Chhattisgarh Election 2023: बीजेपी ने बस्तर (Bastar0 संभाग के 12 विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी है. इन नामों की घोषणा के बाद अधिकांश सीटों पर टिकट को लेकर विरोध देखने को नहीं मिला, लेकिन दंतेवाड़ा विधानसभा सीट पर अपनी मां को टिकट नहीं मिलने से नाराज दंतेवाड़ा (Dantewada) के पूर्व विधायक भीमा राम मंडावी (Bheema Ram Mandavi) की बेटी ने सोशल मीडिया पर बीजेपी (BJP) नेताओं के प्रति अपनी नाराजगी व्यक्त की है. 


2019 में लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान दंतेवाड़ा के अंदरूनी क्षेत्र में बीजेपी के तत्कालीन विधायक भीमाराम मंडावी के वाहन को ब्लास्ट कर नक्सलियों ने उड़ा दिया था. जिससे भीमा राम मंडावी  की मौके पर ही मौत हो गई थी. मंडावी के परिवार को उम्मीद थी कि उनकी पत्नी ओजस्वी मंडावी को इस दंतेवाड़ा से बीजेपी अपना प्रत्याशी बनाएगी, लेकिन बीजेपी ने दंतेवाड़ा से चैतराम अटामी को टिकट दिया है. इसके बाद इस पर आपत्ति जताते हुए भीमा मंडावी की बेटी दीपा मंडावी ने एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है.


पिता के बलिदान की हुई उपेक्षा- दीपा
दीपा मंडावी ने एक वीडियो जारी कर टिकट वितरण पर सवाल उठाया है. इस विधानसभा चुनाव के लिए ओजस्वी मंडावी लगातार पार्टी के अंदर अपनी दावेदारी पेश कर रही थीं.  दीपा मंडावी ने वीडियो में बीजेपी पर पिता के बलिदान की उपेक्षा करने का आरोप पर लगाया है. दीपा मंडावी ने कहा, ''मेरे पापा के बलिदान की कोई कीमत नहीं रही. उन्होंने बीजेपी के लिए जान दे दी, उनके अधूरे काम को पूरा करने के लिए मां ने राजनीति में कदम रखा, पूरा परिवार बीजेपी का सम्मान करता है, लेकिन उनके बलिदान को बीजेपी के पदाधिकारियों ने क्यों नजरअंदाज कर दिया?''


परिवार को थी टिकट मिलने की उम्मीद
दीपा ने पूछा, ''आखिर कहां कमी रह गई.  परिवार को पूरी उम्मीद थी कि बीजेपी उनकी मां ओजस्वी मांडवी को टिकट देगी, लेकिन ऐसा नहीं कर बीजेपी ने मेरे पिता के बलिदान को बेइज्जत किया है. मैं सवाल करना चाहती हूं कि आखिर पार्टी के नेताओं के द्वारा ऐसा क्यों किया गया इसका जवाब मैं जानना चाहती हूं.'' 2018 के विधानसभा चुनाव में बस्तर संभाग में एकमात्र दंतेवाड़ा की सीट को ही बीजेपी जीत पाई थी. भीमा मंडावी ने कांग्रेस की प्रत्याशी देवती कर्मा को बेहद कम अंतर से हराया था. 2019 में भीमा मंडावी की मौत के बाद उपचुनाव में बीजेपी  ओजस्वी मंडावी को प्रत्याशी बनाया था, लेकिन उपचुनाव में वह हार गई थीं.



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