Surajpur News: DA और HRA की मांग को लेकर हड़ताल पर कर्मचारी, सरकारी कामकाज ठप
Chhattisgarh Government: कार्यालय में सभी जगह काम-काज बंद है और सभी अधिकारी कर्मचारी सामूहिक रूप से छट्टी लेकर हड़ताल कर रहे हैं.
Chhattisgarh Government Employees: केंद्र के समान महंगाई भत्ता, सातवें वेतनमान में गृहभाड़ा सहित दो सूत्रीय मांगों के समर्थन को लेकर छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारी हड़ताल पर हैं. वहीं फेडरेशन के बैनर तले जिले के विभिन्न कर्मचारी संगठनों के द्वारा पांच दिवसीय हड़ताल शुरू होने से सरकारी दफ्तरों से लेकर स्कूलों में ताला लटक गया है. जिला मुख्यालय सूरजपुर में बढ़ी संख्या में अधिकारी कर्मचारियों ने रंगमंच मैदान सहित समस्त विकासखंडों में प्रदर्शन किया. कर्मचारियों द्वारा इसकी सूचना अपने अपने विभाग प्रमुखों को भी दे दी गई है और सभी कर्मचारी काम बंद, कलम बंद हड़ताल में कूद पड़े हैं.
छट्टी लेकर हड़ताल
जानकारी के अनुसार कार्यालय में सभी जगह काम-काज बंद है और सभी अधिकारी कर्मचारी सामूहिक रूप से छट्टी लेकर हड़ताल कर रहे हैं. वहीं कई स्कूलों मध्यान भोजन के बाद छात्र छात्रों को छुट्टी दे दी. प्रदर्शन कर रहे अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के जिला संयोजक अनिल मिश्रा ने बताया कि शासन कर्मचारियों के अधिकारों का हनन कर रही है. राज्य सरकार द्वारा 34 प्रतिशत डीए और सातवें वेतनमान के आधार पर गृह भाड़ा नहीं देने से कर्मचारी और अधिकारियों में नाराजगी बनी हुई है, जिससे वे हड़ताल पर हैं. हड़ताल के पहले दिन धरना-प्रदर्शन में अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन से संबंध जिले के सभी संगठनों के पदाधिकारियों सहित बड़ी संख्या में सदस्य मौजूद थे.
सरकार से अपनी मांग पूरी करने की मांग
गौरतलब है कि केंद्र के समान महंगाई भत्ता और HRA भत्ता की मांग को लेकर सूरजपुर के सभी विकासखंडों में शिक्षकों ने भगवान शंकर को जलाभिषेक कर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की.
टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश महामंत्री रंजय सिंह ने बताया कि संयुक्त नेतृत्व में दो सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं. प्रदेश प्रचार सचिव अजय सिंह और मुकेश मुदलियार ने बताया कि सूरजपुर के सभी विकासखंडों में आज लगभग सभी स्कूलों में तालाबंदी की स्थिति है. उन्होंने सरकार से अपनी मांग पूरी करने की मांग की है.
शिक्षक को नुकसान
जिलाध्यक्ष भूपेंद्र सिंह और यादवेंद्र दुबे ने कहा कि हमने बहुत कोशिश की कि हमें अपनी मांगों को लेकर हड़ताल में न जाना पड़े. इसके लिए हमने सरकार के पास बार-बार आवेदन किया, लेकिन सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंगी. शिक्षकों ने बताया कि छत्तीसगढ़ में काम डीए के कारण प्रत्येक शिक्षक को पांच हजार से लेकर दस हजार रुपए महीने का नुकसान हो रहा है. जिले के सभी शैक्षणिक संस्थाओं सहित समस्त शासकीय कार्यालय स्वस्फूर्त बंद रही.