Chhattisgarh: वनमंत्री ने बारिश में वृक्षारोपण कार्यक्रम की समीक्षा की, अधिकारियों को दिए ये निर्देश
Durg News: छत्तीसगढ़ के वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने वर्षा ऋतु को देखते हुए अधिकारियों की बैठक लिया.उन्होंने वनमण्डला अधिकारियों को अपने क्षेत्र में बाड़ें तादात में वृक्षारोपण के लिए निर्देश दिए हैं.
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Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़(Chhattisgarh) के वन मंत्री मोहम्मद अकबर (Mohammad Akbar) ने नवा रायपुर के अरण्य भवन में इस साल वर्षा ऋतु (Rainy Season) में किए जाने वाले वृक्षारोपण कार्यक्रम की समीक्षा की. उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वर्षा ऋतु 2023 में किए जाने वाले वृक्षारोपण के दौरान प्राथमिकता से ज्यादा से ज्यादा फलदार पौधे लगायें जाए एवं साथ ही नदी तट रोपण को विशेष प्राथमिकता दी जाए.
वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने अधिकारियों को दिए यह निर्देश
उन्होंने वनमण्डला अधिकारियों को अपने क्षेत्र में बड़े तादात में वृक्षारोपण के लिए व्यापक कार्ययोजना के तहत कार्य करने के निर्देश दिए हैं. वन मंत्री ने वन क्षेत्रों के अंदर, बाहर पौध रोपण तथा इस वर्ष विभिन्न योजनाओं के तहत किए जाने वाले वृक्षारोपण के संबंध में अधिकारियों से विस्तार से जानकारी ली. इस साल 2023 में कृष्ण कुंज में वृक्षारोपण का लक्ष्य, मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना, नदी तट वृक्षारोपण और सड़क किनारे वृक्षारोपण कार्यक्रम की समीक्षा की. नर्सरी में उपलब्ध सभी प्रजातियों के पौधों को निःशुल्क देने व शासन के योजनाओं के अनुरूप वन क्षेत्र का विस्तार करने के निर्देश दिए.
पिछले 4 सालों में इन नदियों में लगाए गए इतने पौधे
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मंशा अनुरूप नदी तट के किनारे वृक्षारोपण करना है. इसके तहत पिछले वर्षों की भांति वर्षा ऋतु में भी प्रदेश की हसदेव, गागर, बांकी, बुधरा, बनास, जमाड़, महानदी, शिवनाथ तथा खारून नदियों के तटों पर करीब 381 हेक्टेयर में लगभग 4 लाख 18 हजार 622 पौधों का रोपण किया जाएगा. जो न सिर्फ मृदा कटाव को रोकेगा, साथ ही छायादार, फलदार एवं अन्य बहुउद्देश्यों की पूर्ति भी भविष्य में स्थानीय नागरिकों की आवश्यकता के अनुरूप होगी.
छत्तीसगढ़ में चलाई जा रही है मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना
अधिकारियों ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री एवं वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग मंत्री के निर्देशों पर विभाग द्वारा अनूठी पहल करते हुए मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना इस वर्ष से प्रारंभ की जा रही है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य कृषकों एवं अन्य हितग्राहियों के निजी भूमि पर वाणिज्यिक प्रजातियों के वृक्षारोपण. सहयोगी संस्था और निजी कम्पनियों की सहभागिता की स्थिति में उक्त प्रजातियों के वृक्षों का वापस खरीद सुनिश्चित करना.
चयनित प्रजातियों के लिए प्रति वर्ष न्यूनतम क्रय मूल्य का निर्धारण करते हुए उनके आय में बढ़ोत्तरी करना. काष्ठ एवं प्लाईवुड आधारित उद्योगों को बढ़ावा देते हुए अतिरिक्त कर के रूप में शासन के राजस्व में वृद्वि लाना. रोजगार सृजन करना, वृक्षारोपण कार्य में सहयोगी संस्थाओं की सहभागिता से शासन के वित्तीय भार को कम करना है.
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