Chhattisgarh Latest News: देश की आजादी के 75 साल बाद पहली बार इस अबूझमाड़ के सैकड़ों किसान सरकारी धान खरीदी केंद्रों में अपना धान बेचने आए. दरअसल  घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने की वजह से विकास से अछूते इस इलाके के ग्रामीण सरकारी धान खरीदी केंद्रों में कभी अपना धान बेचने नहीं आ पाये, लेकिन पहली बार प्रशासन की पहुंच और यहां मसाहती किसानों के सर्वे के बाद बकायदा यहां के लगभग 2 हजार किसान पहली बार अपना धान बेचने खरीदी केंद्रों में पहुंच रहे हैं. सरकार द्वारा समर्थन मूल्य में धान खरीदी करने से किसानों के चेहरे खुशी से खिल उठे है.


75 साल बाद पहली बार सरकार को बेचा अपना धान


 दरअसल छत्तीसगढ़ राज्य का अबूझमाड़ क्षेत्र घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र है, जिस वजह से यहां कभी प्रशासन और पुलिस की टीम नहीं पहुंच सकी थी, लेकिन पिछले एक साल से प्रशासन की टीम धीरे-धीरे इस क्षेत्र में पहुंच रही है और किसानों को शासन की विभिन्न योजनाओं का  लाभ पहुंचा रही है.




समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी मैदानी क्षेत्रों के लिए भले सामान्य बात होगी, लेकिन अबूझमाड़ के किसानों के लिए यह एक त्यौहार की तरह है. सरकारी धान खरीदी इन किसानों के लिए एक अलग उम्मीद की किरण लेकर आयी है. अबूझमाड़ के 2 हजार 193 किसान मसाहती खसरा मिलने के बाद पहली बार अपना धान बेचने पहुंच रहे हैं. बासिंग गांव के धान खरीदी केन्द्र में सबसे पहले धान बेचने  आये कुरूसनार गांव के किसान महतूराम दुग्गा ने बताया कि जमीन का पट्टा मिलने से क्षेत्र के किसानों में खुशी देखने को मिल रही है.


मसाहती पट्टा बनने के बाद अब किसान अपने उगाए धान को पहली बार सरकार की धान खरीदी केंद्रों में  बेच रहे है, वहीं किसान महतूराम ने बताया कि वह अपने खेत में उगाने वाले फसल को खाने के साथ सरकार को भी बेच रहे है. पिछले 5 दशकों से जो फसल उगाते थे उसे ओने पौने दामों में छोटे हाट बाजारों और बिचौलियों को बेच देते थे, लेकिन अब  वे अपने धान को शासन द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य पर धान खरीदी केन्द्रों में आकर बेच रहे है, जिससे उन्हें उनकी फसल का सही दाम मिल पा रहा है, किसान


महतूराम दुग्गा ने बताया कि उसने अपने 3 एकड़ खेत में धान की फसल लगायी थी, जिससे लगभग 12 क्विंटल धान की उपज हुई है,  महतूराम ने बताया कि क्रेडा विभाग द्वारा उसके खेत में सौर ऊर्जा चलित बोर खनन किया गया है, वहीं क्षेत्र के अन्य किसानों  ने कहा कि अगर उनके खेत में फेसिंग हो जाये तो  वह और अधिक बेहतर ढंग से खेती-किसानी का काम कर सकेंगे.


लगभग 2 हजार किसानों के खरीद रहे धान


 नारायणपुर के कलेक्टर ऋतुराज रघुवंशी का कहना है कि आजादी के 75 साल बाद पहली बार अबूझमाड़ इलाके के किसान अपनी धान की बिक्री करने केंद्रों तक पहुंच रहे हैं. इससे पहले किसान जो  भी धान उगाते  थे उसे अपने खाने के लिए और गांव के अंदर लगने वाले छोटे-छोटे बाजारों में और बिचौलियों को औने पौने दाम में बेच देते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. अबूझमाड़ क्षेत्र के सैकड़ो  किसानों का पंजीयन करा लिया गया है और अब उनके धान समर्थन मूल्य में खरीदे जा रहे हैं, जिसके चलते क्षेत्र के किसानों में काफी खुशी भी देखने को मिल है.


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