Chhattisgarh Assembly Election 2023: छत्तीसगढ़ की पहली विधानसभा भरतपुर-सोनहत (Bharatpur-Sonhat) से विधायक गुलाब सिंह कमरो (Gulab Singh Kamro) की पत्नी लीलावती का गरीबी रेखा राशन कार्ड (BPL Card)  का मामला सामने आया था. मामला उछला तो जिला खाद्य अधिकारी  ने राशन कार्ड को निरस्त कर दिया. वहीं अब विधायक की पत्नी को सरकारी मानदेय देने का मामला सामने आया है. विधायक की पत्नी लीलावती के अलावा बहन उषा सिंह करियाम सरकार से डबल मानदेय ले रही है. एक जिला पंचायत सदस्य का मानदेय तो स्वास्थ्य विभाग में विकासखंड समन्वयक का मानदेय ले रही है. वहीं विधायक की पत्नी व्यवसायी होने के साथ ही सरकार से मितानिन होने का मानदेय ले रही हैं.


यहां यह बात भी सामने आई है कि विधायक गुलाब कमरो द्वारा जो शपथ पत्र निवार्चन आयोग को दिया गया है, उसमें पत्नी के मितानिन होने की जानकारी छुपाई गई है. शपथ पत्र के मुताबिक विधायक ने अपनी पत्नी को व्यवसायी बताया है. विधायक गुलाब कमरो की पत्नी मेसर्स पूजा एग्री एंड एलाइड की मालकिन है और आईटीआर भी भर रही है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि एक फर्म की मालकिन होने के बाद भी विधायक की पत्नी सरकार से मितानिन का मानदेय ले रही है. वहीं विधायक की बहन उषा सिंह करियाम जो जिला पंचायत सदस्य है, वो भी सरकार से डबल मानदेय ले रही है. एक मानदेय जिला पंचायत सदस्य का तो दूसरा मानदेय मितानिन कार्यक्रम में विकासखंड समन्वयक होने का है. 


गृहिणी से बनी व्यवसायी
भरतपुर-सोनहत के विधायक गुलाब कमरो ने 2018 के विधानसभा चुनाव में जो शपथ पत्र दिया था, उसके मुताबिक उनकी पत्नी 2018 में गृहिणी थी. न तो उनके नाम का कोई पैन कार्ड था और न ही उनके नाम पर कोई फर्म था. विधायक की पत्नी के पास साल 2018 में 2 लाख 91 हजार 704 रुपए थे, अब 2023 में विधायक की पत्नी के पास 42 लाख 16 हजार 536 रुपये हैं. मतलब विधायक की पत्नी की संपत्ति इन 5 सालों में 21 गुना बढ़ गई, फिर भी वह गरीबी रेखा राशनकार्ड से राशन ले रही थी. 


बीजेपी प्रत्याशी रेणुका सिंह का हमला
विधायक की पत्नी द्वारा सरकारी मानदेय लेने और बहन द्वारा सरकार से डबल मानदेय लेने को लेकर केंद्रीय राज्यमंत्री और भरतपुर-सोनहत से बीजेपी प्रत्याशी रेणुका सिंह ने कहा है कि कांग्रेस विधायक गुलाब कमरो ने 5 सालों में भरतपुर-सोनहत विधानसभा क्षेत्र का नहीं खुद और अपने परिवार का विकास किया है. 5 साल में विधायक की संपत्ति 36 गुना बढ़ी है तो उनकी पत्नी जो खुद व्यवसायी भी है और मितानिन का मानदेय ले रही हैं.


रेणुका सिंह ने कहा कि बहन जो जिला पंचायत सदस्य हैं वो जिला पंचायत सदस्य के साथ ही विकासखंड समन्वयक का भी पैसा सरकार से ले रही हैं. पैनकार्ड धारी होने के बाद भी विधायक की पत्नी के नाम पर गरीबी रेखा राशनकार्ड बना होना यह बताता है कि किस तरह विधायक और उनका परिवार गरीबो का राशन डकार रहे है. 17 नवम्बर को भरतपुर-सोनहत विधानसभा क्षेत्र की जनता विधायक को सबक सिखाने मतदान केंद्रों में जाएगी.


गुलाब कमरो ने दिया यह जवाब
इस संबंध में विधायक गुलाब कमरो ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है. मेरी पत्नी मितानिन थी, लेकिन रिजाइन दे दी. बहन का शादी के बाद हमारे परिवार में नहीं आता है. उन्होंने दो-दो जगह मानदेय लेने के सवाल पर कहा कि मितानिन वाला समाजसेवी संस्था है. सरकारी नौकरी नहीं है.


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