Bastar News Today: छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में बीते कुछ दिनों से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने जमकर तबाही मचाई है. ग्रामीण अंचलों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं. कई गांवो का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है.इंद्रावती नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. 


लगातार बारिश की वजह से इंद्रावती नदी डेंजर लेवल पर पहुंच गई है. जिससे निचली बस्तियों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है. सबसे ज्यादा बीजापुर में बारिश ने तबाही मचाई है. पूरे बस्तर संभाग में सबसे ज्यादा बीजापुर रिकॉर्ड बारिश दर्ज की गई है. इसकी वजह से बाढ़ जैसे हालात यहां बने हुए हैं.


जिला मुख्यालय से टूटा संपर्क
यहां के 40 से अधिक गांव का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है. इसके अलावा आश्रमों और स्कूलों में भी बारिश का पानी भर गया है. नक्सल मोर्चे पर तैनात जवानों के कई कैंप में भी बारिश का पानी भरता जा रहा है. बीजापुर के अलावा कांकेर जिले में भी लगातार बारिश की वजह से नदी नाले उफान पर है. 


जानकारी के मुताबिक, चवेला और खंडी नदी उफान पर हैं. जिससे कांकेर मुख्यालय का दुर्गकोंदल और भानुप्रतापपुर इलाके से संपर्क टूट गया है. अभी भी यहां लगातार बारिश हो रही है, जिससे परेशानी और अधिक बढ़ने की संभावना जताई जा रही है. 


बैक वाटर से बाढ़ का खतरा
इसके अलावा छत्तीसगढ़ को तेलंगाना और उड़ीसा से जोड़ने वाले नेशनल हाईवे पर भी पानी भर जाने की वजह से आवागमन प्रभावित है. हालांकि गोदावरी नदी का बैक वाटर अभी छत्तीसगढ़ की ओर नहीं आने से राहत की स्थिति है. 


गोदावरी नदी भरने से बैक वॉटर छत्तीसगढ़ की सुकमा की ओर आता है, तो एक बार फिर से कोंटा ब्लॉक बाढ़ से प्रभावित हो सकता है. फिलहाल यहां भी बाढ़ आने की संभावना को देखते हुए पूरी तरह से अलर्ट जारी किया गया है.


सुकमा बीजापुर में घरों में घुसा पानी
बारिश से सबसे ज्यादा बुरा हाल दक्षिणी बस्तर का है. बीजापुर और सुकमा में भारी बारिश की वजह से 100 से अधिक घरों में पानी भर गया है. कई सड़के जलमग्न हो गई हैं, जिससे आवागमन प्रभावित हो गया है और चारों तरफ पानी पानी नजर आ रहा है. 


SDRF और आपदा प्रबंधन अलर्ट
उड़ीसा के कोलाब डैम से इंद्रावती नदी का गेट खोला जाता है तो बस्तर जिले के आधे से ज्यादा इलाका बाढ़ से प्रभावित होगा. हालांकि अब तक गेट खोलने की जानकारी नहीं मिली है, लेकिन बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ के साथ-साथ उड़ीसा में भी भारी बारिश हो रही है. ऐसे में कभी भी कोलाब डैम का गेट खोला जा सकता है. 


जगदलपुर शहर में भी कई वार्ड में जल भराव की समस्या से लोगों को काफी परेशानी हो रही है. सुकमा, बीजापुर, बस्तर, नारायणपुर और कांकेर जिले के कलेक्टर का कहना है कि भारी बारिश को देखते हुए SDRF की टीम और बाढ़ आपदा प्रबंधन को पूरी तरह से अलर्ट किया गया है. 


इंद्रावती नदी उफान पर
सबसे अच्छी बात है कि बाढ़ से कहीं भी जनहानि होने की शिकायत नहीं मिली है. समय रहते निचली बस्तियों और डुबान क्षेत्र के रहवासियों को खाली कराकर शिविरों में भेजा जा रहा है. साथ ही 24 घंटे जल स्तर पर निगरानी रखी जा रही है. इंद्रावती नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. जिससे पुराना पुल पूरी तरह से डूब गया है.


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