Surajpur News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के भटगांव विधानसभा सीट (Bhatgaon Assembly Seat) पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं. सरगुजा (Surguja) संभाग के 14 विधानसभा क्षेत्र की लिस्ट में भटगांव का भी नाम शामिल है. बीजेपी ने प्रदेश के 21 विधानसभा सीटों के लिए अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है. इसमें भटगांव से लक्ष्मी राजवाड़े को उम्मीदवार बनाया गया है.  टिकट मिलते ही राजवाड़े ने क्षेत्र में जनसंपर्क अभियान शुरू कर दिया है. अब सवाल भटगांव सीट से कांग्रेस प्रत्याशी को लेकर उठ रहा है, क्योंकि कांग्रेस में जिस तरह की परिस्थिति बन रही है, ऐसे में कहीं बीजेपी भटगांव सीट कांग्रेस से छीन ना ले. 


अपनी कार्यशक्ति का बखान करते हुए नेता टिकट के लिए हाईकमान के सामने दावेदारी ठोक रहे हैं. कांग्रेस से पारसनाथ राजवाड़े इस सीट से दूसरी बार विधायक बने हैं लेकिन इस बार नया नेता चुनने की चर्चा तेज हो गई है. ऐसे में भटगांव से कांग्रेस की ओर से सिटिंग एमएलए पारसनाथ राजवाड़े के अलावा दूसरा चेहरा शफी अहमद को देखा जा रहा है. हाल ही में भटगांव विधानसभा क्षेत्र से 200 चार पहिया वाहन में सवार होकर भटगांव क्षेत्र के सैकड़ों लोग उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव के पास अम्बिकापुर पहुंचे थे और पारसनाथ राजवाड़े को टिकट ना देकर शफी अहमद को प्रत्याशी बनाने की मांग की थी. 


बीजेपी को मिलेगा इससे फायदा?
टिकट के लिए कांग्रेस में पारसनाथ राजवाड़े और शफी अहमद के गुट बन गए हैं. ऐसे में प्रचार किसके लिए करना है ये कार्यकर्ताओं में कंफ्यूजन है. क्योंकि जिसके नाम पर काम किए कहीं उसे टिकट नहीं मिला तो गड़बड़ हो जाएगी. इस समय में बीजेपी ने चुनाव से काफी समय पहले प्रत्याशी कर माइंड गेम खेला है. बीजेपी की ओर से उम्मीदवार लक्ष्मी राजवाड़े पर्याप्त समय पाकर जनता की नब्ज टटोल रही है और क्षेत्र में अपनी जड़ मजबूत कर रही है.


इन मुद्दों पर है भटगांव में लड़ाई
भटगांव विधानसभा, मध्य प्रदेश की सरहद को छूता है. इस क्षेत्र के अंतर्गत दो बड़े वनांचल क्षेत्र आते हैं. जहां पहाड़ी कोरवाओं के साथ बड़ी संख्या में आदिवासी निवास करते हैं. जहां अब भी विकास की दरकार है. अच्छी सड़क, पुल, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं लोगों तक पूरी तरीके से नहीं पहुंच सकी है. चांदनी-बिहारपुर इलाके से सड़क की समस्या को लेकर कई खबरें आती रही हैं. मरीजों को खाट पर ढोकर एम्बुलेंस तक पहुंचाया जाता है. इसके अलावा वनों की कटाई और सीमा पार से अवैध शराब तस्करी बड़ा मुद्दा है. ऐसे में बीजेपी क्षेत्रीय समस्याओं को भी मुद्दा बनाकर लोगों से भेंट-मुलाकात कर रही है.


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