(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Chhattisgarh Election Result: छत्तीसगढ़ चुनाव में गुरु-शिष्य की अनोखी लड़ाई! पहले 67 हजार वोटों से हराया, फिर पैर छू कर लिया आशीर्वाद
Chhattisgarh Politics: रायपुर दक्षिण विधानसभा से विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं पर कभी किसी से राजनीतिक मनभेद नहीं रखना चाहिए. मनभेद हमेशा व्यक्ति को नीचे ही ले जाता है.
Chhattisgarh Election 2023: छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव ने पूरे देश को चौंकाया. चुनाव से पहले कांग्रेस की लहर का दावा किया जा रहा था, लेकिन मतगणना के बाद बीजेपी की साइलेंट आंधी ने सबको हैरान कर दिया. ऐसे में इस चुनाव में कई दिलचस्प किस्से भी देखने को मिले. कहीं कोई सैनिक मंत्री के खिलाफ चुनाव लड़ रहा है, तो कहीं चाचा-भतीजे और मामा-भांजे में लड़ाई दिखी. इसी तरह रायपुर दक्षिण विधानसभा से गुरु-शिष्य की चुनावी लड़ाई भी देखने को मिली. इस लड़ाई में शिष्य ने गुरु को पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा मार्जिन से हरा दिया है.
दरअसल, हम बात कर रहे हैं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल और उनके गुरु महंत राम सुंदर दास की, जो कांग्रेस पार्टी से रायपुर दक्षिण विधानसभा से प्रत्याशी थे. वहीं प्रदेश में एक बार फिर गुरु-शिष्य की चर्चा क्यों हो रही है, आइये ये जानते हैं. बता दें कि गुरुवार रात को बृजमोहन अग्रवाल महंत रामसुंदर दास से मिलने दुधाधारी मठ पहुंचे. बृजमोहन अग्रवाल ने महंत रामसुंदर दास का श्रीफल और शॉल से स्वागत कर उनके पैर छुए और आशीर्वाद लिया. प्रतिद्वंदी प्रत्याशियों के बीच ऐसी सौहार्दता आज के राजनीतिक समाज में बहुत कम ही देखने को मिलती है. इस दौरान बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं पर कभी किसी से राजनीतिक मनभेद नहीं रखना चाहिए. मनभेद हमेशा व्यक्ति को नीचे ही ले जाता है.
बृजमोहन अग्रवाल ने गुरु को 67 हजार वोटों से हराया
खास बात यह है कि रामसुंदर दास और बृजमोहन अग्रवाल के परिवार का रिश्ता पिछले तीन दशक से है. रामसुंदर दास के पहले दूधाधारी मठ के ब्रम्हलीन महंत लक्ष्मी नारायण दास के भी बृजमोहन अग्रवाल और उनके पिता रामजीलाल अग्रवाल का गुरु-शिष्य का रिश्ता था. आपको बता दें कि बृजमोहन अग्रवाल ने लगातार 8वीं बार विधानसभा चुनाव जीतने का रिकॉर्ड बनाया है. इसके साथ हार जीत का जो मार्जिन था वो पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा रहा, क्योंकि बृजमोहन अग्रवाल ने 67 हजार 719 वोटों के अंतर से अपने गुरु को चुनाव में शिकस्त दी है.
बृजमोहन अग्रवाल लगातार 8वीं बार जीते चुनाव
बता दें कि बृजमोहन अग्रवाल को कुल 1 लाख 9 हजार 263 वोट मिले. वहीं महंत राम सुंदर दास को महज 41 हजार 544 वोट मिले. यानी बृजमोहन अग्रवाल ने 67 हजार 719 वोटों से चुनाव में जीत दर्ज की है. वहीं वोट प्रतिशत की बात करें तो बृजमोहन अग्रवाल को 69.48 प्रतिशत वोट मिला है और महंत राम सुंदर दास को 26.42 प्रतिशत वोट मिला है. बृजमोहन अग्रवाल 1990 में पहली बार अविभाजित मध्य प्रदेश में विधायक बने, इसके बाद 1993, 1998 में अविभाजित मध्य प्रदेश में तीन बार MLA बने. इसके बाद फिर छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद लगातार चार बार 2003, 2008, 2013, 2018 में चुनाव जीत चुके हैं.