Bastar News: छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव (Assembly Election) के लिए कुछ ही महीने शेष रह गए हैं. ऐसे में अभी से ही दोनों प्रमुख पार्टियों के उम्मीदवारों में टिकट के लिए रस्साकशी चल रही है. सभी चुनाव से पहले सक्रिय होते नजर आ रहे हैं. हाल ही में ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के संयुक्त सचिव विजय जांगिड़ ने भी वर्तमान विधायकों को दोबारा टिकट देने को लेकर बिलासपुर में बयान जारी किया था. इसके बाद अब आबकारी मंत्री कवासी लखमा का बयान भी सामने आया है. इसमें उन्होंने कहा कि टिकट देना तो हाईकमान के हाथों में है. 


'मेरे हाथ में कोई पावर नहीं'
कांग्रेस के बड़े नेता ही यह तय करेंगे कि किसको टिकट देना है और किसको नहीं. लखमा ने यह भी कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में उन्हें टिकट मिलेगा या नहीं, इसकी भी कोई गारंटी नहीं है. ऐसे में टिकट देने का अंतिम निर्णय हाईकमान को लेना है. मैं सिर्फ एक पार्टी का कार्यकर्ता हूं. मेरे हाथ में टिकट को लेकर कोई पॉवर नहीं है.


'चेक की जा रही विधायकों की परफॉमेंस'
दरअसल, मंत्री कवासी लखमा ने यह बयान अपने जगदलपुर प्रवास के दौरान दिया. कांग्रेस के सीटिंग एमएलए को पार्टी की तरफ से दोबारा टिकट मिलेगा या नहीं, इस पर मीडिया के सवाल पर मंत्री ने कहा कि पार्टी सर्वे करा रही है. पार्टी के सभी बड़े नेता विधायकों की परफॉर्मेंस की जानकारी भी ले रहे हैं. 


कार्यकर्ताओं से भी हो रही रायशुमारी
पार्टी के बड़े नेता कार्यकर्ताओं से रायशुमारी करने और संगठन के पदाधिकारियों से बातचीत करने के बाद ही टिकट फाइनल करेंगे. ऐसे में किस वर्तमान विधायक को दोबारा टिकट मिलेगा या नहीं इस पर कुछ कहना जल्दबाजी होगी. कवासी लखमा ने कहा कि अभी यह तय  नहीं है कि पार्टी मुझे दोबारा टिकट देगी या नहीं. इसकी भी अभी कोई गारंटी नहीं है.


बीजेपी के नेता कर रहे ओछी राजनीति
मंत्री कवासी लखमा ने बीजापुर के विधायक विक्रम मंडावी के काफिले पर नक्सली हमले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि बस्तर एक संवेदनशील क्षेत्र है. किसी भी नेता को वहां के जिले के एसपी और पुलिस के अधिकारियों से इजाजत लेने के बाद ही कोर एरिया में जाना चाहिए. अगर अधिकारी सुरक्षा का हवाला देते हुए मना करते हैं तो ऐसी जगह जाने से बचना चाहिए. कवासी लखमा ने कहा कि अपने जान की सुरक्षा पहली प्राथमिकता है. 


पूर्व विधायक पर हमले को लेकर दिया बयान
मंत्री ने बीजापुर के पूर्व विधायक और बीजेपी के वरिष्ठ नेता महेश गागड़ा के नक्सली हमले को प्रोपेगेंडा कहे जाने पर उन्होंने पलटवार करते हुए कहा कि ऐसे मामले में किसी भी राजनीतिक दल के नेता को इस तरह की बयानबाजी नहीं करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि महेश गागड़ा के इस बयान से उनकी ओछी राजनीति का पता चलता है. कवासी लखमा ने कहा कि हमने कभी बीजेपी के नेताओं पर हुए नक्सली हमले को लेकर प्रोपेगेंडा नहीं किया. इसमें तो ऐसी घटनाओं की निंदा की है. लेकिन, बीजेपी के लोग ऐसे मामलों में भी राजनीति कर रहे हैं.


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