Chhattisgarh Elections: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के कोरिया (Korea) में वोटिंग (Voting) कराने वाली टीम को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. कोरिया के कलेक्टर और निर्वाचन अधिकारी विनय कुमार लंहेग ने प्रशिक्षण में शामिल न होने वाले 48 अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. बताया जा रहा है कि बना उचित कारण बताए ये अधिकारी निर्वाचन प्रशिक्षण (Training for Elections) जैसे महत्वपूर्ण काम से नदारद रहे. उनपर कड़ी कार्रवाई हो सकती है. 


दूसरी ओर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ  आशुतोष  चतुर्वेदी ने बताया कि बीते सोमवार से जिला मुख्यालय स्थित सेंट जोसेफ विद्यालय में मतदान दलों के लिए प्रथम चरण का प्रशिक्षण आयोजित किया जा रहा है. अधिकारियों और कर्मचारियों को पिछले सप्ताह ही जानकारी दे दी गई थी. इस प्रशिक्षण में बिना किसी कारण के अनुपस्थित रहने वालों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. उन्होंने बताया कि कोरिया के कलेक्टर ने सख्त निर्देश दिए है कि जवाब संतोषजनक ना पाए जाने पर निर्वाचन नियमों के तहत कठोर कार्रवाई की जाए.


ये रहे अनुपस्थित
प्रशिक्षण में अनुपस्थित रहने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के नाम प्रधानपाठक अरविंद पठारी, कृपाशंकर तिवारी, भीमसिंह कंवर, आनंद प्रकाष तिर्की, आशीष कुमार सिंह, अनिल सिंह, प्रभु गोंड़, हीरालाल पटेल, मनीलाल कचटाहा, बरूण कुमार कुशवाहा, बलराम सिंह सेइदहा, दीपक कुमार साहू, मरियानुस एक्का, विजय शंकर सोनवानी, मोहन राम वनपाल, भूपेंद्र सिंह सहायक प्राध्यापक, विक्टर टोप्पो, विपिन सिंह, विनोद कुमार शर्मा, प्रभाकर दत्त मिश्रा, प्रियलेश प्रसाद, बी ल नामदेव हैं.


इनके अलावा बीरसाय कुजूर, विनोद कुमार पैकरा, ओमप्रकाश मरकाम, शैलेन्द्र सिंह, गनपत प्रसाद उरांव, रामभुवन ठकुरिया, नरेन्द्र कुमार मिश्रा, बिजिया साहू, डी पी शर्मा, रोबिन कुजूर, डा दिनेश कुमार गुप्ता, शिवचरण कुर्रे, तेजप्रताप सिंह, डॉ राहुल आर्य, सुमित उपगढ़े, दिव्य कुमार राजवाड़े, विनय कुमार विश्वकर्मा, कामता प्रसाद पाण्डेय, अविनाश कुमार सारथी, पदुमन सिंह सोन्चे, पारसनाथ राजवाड़े, रामसहाय खांडे, परीक्षित तिर्की, बहादुर राम बघेल, दिग्विजय सिंह पैकरा और दुलारसाय पण्डो भी प्रशिक्षण कार्यक्रम से नदारद रहे.


प्रशासन कर सकता है कार्रवाई
आशुतोष चतुर्वेदी ने बताया कि बिना किसी सूचना के गैर-हाजिर रहने वालों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. नोटिस का जवाब तुरंत जिला पंचायत में देना होगा. संतोषजनक जवाब न मिलने की स्थिति में कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा कठोर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि जिन अधिकारियों और कर्मचारियों ने किसी अपरिहार्य कारणों से प्रशिक्षण नहीं लिया है. वे 21 अक्टूबर को जिला पंचायत में प्रशिक्षण ले सकते हैं.


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