ’’


मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने  क्या कहा
इससे पहले बुधवार को ईडी ने रायपुर और दुर्ग में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा, मुख्यमंत्री के दो ओएसडी, एक कारोबारी समेत अन्य लोगों के परिसरों में छापा मारा था. तलाशी शुरू होने के शीघ्र बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, ‘‘माननीय प्रधानमंत्री और अमित शाह. मेरे राजनीतिक सलाहकार, ओएसडी और करीबियों के यहां ईडी भेजकर मेरे जन्मदिन पर आपने जो बेशकीमती तोहफा दिया है, उसके लिए आपको बहुत-बहुत धन्यवाद.’’


21 अगस्त को ईडी ने छापा मारा था
जिन चारों को गिरफ्तार किया गया है, उनके परिसर पर 21 अगस्त को ईडी ने छापा मारा था. ईडी के अनुसार जांच में पाया गया कि चंद्रभूषण वर्मा को 65 करोड़ रुपये मिले थे. ईडी का कहना है कि उसने अपना हिस्सा रखकर बाकी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों एवं नेताओं के बीच बांट दिया. इससे पहले ईडी के अधिवक्ता सौरभ पांडेय ने बताया था कि महादेव ऐप मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने कारोबारी सुनील दम्मानी और उनके भाई अनिल दम्मानी, छत्तीसगढ़ पुलिस के सहायक उप निरीक्षक चंद्र भूषण वर्मा और सतीश चंद्राकर को गिरफ्तार किया है और ये सभी आरोपी रायपुर के रहने वाले हैं.


कोर्ट ने आरोपियों ईडी हिरासत में भेजा
पांडेय ने बताया था, ''ईडी के अधिकारियों ने चार लोगों को गिरफ्तार किया और उन्हें पीएमएलए की विशेष अदालत में पेश किया गया. अदालत ने आरोपियों को छह दिन के लिए ईडी की हिरासत में भेजा है.'' अधिवक्ता ने बताया था ईडी की जांच पिछले वर्ष छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा दुर्ग जिले के मोहन नगर पुलिस थाने में अवैध ऐप के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी पर आधारित है. 


ईडी सूत्रों के मुताबिक दम्मानी बंधुओं की आभूषण की एक दुकान और एक पेट्रोल पंप है और वे हवाला लेनदेन में शामिल हैं. बताया जा रहा है कि पुलिसकर्मी वर्मा ने अन्य आरोपियों को किसी भी पुलिस कार्रवाई से बचाने के लिए उनसे पैसे इकट्ठा किए थे. सूत्रों ने बताया कि आरोपी सतीश चंद्राकर पर आरोप है कि वह ऐप में पैसे लगाने के लिए पहचान पत्र उपलब्ध कराता था.


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