Jashpur News: छत्तीसगढ़ के जशपुर में बिजली विभाग (Jashpur Electricity Department) का कारनामा सुर्खियां बटोर रहा है. विभाग के एक अधिकारी ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए टेंडर ओपनिंग से पहले ही बिना वर्क ऑर्डर के सभी नियम कानून को ताक पर रखकर अपनी पत्नी के नाम पर स्थापित राइस मिल में ट्रांसफार्मर (Transformer) लगवा दिया. जब यह काम हुआ तब किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी.  जब इस मामले की जानकारी मीडिया को लगी तो आनन-फानन में ट्रांसफार्मर उतरवा कर रखवा दिया गया. 


पत्नी की कंपनी में लगवा दिया ट्रांसफार्मर
मामला जशपुर के कुनकुरी कुडुकेला का है यहां किसान फूड प्रोडक्ट्स कंपनी की मालकिन कहकशा बानो की फर्म में 150 एचपी का ट्रांसफार्मर व अन्य विद्युतीकरण का कार्य होना था जिसके लिए जशपुर बिजली विभाग द्वारा 3 नवंबर को टेंडर आमंत्रित किया गया था. इस टेंडर खुलने की तिथि 23 नवंबर तय थी लेकिन हैरानी तब हुई जब उक्त टेंडर के खुलने से पहले ही मौके पर ट्रांसफार्मर लग गया. इधर जब मामले की भनक मीडिया को लगी तो आनन-फानन में ट्रांसफार्मर उतरवा कर रखवा दिया गया.


विभाग की मिलीभगत से हुआ काम
इतना कुछ होने के बाद जब इस मामले की छानबीन की गई तो पता चला कि मेसर्स किसान फूड प्रोडक्ट्स कुडुकेला फर्म की मालकिन कहकशा बानो हैं जिनके पति लुकमान खान जशपुर जिले के ही पत्थलगांव में बिजली विभाग के अधिकारी हैं. पत्नी के काम के लिए लुकमान खान ने सारे नियम कायदों को ताक पर रखकर आनन-फानन में टेंडर खुलने से पहले ही सारा काम करवा दिया. गौर करने वाली बात ये है कि पत्थलगांव में रहते हुए इस अधिकारी ने कुनकुरी के कुडुकेला में पत्थलगांव से ही ट्रांसफार्मर भेजकर काम करा दिया जबकि कुडुकेला जशपुर डिवीजन के अंतर्गत आता है. ऐसे में विभागीय संलिप्तता व मिलीभगत की बात सामने आ रही है.


लुकमान पर पहले भी लगे हैं अनियमितता के आरोप
गौरतलब है कि पत्थलगांव में रहते हुए लुकमान खान पर पहले भी अनियमितता के मामले सामने आ चुके हैं. लुकमान पर जांच के लिए 18 जुलाई को ईडी ने पत्र भी जारी किया था. इसके अलावा पत्थलगांव में भी टेंडर खुलने से पहले कई काम इसी तरह से कराए जाने की खबर है. इस संबंध में एबीपी न्यूज ने विद्युत विभाग के ईडी एपी सिंह ने चर्चा कि तो उन्होंने कहा ये उचित नहीं है. डीई टेंडर करता है और डीई को ही टेंडर निरस्त करने का अधिकार रहता है लेकिन ये निरस्त करने का मामला नहीं है, ये रिकॉर्ड में है. पहले का भी एक काम इनके रिकॉर्ड में आ चुका है. तो टेंडर खुले या न खुले इससे बहुत ज्यादा मतलब नहीं है. खुलेगा तो भी रिकॉर्ड में रहेगा ही रहेगा. मुझे न्यूज के माध्यम से जानकारी मिली है. उसी को आधार मानकर इसकी जांच करवाएंगे. 


एमडी बोले ये नीचे लेवल का काम
वहीं, बिजली विभाग में एमडी मनोज खरे ने कहा कि मुझे इसकी जानकारी नहीं है. ये नीचे लेवल का काम है. हमारे तक आता नहीं है, ना अप्रूवल होता है. इसकी डिटेल मिलेगी तो दिखवाएंगे. उन्होंने आगे कहा कि बिजली विभाग के बहुत से काम होते हैं जैसे एक लाइन से तार टूट गया हो तो हमे तत्काल काम कराना पड़ता है और इसकी फॉर्मेलिटी बाद में होती रहती है. जशपुर के मामले पर उन्होंने कहा कि डिटेल मिलेगी तो हम चेक कराएंगे.


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