Chhattisgarh Election 2023: छत्तीसगढ़ के बस्तर में सर्व आदिवासी समाज ने विधानसभा चुनाव में अपने प्रत्याशी उतारने का फैसला किया है. इसके लिए सर्व आदिवासी समाज ने पार्टी का नामकरण भी कर लिया है. पूर्व केंद्रीय मंत्री और सर्व आदिवासी समाज के संरक्षक अरविंद नेताम ने पार्टी का नाम 'हमर राज' पार्टी रखने का फैसला किया है. हालांकि नाम को लेकर आखिरी प्रक्रिया दिल्ली चुनाव आयोग में जाने के बाद ही पूरी होने की बात कही है, उन्होंने कहा कि पार्टी के गठन के लिए चुनाव आयोग को भेजा गया प्रस्ताव भी अप्रूव हो गया है.
अरविंद नेताम ने कहा कि आगामी दिनों में सुनवाई के लिए दिल्ली बुलाया गया है, सर्व आदिवासी समाज का एक डेलिगेशन जल्द दिल्ली के लिए रवाना होगा. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की 29 आदिवासी सीटों और अन्य 21 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी पूरी हो गई है. बीते दिनों सर्व आदिवासी समाज ने सुकमा जिले के ताड़मेटला गांव में हुए पुलिस नक्सली मुठभेड़ को पूरी तरह से फर्जी बताया है. समाज के लोगों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने 2 निर्दोष ग्रामीणों को नक्सली बताकर उनकी हत्या कर दी गई है.
'50 विधानसभा सीटों पर लड़ेंगे चुनाव'
पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम ने कहा, 'सर्व आदिवासी समाज के द्वारा पार्टी बनाने के एलान के बाद समाज के लोग पार्टी के नाम और रजिस्ट्रेशन को लेकर इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी थी.' उन्होंने कहा कि आखिरकार सर्व सम्मति से पार्टी का नाम "हमर राज पार्टी" रखने का फैसला लिया गया है. पार्टी गठन के लिए बाकायदा चुनाव आयोग से अप्रूवल भी मिल गया है, लेकिन आने वाले सोमवार को चुनाव आयोग ने सुनवाई के लिए बुलाया है. जिसको लेकर समाज का एक डेलिगेशन दिल्ली जाएगा और फॉर्मेलिटी पूरी करके आएगा.
अरविंद नेताम ने कहा कि हमने 50 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है, जिसमें बस्तर के पूरे 12 विधानसभा सीटों के साथ अन्य आदिवासी सीटों पर भी प्रत्याशी उतारे जायेंगे. इसके अलावा सभी समाज के लोगों से बातचीत की जा रही है. उनके बीच के प्रत्याशी भी उतारे जाएंगे जो सर्व आदिवासी समाज के बैनर तले ही चुनाव लड़ेंगे. अरविंद नेताम ने कहा कि हमारी तैयारी पूरी हो गई है और बस चुनाव आयोग से हरी झंडी मिलने की देरी है. उन्होंने कहा कि इस बार छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला होगा.
'पुलिस-नक्सलियों के बीच पिस रहे निर्दोष'
सीपीआई के बाद सर्व आदिवासी समाज ने भी 5 सितंबर को सुकमा जिले के ताड़मेटला में हुए कथित पुलिस नक्सली-मुठभेड़ को पूरी तरह से फर्जी बताया है. अरविंद नेताम ने कहा कि पुलिस और नक्सलियों के बीच हमेशा से ही निर्दोष आदिवासी पिस रहे हैं. उन्होंने कहा कि आदिवासियों को या तो जेल में ठूसा जा रहा है या फिर उन्हें नक्सली बताकर मुठभेड़ में मार गिराया जा रहा है. ताड़मेटला गांव में भी ऐसा ही हुआ है, दो युवकों को नक्सली बताकर गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई. ये सरासर गलत है, सर्व आदिवासी समाज इस घटना का पुरजोर विरोध करता है और इस पूरे मामले की न्यायिक जांच की मांग करते हुए दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्यवाई करने की मांग की जाती है. उन्होंने कहा कि दो निर्दोष ग्रामीणों की हत्या का मामला आगामी विधानसभा चुनाव में मुख्य मुद्दों में से एक होगा.
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