Chhattisgarh Election 2023: छत्तीसगढ़ में टिकट एलान के बाद नाराजगी दूर करने की कवायद, कांग्रेस-बीजेपी दोनों की बैठक
Chhattisgarh Election 2023: विधानसभा चुनाव के लिए नए प्रत्याशी को मैदान में उतारने को लेकर बीजेपी समेत कांग्रेस में असंतोष देखा जा रहा है. दोनों पार्टी के प्रभारी सरगुजा प्रवास पर हैं.
Chhattisgarh Assembly Election: छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग के 14 सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी के प्रत्याशी घोषित होने के बाद कांग्रेस और बीजेपी के प्रदेश प्रभारी नामांकन पूर्व अपने-अपने पार्टी के असंतोष को दूर करने सरगुजा प्रवास पर आकर बैठकों का सिलसिला आरंभ कर दिया है. बीजेपी के प्रदेश प्रभारी अजय जामवाल ने सरगुजा, कोरिया संभाग के सभी विधानसभा क्षेत्र के कोर कमेटियों के बैठक की शुरूआत कर दी है. वहीं कांग्रेस प्रभारी शैलजा कुमारी बलरामपुर जिले के दोनों कांग्रेस प्रत्याशियों के नामांकन के लिए उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव के साथ बलरामपुर पहुंच कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से भी मुलाकात की.
बीजेपी में असंतोष
गौरतलब है कि सरगुजा संभाग के 14 सीटों में से बीजेपी ने 11 और कांग्रेस ने चार नए प्रत्याशियों को टिकट दिया है. बीजेपी और कांग्रेस के इसी बदलाव के साथ विधानसभावार दावेदारी में लगे वंचित लोगों का असंतोष भी उभरने लगा था. कोरिया क्षेत्र के सोनहत में स्थानीय प्रत्याशी की मांग को लेकर बीजेपीई लगातार प्रदर्शन कर रहे थे. वहीं सरगुजा के प्रतापपुर, प्रेमनगर, भटगांव व अम्बिकापुर, सीतापुर में नए प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद पार्टी का कैडर अलग अलग खेमों में बंटकर अपना असंतोष जाहिर करने से नहीं चूक रहे हैं.
हार का एक कारण ये भी
बीजेपी में सर्वाधिक असंतोष कुछ विधानसभा क्षेत्रों में लंबे समय से दावेदारी कर रहे लोगों और उनके समर्थकों के बीच अभी भी कायम है. जिन्हें पूरी उम्मीद थी कि इस बार टिकट उन्हें मिलेगी. बीजेपी बीते चुनाव में भी इसी तरह असंतोष का शिकार रही और समूचे संभाग में करारी हार के लिए कैडर और उनके प्रति उपजे असंतोष को भी माना गया.
टिकट कटने के बाद कांग्रेस में दो गुट
कांग्रेस में भी मनेन्द्रगढ़, रामानुजगंज, सामरी व प्रतापपुर के मौजूदा विधायकों और वरिष्ठ नेताओं के टिकट कटने के बाद इन विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस दो खेमों में स्पष्ट रूप से विभाजित हो गया और अम्बिकापुर के साथ मनेन्द्रग्रढ़, सामरी और रामानुजगंज में बगावत और भीतरघात की भी सुगबुगाहट शुरू हो गई थी. बीजेपी में जहां पुराने कैडर और नए प्रत्याशियों के बीच अंदरूनी तालमेल की समस्या है तो सरगुजा में कांग्रेस उप मुख्यमंत्री सिंहदेव और उनके विरोधी खेमे के रूप में लगभग सभी 14 सीटों पर बंट गई है. कांग्रेस की टिकट से वंचित हुए सभी चारो विधायक प्रदेश में सत्ता के लिए चल रहे संघर्ष के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खेमे में चले गए थे, जिन्हें जिताने से लेकर टिकट दिलाने तक 2018 के चुनाव में उपमुख्यमंत्री ने जिम्मेदारी ली थी.
बागी हुए विधायक
2023 में इन सभी का टिकट कटने के बाद आरोप प्रत्यारोप का दौर खुलकर जारी हो गया है और मनेन्द्रगढ़ में कांग्रेस विधायक विनय जायसवाल बागी बनकर चुनाव लड़ने की घोषणा भी कर चुके हैं. शेष दो दिन बचे नामांकन के लिए अब दोनों पक्ष कोर कमेटी और प्रमुख पदाधिकारियों के साथ चर्चा कर स्थिति भांपने में लगे हैं.
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