Bastar News: छत्तीसगढ़ के बस्तर में भी इन दिनों तेजी से आई फ्लू फैल रहा है. संभाग के सबसे बड़े सरकारी अस्तपाल डिमरापाल और महारानी अस्पताल में आई फ्लू के सैकड़ों मरीज रोजाना इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. खास बात यह है कि इस बीमारी से स्कूली बच्चे ज्यादा पीड़ित हैं और हर रोज  शहर के महरानी अस्पताल में 50 से 60 बच्चे इलाज के लिए आ रहे हैं. वहीं, बारिश के दिनों में फैले कंजंक्टिवाइटिस से बच्चों को आंखों में काफी जलन हो रही हैं और यह एक दूसरे पर जल्दी से फैलने वाला बीमारी हैं. वहीं, आई फ्लू को देखते हुए जिला प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट कर दिया है.


स्वास्थ्य विभाग की टीम स्कूलों में जाकर बच्चों के आंखों की स्कैनिंग कर रही है. बच्चे में लक्षण दिखाई देने पर उनका इलाज किया जा रहा है. साथ ही महारानी अस्पताल में आने वाले बच्चों का इलाज बेहतर हो सके, इसके लिए डॉक्टरों को भी अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं. इधर तेजी से फैल रहे कंजंक्टिवाइटिस को देखते हुए  अभिभावकों ने स्कूलों में छुट्टी करने की मांग की है. वर्तमान में जिला अस्पताल से मिली जानकारी के मुताबिक 500 से अधिक स्कूली बच्चे कंजंक्टिवाइटिस वायरस से संक्रमित पाए गए हैं.


बच्चों में तेजी से फैल रहा वायरस
इधर बढ़ते वायरस को देखते हुए जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है और सभी नेत्र विशेषज्ञ के नंबर सार्वजनिक किए गए हैं. हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि इसमें ज्यादा पैनिक होने की आवश्यकता नहीं है. ऐसे लक्षण दिखने पर समय पर तत्काल ही नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर दवाई ले सकते हैं. हालांकि, ऐसे समय बाहर से जाने से भी बचना चाहिए. बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम ने बताया कि  स्वास्थ्य विभाग द्वारा कंजंक्टिवाइटिस की रोकथाम और बचाव के लिए सलाह देने नेत्र विशेषज्ञों की टीम गठित की गई है.


डॉक्टरों ने बताया कि इसके लक्षण आंख की पुतली का सफेद हिस्सा लाल हो जाना, आंखों में जलन खुजली, आंखों में पानी या आंसू आना और पलकों में सूजन आदि लक्षण होते हैं. कंजंक्टिवाइटिस एक प्रकार के बैक्टीरियल कंजंक्टिवाइटिस, वायरल कंजंक्टिवाइटिस और जॉइंट पेपिलरी कंजक्टिवाइटिस हैं. आंख आने का मुख्य कारण वायरस, बैक्टीरिया और एलर्जी हो सकते हैं और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के संपर्क में आने पर फैलता है या टावेल-गमछा और अन्य घरेलू सामान का उपयोग करने पर संक्रमण फैल जाता है.


स्वास्थ्य विभाग के द्वारा गठित की गई टीम
डॉक्टरों ने बताया कि मरीज के आस-पास रहने वाले व्यक्तियों को कई बार साबुन पानी या सेनेटाइजर से हाथ धोना चाहिए. फिल्टर किए ठंडे पानी से आंखों को धोना चाहिए. टिश्यू पेपर से ही आंखों को पोछने चाहिए, और नेत्र विशेषज्ञ द्वारा दी गई सलाह के अनुसार दवाई का उपयोग करना चाहिए वहीं आंख आने पर भीड़-भाड़ में न जाने की सलाह के साथ अपने उपयोग की वस्तुएं किसी को न देने और आंखों को हाथों से न रगड़ने और कॉन्टेक्ट लेंस का उपयोग नहीं करने, उपयोग की गई आई-ड्रॉप्स का उपयोग न करने, नेत्र विशेषज्ञ से बिना पूछे स्टीरॉयड आई-ड्रॉप्स मेडिकल स्टोर से सीधे दवाईयां न खरीदने की सलाह दी है.


उन्होंने बताया कि विभाग के द्वारा कंजंक्टिवाइटिस की रोकथाम के लिए अधिक जानकारी और सलाह देने के लिए नेत्र विशेषज्ञों की टीम गठित की गई  है. इसके तहत टीम में डॉ. सरिता थॉमस महारानी अस्पताल 9826199082, डॉ. भाषिता साहु महारानी अस्पताल 9407256370, डॉ छाया शोरी मेडिकल कॉलेज डिमरापाल 9826120167, डॉ. मनी किरण मेडिकल कॉलेज डिमरापाल 6396134979 और डॉ. टी. सी. आडवानी मेडिकल कॉलेज डिमरापाल 9425260041 को शामिल किया गया है.


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