Chhattisgarh Politics: चुनावी साल में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी के बीच टकराव! बीजेपी ने यूं ली चुटकी
छत्तीसगढ़ कांग्रेस में सत्ता और संगठन के बीच तालमेल को लेकर सवाल उठाए जा रहे है. इसी कड़ी में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने कांग्रेस पर तंज कसा है. उन्होंने कहा यह सत्ताधारी संगठन है या हस्तिनापुर?
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Chhattisgarh politics: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी के भीतर गुटबाजी अब सार्वजनिक रूप दिखने लगी है. पीसीसी चीफ मोहन मरकाम(Mohan markam) के द्वारा पदाधिकारियों की नियुक्ति को प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा(Kumari sailja) ने एक झटके में समाप्त कर दिया है. चुनावी साल में चल रहे गुटबाजी पर अब सियासती गरमा गई है.बीजेपी(BJP)के बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव(Arun Sao) का इस मामले में बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने ने कांग्रेस पार्टी को कौरव की सेना बता दिया है.
मोहन मरकाम और कुमारी सैलजा के बीच टकराव!
दरअसल 16 जून को पीसीसी चीफ मोहन मरकाम(Mohan markam) ने संगठन में बदलाव करते हुए 6 पदाधिकारियों को चुनाव को लेकर बड़ी जिम्मेदारी दी गई थी. लेकिन इस नियुक्ति पर प्रदेश प्रभारी (Kumari sailja) ने नाराजगी जताते हुए 21 जून को नियुक्तियों को निरस्त कर दिया. इसके बाद कांग्रेस पार्टी के भीतर पीसीसी चीफ (PCC chief) मोहन मरकाम और प्रभारी कुमारी सैलजा के बीच टकराव की स्थिति नजर आ रही है. प्रभारी के फैसले को पालन करने की जगह पीसीसी चीफ इसपर समीक्षा करने की बात कर रहे है.
नियुक्तियों पर BJP-Congress में राजनीति शुरू
चुनावी साल में कांग्रेस की ऐसे परिस्थिति को देखकर बीजेपी(BJP) ने कांग्रेस(Congress)को आड़े हाथ लिया है.बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि कांग्रेस की गैंगवार के कारण छत्तीसगढ़(Chhattisgarh) की जनता के हित प्रभावित हो रहे हैं यह गृह युद्ध कांग्रेस की सरकार बनने के फौरन बाद से शुरू हुआ है जो साढ़े 4 साल से लगातार जारी है और इस युद्ध की पूर्णाहुति इस चुनाव में होने वाली है. वहीं कांग्रेस ने इसे पार्टी का सामान्य प्रशासनिक प्रक्रिया बता रही है.
BJP ने कहा यह सत्ताधारी संगठन है या हस्तिनापुर?
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव(Arun Sao) ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष को संगठन चलाने की इजाजत नहीं है.मुख्यमंत्री भूपेश बघेल(CM bhupesh baghel) सत्ता के साथ-साथ संगठन पर भी तानाशाही चला रहे हैं. प्रदेश अध्यक्ष अपने संगठन में कोई जिम्मेदारी तय करते हैं तो उसे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल प्रदेश प्रभारी(Kumari sailja) से निरस्त करवा देते हैं. इसके आगे साव(Arun Sao) ने तंज कसते हुए कहा कि यह सत्ताधारी संगठन है या हस्तिनापुर (Hastinapur)? कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व छत्तीसगढ़ से होने वाली भ्रष्टाचार की काली कमाई की चकाचौंध से धृतराष्ट्र (Dhritarashtra) की भूमिका में दिखाई देता है और यहां की कांग्रेस दुर्योधन (Duryodhan). भूपेश बघेल(CM bhupesh baghel) का सिंडिकेट मरकाम(Mohan markam) को बंधक बनाए हुए है.
Congress ने कहा बीजेपी के पास कोई मुद्दे नहीं है
बीजेपी के आरोपों पर कांग्रेस ने पलटवार किया है. छत्तीसगढ़ कांग्रेस(Chhattisgarh Congress) के संचार विभाग प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि बीजेपी(BJP) के पास कोई काम बचा नहीं है. बस बैठ कर देखते रहते है की कांग्रेस पार्टी में कब क्या हो रहा है? तो मैं बयान दे दूं और अखबारों(News paper) में हमारा नाम छप जाए. टीवी(telivision) में हमरा चेहरा दिख जाए. इनके पास में कोई मुद्दे नहीं है. सूची हमारी सामान्य प्रशासनिक प्रक्रिया है. इसमें कोई विवाद का विषय नहीं है. बीजेपी(BJP) अपने यहां देखे पार्टी में अबतक सामंजस्य स्थापित नही कर पाए है.वो क्या बात करेंगे.
मोहन मरकाम ने कहा आगमी आदेश तक...
वहीं नियुक्तियों को लेकर उठे सियासी तूफान के बाद पीसीसी चीफ मोहन मरकाम(Mohan markam) ने कहा कि सैलजा जी हमारे अभिभावक है. उनका जो भी आदेश होता है निर्देश होता है पीसीसी पालन करती है. नियुक्तियों को लेकर सैलजा मेम(Kumari sailja) का निर्देश मिला है. इस पर हम समीक्षा करेंगे.उनके निर्देशों का पालन करेंगे. नियुक्तियों को लेकर स्पष्ट कहा गया है कि आगामी आदेश तक विचारनीय है. हो सकता है आज है कल चेंज हो जाए. वो तो समय समय की बात है. तात्कालिक व्यवस्था के तहत काम करने के लिए देते है. स्थाई कोई नहीं रहता है.
इन नेताओं को दी गई थी संगठन में अहम जिम्मेदारी
गौरतलब है कि पीसीसी चीफ मोहन मरकाम(mohan markam)ने 16 जून को 6 पदाधिकारियों को संगठन में बड़ी जिम्मेदारी दी थी.इसके अनुसार प्रभारी महामंत्री प्रशासन और संगठन की जिम्मेदारी अरूण सिसोदिया को दिया गया था. इसके साथ महामंत्री रवि घोष बस्तर संभाग प्रभारी, महामंत्री अमरजीत चावला(Amarjeet Chawla) रायपुर शहर, युथ कांग्रेस और एनएसयूआई का प्रभारी बनाया गया था. उपाध्यक्ष प्रतिमा चंद्राकर राजनांदगांव प्रभारी बनाया गया था. महामंत्री चंद्रशेखर शुक्ला को मोहला मानपुर प्रभारी का प्रभारी और महामंत्री यशर्वधन राव को प्रशिक्षण प्रभारी की जिम्मेदारी दी गई थी.
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