Chhattisgarh Assembly Election 2023: छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस और बीजेपी ने अपनी चुनावी तैयारियां शुरू कर दी हैं और चुनाव जीतने के लिए नई-नई रणनीति तैयार कर रही है. इस चुनाव में अपनी जीत को लेकर एक तरफ जहां कांग्रेस पूरी तरह से आश्वस्त नजर आ रही है, वहीं दूसरी तरफ बीजेपी भी एक बार फिर सत्ता में आने के लिए अपनी जीत को सुनिश्चित बता रही है. बस्तर की बात की जाए तो पिछले कुछ महीनों से यहां धर्मांतरण का मुद्दा छाया हुआ है.
ऐसे में बीजेपी से नाराज क्रिश्चियन समाज के वोटरों को साधने में कांग्रेस पूरी तरह से जुट गई है और बस्तर में एक भी धर्मांतरण के मामले सामने नहीं आने की बात कह रही है. दूसरी तरफ बीजेपी बस्तर में हिंदुत्व की लहर चलाने और धर्मांतरण किये लोगों के घर वापसी कर सत्ता पाने के लिए पूरी तरह से एड़ी चोटी लगा रही है.
हिंदू मुस्लिम समाज के वोटों को लेकर आश्वस्त नजर आ रही कांग्रेस
दरअसल, बीजेपी-कांग्रेस दोनों ही हर बार की तरह इस बार भी बस्तर को राजनीतिक परिवेश में ज्यादा महत्वपूर्ण मानकर चल रहे हैं. इसी परिप्रेक्ष्य में जहां भाजपा के प्रदेश स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर के नेता धर्मान्तरण को लेकर बस्तर का माहौल गर्माए हुए हैं. वहीं, कांग्रेस की शीर्ष नेत्री प्रियंका गांधी और छत्तीसगढ़ प्रभारी कुमारी शैलजा भी बस्तर से चुनावी शंखनाद कर पार्टी में नयी ऊर्जा का संचार कर चुकी हैं. राजनीतिक गलियारों में यह माना जाता रहा है कि जिस किसी राजनीतिक दल को बस्तरवासियों ने सिर आंखों पर बिठाया है वही छत्तीसगढ़ की सत्ता में काबिज होता रहा है.
भाजपा बस्तर में हिंदु मुस्लिम वोटरो पर ज्यादा फोकस कर रही हैं. इसलिए कांग्रेस किरश्चन और मुस्लिम वोटरों को साधने में अभी से जुट गई है. कांग्रेस यह दोनों ही धर्म के लोगों की वोटों को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त नजर आ रही है. बस्तर के प्रभारी मंत्री कवासी लखमा का कहना है कि बस्तर संभाग में एक भी धर्मांतरण के मामले सामने नहीं आए बीजेपी बस्तर के शांत माहौल को बिगाड़ने में तुली हुई है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सर्वधर्म एक है. इसमें क्रिश्चन मुस्लिम सभी धर्म को लेकर चलती है.
आर्थिक बहिष्कार की शपथ से जाहिर की नाराजगी
इधर बस्तर में चुनाव जीतने के लिए भाजपा अब स्थानीय मुद्दों पर फोकस कर रही है, जिनमें लोगों की मूलभूत समस्याओं के साथ बढ़ते धर्मांतरण के मामले भी शामिल है. बीजेपी के प्रवक्ता केदार कश्यप का कहना है कि बीजेपी सबका साथ सबका विकास की तर्ज पर काम करती है, जो मूल रूप से मसीह समाज के हैं वह हमेशा भाजपा के साथ है. भाजपा सिर्फ ऐसे लोगों की घर वापसी करवा रही है जो प्रलोभन में आकर अपना धर्म परिवर्तन कर रहे हैं और मूल रूप से आदिवासी परंपरा को छोड़ दूसरे धर्म और उनकी रीति रिवाज को अपना रहे हैं. ऐसे लोगों के घर वापसी से निश्चित तौर पर बस्तर में शांति आएगी.
केदार कश्यप ने कहा कि कांग्रेस धर्मांतरण को बढ़ावा दे रही है. इससे चुनाव में कोई फर्क नहीं पड़ने वाला बीजेपी की जो वोट बैंक वह जरूर भाजपा को ही मिलेंगे और इस चुनाव में भाजपा की जीत भी होगी. हालांकि, पिछले दिनों जगदलपुर में हिंदूवादी संगठनों द्वारा क्रिश्चियन और मुस्लिम समाज की आर्थिक रूप से बहिष्कार की शपथ लिये जाने के बाद इन दोनों समुदायों के लोगों में काफी नाराजगी देखने को भी मिली.
ऐसे में कांग्रेस ये मानकर चल रही है कि इन दोनों धर्म के लोगों के वोट एकतरफा और शत-प्रतिशत कांग्रेस की झोली में जाएंगे. वहीं, अब बीजेपी भी मूल रूप से क्रिश्चियन समुदाय और मुस्लिम समाज के लोगों को साधने में जुटी हुई है. इधर चुनाव से पहले बस्तर में धर्मांतरण का मुद्दा किस पार्टी के लिए फायदेमंद और किसे नुकसान पहुंचाएगा यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा.
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