Mahadev Betting App Case: लोकसभा चुनाव से महादेव ऑनलाइन सट्टा ऐप मामले में ईडी ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है. जिससे प्रदेश सियासी हलचल तेज हो गई है. आगामी लोकसभा चुनाव में राजनांदगांव से लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार भूपेश बघेल के खिलाफ छत्तीसगढ़ राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो( EOW) और एंटी करप्शन ब्यूरो ( ACB) ने एफआईआर दर्ज किया है.
ईओडब्ल्यू ने ईडी की रिपोर्ट के आधार पर बीते 4 मार्च को आईपीसी की धारा के तहत धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और जालसाजी सहित कुल 7 धाराओं में एफआईआर दर्ज किया है. इस मामले में 19 नामजद सहित संबंधित ब्यूरोक्रेट्स, पुलिस अधिकारियों, ओएसडी और अज्ञात व्यक्तियों को भी आरोपी बनाया गया है. एफआईआर में बताया गया है कि ईडी के प्रतिवेदन, साथ में संलग्न दस्तावेज और पूर्व में प्रेषित किए गए प्रतिवेदन, प्रोविजनल अटैचमेंट ऑर्डर और अन्य दस्तावेजों की जांच में कई महत्वपूर्व जानकारी मिली है.
लॉकडाउन में हर महीने कमाए 450 करोड़ रुपये
इसमें बताया गया है कि महादेव बुक ऐप के प्रमोटर्स रवि उप्पल, शुभम सोनी, सौरभ चंद्राकर, अनिल कुमार अग्रवाल द्वारा विभिन्न लाइव गेम्स में अवैध सट्टेबाजी के लिए ऑफलाइन सट्टेबाजी के स्थान पर विकल्प के रूप में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का निर्माण किया. इसके लिए व्हाट्सऐप, फेसबुक, टेलीग्राम जैसे माध्यम से विभिन्न वेबसाइट के जरिए सट्टा खेलने के लिए ऑफर किया जाने लगा. एफआईआर में बताया गया है कि प्रमोटर्स ने ऑनलाइन बेटिंग के लिए विभिन्न प्लेटफार्म तैयार कर पैनल ऑपरेटरों, ब्रांच संचालकों के माध्यम से ऑनलाइन बेटिंग जैसे अपराधिक कृत्य का संचालन किया गया.
इस अवैध कमाई से लगभग 70 से 80 फीसदी राशि खुद के पास रखकर शेष राशि पैनल ऑपरेटर को सौंप द गई. ऑनलाइन बेटिंग ऐप के संचालन से प्रमोटर्स और ऑनलाइन बेटिंग ऐप से जुड़े पैनल ऑपरेटर्स चेकर्स और उनके साथियों ने ऑनलाइन सट्टा के माध्यम से अकूत संपत्ति अर्जित की है. साल 2020 में लॉकडाउन के बाद ऑनलाइन सट्टा के जरिये महादेव ऑनलाइन सट्टा ऐप के अधिकारियों और उनके साथियों ने 450 करोड़ रुपये प्रति माह से अधिक अवैध आय अर्जित की.
19 लोगों के खिलाफ नामजद FIR
इस मामले में कुल 19 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज किया गया है. जिसमें रवि उप्पल, शुभम सोनी, चंद्रभूषण वर्मा, असीम दास, सतीश चंद्राकर, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, नीतीश दीवान, सौरभ चंद्राकर, अनिल कुमार अग्रवाल, विकास छापरिया, रोहित गुलाटी, विशाल आहूजा, धीरज अहूजा, अनिल कुमार दमानी, सुनील कुमार दमानी, भीम सिंह यादव, हरिशंकर तिबरवाल, सुरेंद्र बागड़ी, सूरज चोखानी और संबंधित ब्यूरोक्रेट्स, पुलिस अधिकारी, ओएसडी और अज्ञात व्यक्तियों के नाम भी सामने आए हैं. जिनके खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है.
FIR पर भूपेश बघेल ने क्या कहा?
महादेव बेटिंग ऐप मामले में एफआईआर में नाम जोड़े जाने को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने एफआईआर की तकनीकी पहलुओं पर सवाल खड़े करते हुए कहा, "एफआईआर विशुद्ध रुप से राजनीति से प्रेरित है." भूपेश बघेल ने आरोप लगाते हुए कहा, "बीजेपी ने मान लिया है कि वह राजनांदगांव सीट से हार रही है, इसलिए राजनीतिक प्रतिशोध के चलते उनका नाम डाला गया है."
भूपेश बघेल ने बीजेपी की केंद्र और प्रदेश सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा, "क्या यही मोदी की गारंटी है? विष्णुदेव साय के सुशासन में तो सट्टा सांय-सांय चल रहा है." राजीव भवन में चर्चा के दौरान पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने सवाल उठाते हुए कहा, "जब एफआईआर के संक्षिप्त विवरण में मेरे नाम का जिक्र तक नहीं है, तो जबरिया नाम कैसे डाला गया?" उन्होंने कहा कि अपराधियों के जिन बयानों को ईडी ने आधार बनाया है, उसकी कोई विश्वसनीयता नहीं है. छापे डलवा कर चंदा लेने वाली बीजेपी किस मुंह से भ्रष्टाचार की बात करती है. एफआईआर में जिस तरह से नाम शामिल किया गया है वह कानूनी तौर पर पूरी तरह से गलत है.
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