Chhattisgarh Result: छत्तीसगढ़ में मतगणना जैसे-जैसे तेज होती जा रही है उसी गति से हैरान करने वाले नतीजे भी सामने आ रहे हैं. दरअसल, डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव (TS Singhdeo) चुनाव हार गए हैं. अंबिकापुर (Ambikapur) सीट पर वो कांग्रेस के प्रत्याशी थे. बीजेपी  प्रत्याशी राजेश अग्रवाल (Rajesh Aggarwal) ने उन्हें चुनाव हरा दिया है. कांग्रेस ने रिकाउंटिंग की मांग की. रिकाउंटिंग के बाद भी टीएस सिंह देव हार गए. हालांकि हार का अंतर जरूर कम हुआ. वो महज 94 वोटों से हार गए.


अभी हार की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है लेकिन वह बीजेपी के प्रत्याशी राजेश अग्रवाल से 8 हजार वोटों से पीछे चल रहे हैं. टीएस सिंहदेव कांग्रेस के अकेले बड़े नेता नहीं हैं जो चुनाव में हार गए हैं बल्कि प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज चित्रकोट से और  मंत्री अमरजीत भगत सीतापुर से चुनाव हार गए हैं. दोनों को बीजेपी के प्रत्याशियों ने मात दी है.


2008 से अंबिकापुर रहा है कांग्रेस का गढ़
वहीं, टीएस सिंहदेव के राजनीतिक करियर की बात करें तो वह सीएम की रेस में माने जा रहे थे. टीएस सिंहदेव छत्तीसगढ़ में 'बाबा' के नाम से मशहूर हैं. अंबिकापुर को कांग्रेस का गढ़ माना जाता था. 2003 के विधानसभा चुनाव  छोड़ दिया जाए तो ये सीट हमेशा से कांग्रेस के कब्जे में रही है. 2003 में परिसीमन के पहले आरक्षित रही अंबिकापुर सीट पर बीजेपी के कमलभान सिंह ने कमल खिलाया था. 2008 में परिसीमन के बाद अंबिकापुर जनरल सीट बन गई. 2008, 2013 और 2018 में इस सीट से लगातार तीन बार टीएस सिंहदेव जीतते आ रहे थे लेकिन इस बार मामला उलटा पड़ गया है. 


नामांकन दाखिल करने के दौरान छुए थे टीएस सिंहदेव के पांव
राजेश अग्रवाल ने 2018 में कांग्रेस छोड़ बीजेपी ज्वाइन की थी. राजेश अग्रवाल, टीएस सिंहदेव के करीबी माने जाते हैं. वहीं, दोनों की नामांकन दाखिल करने के दौरान मुलाकात भी हुई थी, राजेश अग्रवाल ने पांव छूकर आशीर्वाद भी लिया था. दोनों को उस दिन बहुत आत्मीयता से मिलते देखा गया था. राजेश अग्रवाल लखनपुर नगर पंचायत के अध्यक्ष रह चुके हैं.


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