Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बस्तर में मौजूद कांगेर वैली नेशनल पार्क में ग्लास ब्रिज बनाया जाएगा. जिसके लिए पुणे की एक कंपनी द्वारा सर्वे किया गया है. वॉटरफॉल के परिसर में 6 करोड़ की लागत से ग्लास ब्रिज बनाने के लिए इस्टीमेट भी तैयार कर लिया गया है. दरअसल वन विभाग ने बस्तर की जान कहे जाने वाली तीरथगढ़ वाटरफॉल में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ग्लास ब्रिज बनाने की योजना तैयार की थी. 


ग्लास ब्रिज से तीरथगढ़ वाटरफॉल को करीब से देख पाएंगे पर्यटक
ग्लास ब्रिज तीरथगढ़ वाटरफॉल के बिल्कुल सामने होगा और इस ब्रिज के माध्यम से खूबसूरत जलप्रपात तीरथगढ़ को पर्यटक नजदीक से देख पाएंगे. बारिश के मौसम में तीरथगढ़ जल प्रपात अपने रौद्र रूप में नजर आता है. उस वक्त पर्यटक इसे करीब से देखना तो चाहते है. लेकिन खतरे की वजह से वाटरफॉल के करीब जाने से फारेस्ट गार्डस के द्वारा रोक लगा दी जाती है. ग्लास का ब्रिज बन जाने से पर्यटक बारिश के समय मे भी तीरथगढ़ को करीब से इस ब्रिज के माध्यम से देख पाएंगे.


6 से 7 करोड़ की लागत से बनेगा ग्लास ब्रिज
बता दें कि तीरथगढ़ वाटरफॉल में कई दफा पर्यटक फंस भी चुके हैं, जिन्हें हेलीकॉप्टर के माध्यम से रेस्क्यू कर निकाला गया. ग्लास ब्रिज बनने के बाद पर्यटक सुरक्षित तीरथगढ़ जलप्रपात का लुफ्त उठा पाएंगे. बताया जा रहा है कि यह ब्रिज 6 से 7 करोड़ की लागत से बनाई जाएगी. 2025 तक यह ब्रिज बनकर तैयार हो जाएगा और वाइल्डलाइफ पर्यटकों के लिए सौंप देगा. हालांकि इस ब्रिज से तीरथगढ़ का लुफ़्त उठाने वाले पर्यटकों को टिकट लेना होगा. टिकट का दर अभी वन विभाग के अधिकारियों द्वारा तय नही किया गया है.


साल 2025 तक बनकर तैयार होगा ग्लास ब्रिज
बस्तर के मुख्य वन संरक्षक राजेश पांडे का कहना है कि तीरथगढ़ वाटरफॉल में ग्लास का ब्रिज बन जाने से बस्तर में पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या और बढ़ेगी. सीसीएफ ने बताया कि यह ब्रिज लगभग 160 से 175 मीटर लंबी होगा.  यह ब्रिज छत्तीसगढ़ का पहला ग्लास ब्रिज होगा.  भारत में कुछ ही जगहों पर ग्लास ब्रिज बनाया गया है. जिसमें अब छत्तीसगढ़ का बस्तर भी इसमें शामिल होगा. साल 2025 के दिसंबर माह तक यह ब्रिज पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगा, जल्द ही इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा. सीसीएफ का मानना है कि इस ब्रिज के बनने से तीरथगढ़ घूमने आने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी, जिससे स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिल सकेगा.


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