Chhattisgarh Election 2023: अंबिकापुर में दो मेयर आजमा रहे अपनी किस्मत, चुनावी मैदान में प्रबोध मिंज और अजय तिर्की
Chhattisgarh Election: अंबिकापुर से दो-दो बार महापौर रह चुके बीजेपी के प्रबोध मिंज और कांग्रेस के मौजूदा महापौर डॉ. अजय तिर्की दोनों इस बार चुनाव मैदान में अलग-अलग दलों से अपना भाग्य आजमा रहे हैं.
Chhattisgarh Assembly Election 2023: सरगुजा संभाग मुख्यालय अंबिकापुर से दो-दो बार महापौर रह चुके बीजेपी के प्रबोध मिंज और कांग्रेस के मौजूदा महापौर डॉ. अजय तिर्की दोनों इस बार चुनाव मैदान में अलग-अलग दलों से अपना भाग्य आजमा रहे हैं. अम्बिकापुर नगर निगम गठित होने के बाद 2004 से 2014 तक लुण्ड्रा से भाजपा प्रत्याशी बने प्रबोध मिंज पहले महापौर रहे, वहीं 2014 से अब तक डॉ. अजय तिर्की महापौर के रूप में कार्यरत हैं जो इस बार पूर्व मंत्री रामविचार नेताम के खिलाफ रामानुजगंज विधानसभा से प्रत्याशी बने हैं. लुण्ड्रा से बतौर भाजपा प्रत्याशी पहली बार चुनाव लड़ रहे प्रबोध मिंज 2003 में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से अंबिकापुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ चुके हैं. वहीं डॉ. अजय तिर्की पहली बार चुनाव मैदान में उतरे हैं.
अंबिकापुर निगम के पहले महापौर प्रबोध मिंज तीसरी बार चुनाव मैदान में हैं. उन्होंने पहले निर्दलीय और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से अंबिकापुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ चुके हैं. इस बार उनका मुकाबला सामरी और लुण्ड्रा से लगातार दो बार से जीत रहे कांग्रेस के अनुभवी प्रत्याशी डॉ. प्रीतम राम के साथ है. आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित लुण्ड्रा क्षेत्र में आदिवासी उरांव वर्ग के मतदाता निर्णायक है और भाजपा ने प्रबोध मिंज के रूप में पहली बार किसी उरांव प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतारा है. वहीं कांग्रेस के अनुभवी विधायक बृहस्पत सिंह का टिकट काट रामानुजगंज से सातवीं बार चुनाव लड़ रहे पूर्व मंत्री रामविचार नेताम के खिलाफ अंबिकापुर के मौजूदा महापौर डॉ. अजय तिर्की को कांग्रेस ने इस बार चुनाव मैदान में उतारा है.
सरगुजा में पहली बार महापौर प्रत्याशी
डॉ. अजय तिर्की दस वर्षों से अंबिकापुर के महापौर हैं और इसके पहले वे रामानुजगंज क्षेत्र में ही बतौर चिकित्सक सेवारत थे. इसी आधार पर कांग्रेस ने रामानुजगंज में तीसरी बार अपनी सीट बरकरार रखने उन्हें अनुभवी रामविचार नेताम से मुकाबला करने चुनाव मैदान में उतारा है. दोनों महापौर रोचक मुकाबले में फंसे हुए हैं और भाजपा तथा कांग्रेस दोनों को उम्मीद है कि संभाग मुख्यालय अंबिकापुर में बतौर महापौर दस-दस साल अपराजेय रहने वाले दोनों प्रत्याशी अपने-अपने दल के लिए बेहतर प्रदर्शन करेंगे. सरगुजा में यह पहला मौका होगा. जब किसी महापौर को पार्टी की ओर से प्रत्याशी बनाया गया और अगर कोई इनमें विधायक बना तो भी यह सरगुजा के लिए पहला होगा.
विपक्षी पार्टी के गढ़ में कर रहे हैं मशक्कत
कांग्रेस और बीजेपी की ओर से लुण्ड्रा और रामानुजगंज से चुनाव लड़ रहे दोनों महापौर के समक्ष चुनौतियां आसान नहीं हैं. रामानुजगंज से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ रहे मौजूदा महापौर डॉ. अजय तिर्की के समक्ष भाजपा के दिग्गज नेता रामविचार नेताम सामने है, जो छह में पांच चुनाव जीत चुके हैं. रामानुजगंज विधानसभा में 2013 व 2018 में कांग्रेस की जीत हुई थी और इस बार मुकाबला आसान नहीं है. वहीं कांग्रेस के गढ़ लुण्ड्रा से बतौर भाजपा प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे पूर्व महापौर प्रबोध मिंज के खिलाफ परिसीमन के बाद लगातार हो रही भाजपा की हार को रोकने का लक्ष्य है. दोनों सीटों पर मुकाबला आसान नहीं है.
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