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Surguja News: अपात्र किसानों को बांट दी गई PM किसान सम्मान निधि की राशि, अब नहीं हो पा रही वसूली
Surguja PM Kisan Samman Nidhi: कृषि विभाग के सहायक संचालक एमआर भगत का कहना है कि हमने जब जांच किया, स्टॉफ ने सर्वे किया तो पाया गया कि कोई किसान सर्विस कर रहा है, वहीं कोई किसान कुछ और कर रहा है.
Surguja PM Kisan Samman Nidhi: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सरगुजा (Surguja) जिले में पीएम किसान सम्मान निधि (PM Kisan Samman Nidhi) का लाभ अपात्रों को दे दिया गया है. ऐसे में अब करीब दो हजार किसानों से ढाई करोड़ की वसूली करने के लिए कृषि विभाग अपात्रों को ढूंढने में लगा हुआ है. वर्तमान में करीब 20 किसानों से महज 1 लाख 60 हजार की रिकवरी हो चुकी है. दरअसल किसानों को आर्थिक सहयोग देने के लिए केंद्र सरकार की ओर से पीएम किसान सम्मान निधि का वितरण किया गया. इसके तहत किसानों को एक इंस्टॉलमेंट में दो हजार की राशि दी गई, लेकिन सरगुजा में किसान नहीं, बल्कि अपात्र लोग इस योजना से लाभान्वित हो रहे हैं.
अपात्र लोगों को 11 इंस्टॉलमेंट दे दिए गए, जिसकी भनक तक कृषि विभाग को नहीं हुई. जानकारी के अनुसार 11 इंस्टॉलमेंट में दिए गए रकम की संख्या दो करोड़ 50 लाख रुपये के करीब है और इनमें से 711 ऐसे किसान थे, जो इनकम टैक्स पेयी थे, जिन्हें कृषि विभाग ने 59 लाख रुपये बांट दिए. यही नहीं जिले के 1396 ऐसे लोग हैं, जो किसान है ही नहीं! उन्हें विभाग ने एक करोड़ 89 लाख रुपये की भारी भरकम राशि जारी भी कर दी. ऐसे में अब जब इस गड़बड़ी का खुलासा हुआ है तो हजारों किसानों को करोड़ों की राशि बांटने वाले कृषि विभाग की नींद खुली है और वसूली की कार्रवाई की जा रही है. कुछ किसान कृषि विभाग को ढूंढने पर भी नहीं मिल रहे हैं. इस वजह से गड़बड़ी सोच समझकर किए जाने की आशंका जन्म ले रही है.
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बदल दिया गया कई किसानों का अकाउंट नंबर
आपको बता दें कि पहले पीएम किसान सम्मान निधि में पंजीयन बाहर से भी हो जाता था, जिसमें उन लोगों ने भी पंजीयन करा लिया जो किसान थे ही नहीं! इसके अलावा कई मामलों में किसान के अकाउंट नंबर को बदल दिया गया. ऐसे में अब कृषि विभाग अपात्र किसानों की तलाश कर रहा है, लेकिन अब तक महज एक लाख साठ हजार की ही वसूली हो सकी है. शेष वसूली हो पाएगी या नहीं, इस पर भी संशय बरकरार है. यहां सरगुजा जिले में पीएम किसान निधि के जरिए किसानों की माली हालत में सुधार करना था, लेकिन जिले में अपात्रों ने रकम ले लिया. ऐसे में करोड़ों की रिकवरी कैसे हो सकेगी? इस पर सवाल बना हुआ है. सवाल ये भी उठ रहा है कि इतनी बड़ी लापरवाही का जिम्मेदार कौन होगा?
कोई किसान कर रहा है सर्विस तो कोई कुछ और
कृषि विभाग के सहायक संचालक एमआर भगत का कहना है कि हमने जब जांच किया, स्टॉफ ने सर्वे किया तो पाया गया कि कोई किसान सर्विस कर रहा है, वहीं कोई किसान कुछ और कर रहा है. ऐसे में सर्वे कर अपात्र घोषित किया. जिले में 1396 अपात्र किसान हैं. उन्होंने आगे बताया कि अपात्र किसानों को एक करोड़ नवासी लाख अट्ठासी हजार पैसा मिल चुका है. उसमें से मात्र सोलह हजार वसूली की है. उन्होंने आगे बताया कि टैक्स पे किसान 711 हैं. इस गड़बड़ी पर उन्होंने कहा कि पहले किसान स्वयं पंजीयन करा रहा था और पंजीयन कराकर शासन से पैसा ले लिया. राजस्व विभाग से सहयोग लिया जा रहा है. पटवारी से कह रहे हैं कि अपात्र किसान हैं, टैक्स पेयी हैं, हमको वसूली की कार्रवाई करने के लिए प्रोत्साहन करें. हम वसूली कर रहे हैं, शासन का निर्देश है. अगर वसूली नहीं हो पाती है तो शासन क्या कार्रवाई करेगी, ये उनके ऊपर है.
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प्रफुल्ल सारडा,राजनीतिक विश्लेषक
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