Chhattisgarh Elections 2023: कोंडागांव में बीजेपी-कांग्रेस में रहती है कांटे की टक्कर, ऐसे रहे अब तक के नतीजे, जानें- समीकरण
Kondagaon Assembly Seat: छत्तीसगढ़ के कोंडागांव असेंबली सीट पर बीते दो चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार मोहन मरकाम को जीत मिली लेकिन इस बार की स्थिति कुछ अलग है और टक्कर कांटे की होने वाली है.
Chhattisgarh Elections: कोंडागांव (Kondagaon) विधानसभा क्षेत्रफल के हिसाब से छत्तीसगढ़ के बड़े विधानसभा में से एक है. राजनीतिक दृष्टिकोण से कोंडागांव विधानसभा काफी महत्वपूर्ण है. यहां बीजेपी और कांग्रेस के दोनों ही कद्दावर नेता के बीच पिछले 2 चुनाव में कांटे की टक्कर होती आ रही है, यहां कांग्रेस से मोहन मरकाम (Mohan Markam) और बीजेपी से लता उसेंडी (Lata Usendi) चुनावी तैयारी में जुटी हुई हैं.
छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद 2003 में कोंडागांव विधानसभा के लिए पहली बार चुनाव हुआ था. बस्तर जिले से अलग होकर कोंडागांव स्वतंत्र जिला बना, आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने की वजह से यह सीट भी आदिवासियों के लिए आरक्षित है. 2003 और 2008 के चुनाव में इस सीट में बीजेपी का का दबदबा रहा ,इस वजह से कोंडागांव विधानसभा को बीजेपी का गढ़ माना जाने लगा, लेकिन 2013 के विधानसभा चुनाव में इस सीट में पहली बार कांग्रेस के विधायक बने और उसके बाद 2018 के चुनाव में भी कांग्रेस के प्रत्याशी की जीत हुई.
ये हैं राजनीतिक समीकरण
बस्तर के वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक जानकार मनीष गुप्ता बताते हैं कि यहां से लगातार दो बार जीत हासिल कर लता उसेंडी बीजेपी शासनकाल में महिला बाल विकास विभाग की मंत्री रह चुकी हैं. शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी बीजेपी का दबदबा रहा है, लेकिन 2013 के चुनाव में बीजेपी के खिलाफ यहां की जनता में नाराजगी देखने को मिली और कांग्रेस के प्रत्याशी मोहन मरकाम की भारी मतों से जीत हुई. उसके बाद 2018 के चुनाव में भी कांग्रेस के विधायक चुने गए. लगातार दो बार जीत हासिल करने से मोहन मरकाम को प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया, लेकिन अध्यक्ष बनने के बाद 2018 से वर्तमान तक मोहन मरकाम के खिलाफ उन्हीं के क्षेत्र में काफी नाराजगी देखने को मिल रही है.
क्या लता उसेंडी को टिकट देगी बीजेपी?
मनीष गुप्ता बताते हैं कि इस बार के विधानसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस प्रत्याशी के बीच कांटे की टक्कर हो सकती है, हालांकि इस बार भी कांग्रेस से मोहन मरकाम को ही टिकट मिलने के पूरे आसार बने हुए हैं लेकिन बीजेपी के प्रत्याशी के नाम को लेकर लिस्ट लंबी है. कुछ दिन पहले ही लता उसेंडी को बीजेपी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया ऐसे में राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि इस बार के विधानसभा चुनाव में लता उसेंडी को टिकट मिलने को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है.
ये रह सकते हैं कोंडागांव के चुनावी मुद्दे
कोंडागांव विधानसभा में 5 तहसील 5 विकासखंड है, विकासखंडो की स्थिति जिला गठन के 11 साल बाद भी नहीं सुधरी है, इन विकासखंडों के ग्रामीण अंचलों में पेयजल की समस्या बनी हुई है. क्षेत्र के आधा से ज्यादा आबादी डोबरा का पानी पीने को मजबूर हैं. क्षेत्र में केवल 10 फ़ीसदी में ही सिंचाई की सुविधा है, किसान चाहकर भी मनचाही खेती नहीं कर पा रहे हैं. पानी की समस्या जिला मुख्यालय को छोड़कर लगभग पूरे विधानसभा में बनी हुई. पंचायतों में मनरेगा जैसी योजना और सरकारी कामकाज में मजदूरी समय पर नहीं मिलने के चलते यहां के भी ग्रामीण पलायन करने को मजबूर हैं. सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर समेत अन्य स्टाफ की कमी लंबे समय से बनी हुई है जिसकी वजह से इस विधानसभा में स्वास्थ सुविधा लचर है.
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