Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में मानव-हाथी संघर्ष को रोकने के लिए महासमुंद जिले में वन विभाग द्वारा जन जागरूकता अभियान 'गजयात्रा' शुरू की गई है. यह गजयात्रा 2021 से चलाई जा रही है, जिसमें ग्रामीणों को हाथियों से बचने का उपाय बताया जाता है. इसमें वनरक्षक अपनी टीम के साथ गांव-गांव जाकर चौपाल लगाकर ग्रामीणों को हाथी से बचने का उपाय बता रहे हैं.


वन विभाग की टीम प्रोजेक्टर में फिल्म दिखाकर और लोगों से चर्चा कर ग्रामीणों को हाथियों के व्यवहार और सुरक्षा के उपायों को समझा रही है. गजयात्रा टीम ग्रामीणों को हाथी की सामान्य भाषा और शैली में गीतों और कहानियों के माध्यम से हाथियों के प्रति संवेदनशील बनाने का सफल प्रयास कर रहे हैं.  वहीं वन रेंज अधिकारी प्रत्यूष तांडेय ने गज यात्रा को लेकर बताया कि यह गज यात्रा 2021 में शुरु की गई थी. यह यात्रा तीन चरणों में की जाती है.






तीन चरणों में होती है गज यात्रा
प्रत्यूष तांडेय ने आगे बताया कि इसमें पहले चरण में हम प्रभावित गांवों के स्कूलों का दौरा करते हैं और स्कूली बच्चों और शिक्षकों से बातचीत करते हैं और उन्हें हाथियों के व्यवहार के बारे में समझाते हैं. दूसरे चरण में हाट-बाजार लगाए जाते हैं, जिसके माध्यम से लोगों को मानव-हाथी मुठभेड़ के दौरान उठाए जाने वाले कदमों के बारे में जागरूक किया जाता है.


वहीं तीसरे चरण में जागरूकता फैलाने के लिए फिल्में दिखाई जाती हैं. अभी तक हमने महासमुंद जिले में 8 हजार 910 गांवों में गज यात्रा की है. वहीं 23 हजार से ज्यादा गांवों के लोगों को गज यात्रा से लाभ मिला है. उन्होंने आगे बताया कि जब से गज यात्रा शुरू हुई है, तब से सिर्फ एक घटना हाथी से संबंधित घटित हुई है.



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