Korba News: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक बार फिर नवजात की मौत हो गई. अस्पताल में प्रसव के बाद जच्चा बच्चा को कुछ ही घंटे पहले प्रथम तल स्थित वार्ड में शिफ्ट किया गया था. प्रसूता आधी रात बुखार आने पर नवजात को एसएनसीयू में लेकर गई थी, जहां ड्यूटी में तैनात महिला स्वास्थ्य कर्मी ने दवा का खुराक दी थी. परिजनों का आरोप है कि स्वास्थ्य कर्मी की लापरवाही के कारण अनहोनी घटित हुई है. मामले को संज्ञान में लेते हुए प्रबंधन ने जांच के लिए पांच सदस्यीय टीम गठित कर दी है.


दरअसल, बालको के परसाभांठा में राहुल सिंह निवास करते हैं. वे बालको में कार्यरत हैं. उनकी पत्नी पुतुम सिंह तीसरी बार गर्भ में थी. उसे शुक्रवार की सुबह प्रसव पीड़ा शुरू हो गया. राहुल ने पत्नी को प्रसव के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दाखिल करा दिया, जहां दोपहर करीब 12:30 बजे नवजात का जन्म हुआ. परिजनों का कहना है कि जन्म के समय नवजात का वजन करीब साढ़े तीन किलो था. डॉक्टरों ने उसे परीक्षण उपरांत पूरी तरह स्वस्थ बताया था. जच्चा बच्चा को स्वस्थ होने पर ही अस्पताल के प्रथम तल स्थित कक्ष में शिफ्ट किया गया था. नवजात को रात करीब 2 बजे अचानक बुखार आ गया. वार्ड में कोई कर्मचारी मौजूद नहीं थे. 


अस्पताल में परिजनों का हंगामा


लिहाजा प्रसूता खुद नवजात को लेकर एसएनसीयू ले गई, जहां एक महिला स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थी. उसने नवजात को किसी दवा का खुराक दी, इसके कुछ ही देर बाद नवजात की मौत हो गई. घटना से आक्रोशित परिजनों ने महिला स्वास्थ्य कर्मी पर लापरवाही का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि स्वास्थ्य कर्मी नींद में थी. उसके गलत इलाज के कारण ही मासूम की मौत हुई है इस पूरे मामले को लेकर शनिवार की सुबह परिजन सिविल लाइन थाना जा पहुंचे. उन्होंने मामले की लिखित शिकायत पुलिस से कर दी. इसके अलावा अस्पताल प्रबंधन को भी मामले से अवगत कराया. 


मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रबंधन ने जांच के लिए पांच सदस्यीय टीम गठित कर दी है. इस टीम में वरिष्ठ और विशेषज्ञ चिकित्सकों को शामिल किया गया है. उन्हें दस दिवस के भीतर जांच रिपोर्ट सौंपने कहा गया है. मामले में दोषी पाए जाने पर कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.


सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी उठाए सवाल


मेडिकल कॉलेज अस्पताल में प्रसव के बाद जच्चा बच्चा को प्रथम तल स्थित कक्ष में शिफ्ट कर दिया गया. जहां देर रात नवजात की तबीयत बिगड़ गई. प्रसूता का कहना है कि वार्ड में सुरक्षा कर्मी भी तैनात नहीं था, जिसकी मदद से नवजात की तबीयत बिगड़ने की जानकारी डॉक्टरों तक पहुंचा सके. जिसके कारण उसे एसएनसीयू तक जाना पड़ा. हालांकि बताया जा रहा है कि सुरक्षाकर्मी तैनात था, लेकिन उसने ठंड से बचने वर्दी के ऊपर जैकेट पहना था. जिसके चलते प्रसूता पहचान नहीं सकी.


मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉ. अनमोल मिंज ने बताया कि नवजात की मौत हुई है. इस संबंध में पीड़ित परिवार से पत्र प्राप्त हुआ है. मामले में जांच के लिए विशेषज्ञों की पांच सदस्यीय टीम गठित करते हुए दस दिवस के भीतर रिपोर्ट देने कहा गया है. जांच में दोषी पाए जाने पर कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.


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