Chhattisgarh Assembly Election: कोरबा (Korba) के सुदूर वनांचल क्षेत्र में रहने वाले पहाड़ी कोरवा जनजाति (Korwa Tribe) के मतदाता पौ फटने से पहले ही मतदान (Voting) करने निकल पड़े. पहले तो वे पथरीले और पगडंडी के रास्ते पांच किलोमीटर का सफर तय कर बांगो बांध के डूबान क्षेत्र में पहुंचे, फिर उन्होंने नाव में सवार होकर नदी को पार किया और ढाई किलोमीटर दूर स्थित बूथ पहुंच कर मतदान किया. लोकतंत्र के प्रति उत्साह का यह नजारा सुदूर वनांचल ग्राम सतरेंगा स्थित पोलिंग बूथ (Polling Booth) में देखने को मिला.
कोरबा जिले के रामपुर विधानसभा क्षेत्र में ग्राम पंचायत सतरेंगा के तीन आश्रित ग्राम आमाखोखरा, कांसीपानी और कुकरीचोली हैं. यह तीनों गांव बांगों बांध के डुबान क्षेत्र के उस पार लामपहाड़ में स्थित है, जहां कठिन परिस्थितियों में भी घने जंगल और पहाड़ी के ऊपर घास-फूस की झोपड़ियों में पहाड़ी कोरवा जनजाति परिवार निवास करते हैं. इन तीनों ही गांव से करीब डेढ़ सौ मतदाता शुक्रवार को मतदान करने सतरेंगा पहुंचे हुए थे. उन्होंने बातचीत के दौरान बताया कि वे लंबे समय से वोट के लिए सतरेंगा आ रहे हैं.
डुबान क्षेत्र के गहरे पानी को करते हैं पार
मतदाताओं ने बताया कि उन्हें पोलिंग बूथ तक पहुंचने पहाड़ी से नीचे उतरने के बाद करीब पांच किलोमीटर पथरीली पंगडंडी पर चलकर बांगो बांध के डूबान क्षेत्र में पहुंचना पड़ता है. इसके बाद नाव में सवार होकर डुबान क्षेत्र के गहरे पानी को पार करते हैं. इसके साथ ही एक बार फिर पैदल सफर शुरू होता है. करीब ढाई किलोमीटर दूर चलकर पोलिंग बूथ में पहुंच मताधिकार का इस्तेमाल करते हैं.
मासूम बच्चों को लेकर महिला पार करती हैं नदी
पहाड़ी कोरवा जनजाति के मतदाता बांगो बांध के डुबान क्षेत्र को कमजोर हो चुके नाव से पार करते हैं. उन्हें डूबान को पार करते समय कई बार नाव में भर रहे पानी को खाली करना पड़ता है. इस नाव पर मासूम बच्चों को गोद में लेकर महिला मतदाता भी सवार होती हैं. वे बताती हैं कि नाव से सफर करने के दौरान सांसें थम जाती हैं.
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