Chhattisgarh News: पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने पुलिस को कहे अपशब्द, फिर वीडियो जारी कर लगाया मारपीट का आरोप
पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने पुलिस को अपशब्द कहे और फिर वीडियो जारी कर पुलिस पर मारपीट का भी आरोप लगाया है. यहां जानें पूरा मामला.
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के दौरे पर हंगामा हो गया है. पहले सिंधिया के काफिले पर कांग्रेस के काला झंडा दिखाने की कोशिश पर बीजेपी और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच जमकर हंगामा हुआ. इसके बाद पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने पुलिस को अपशब्द कहे. इन मामलों से राजधानी में माहौल गर्म है. इसके बाद बड़ी संख्या में पुलिस ने राजेश मूणत और एक बीजेपी कार्यकर्ता को हिरासत में लिया है. वहीं अब राजेश मूणत ने पुलिस पर मारपीट करने का आरोप लगाया है. इसका वीडियो भी सामने आया है जिसमें राजेश मूणत कह रहे हैं कि उनके साथ मारपीट की गई है. इससे बीजेपी के कार्यकर्ता नाराज हो गए हैं. बीजेपी ने इस गिरफ्तारी के खिलाफ थाने में प्रदर्शन किया है.
राजेश मूणत ने पुलिस को कहे अपशब्द
गौरतलब है कि एयरपोर्ट से सिंधिया बीजेपी कार्यालय जा रहे थे. इसी बीच वीआईपी रोड में कांग्रेस के कार्यकर्ता काले झंडे दिखाने की तैयारी में थे. इस पर बीजेपी और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई तो पुलिस ने दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं को शांत कराया. मामला इतने में नहीं थमा. आगे जेल रोड पर पूर्व मंत्री राजेश मूणत और उनके कार्यकर्ता मौजूद थे. जहां राजेश मूणत ने सीटी एएसपी तारकेश्वर पटेल को गुस्से में अपने 15 साल की बीजेपी सरकार की पावर को बता डाला. इसके बाद अपशब्दों का इस्तेमाल किया.
काला झंडा दिखाने का आरोप कांग्रेस ने नकारा
संसदीय सचिव विकास उपाध्याय ने बताया कि कांग्रेस का कोई कार्यकर्ता काला झंडा दिखाने नहीं गया था. हमारे शीर्ष नेतृत्व ने माना किया तो हमने काला झंडा नहीं दिखाया. राजेश मूणत अपशब्द का इस्तेमाल कर रहे थे. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी के एक कार्यकर्ता ने पुलिस के साथ मारपीट की है. वहीं छत्तीसगढ़ कांग्रेस के संचार विभाग प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने बताया कि कांग्रेस का कोई भी नेता काला झंडा दिखाने नहीं गया था. कल हमने सभी नेताओं को सूचित कर दिया था. पूर्व मंत्री राजेश मूणत द्वारा पुलिस को अपशब्द कहने पर बोले कि बीजेपी की उदंडता है. रस्सी जल गई लेकिन ऐठन नहीं गया है. 15 साल सत्ता में रहे हैं. उसके बाद भी ऐसी घटना दुर्भाग्यजनक है. कानूनी रूप से दंड दिया जाना चाहिए.
क्यों हुआ हंगामा
छत्तीसगढ़ की राजनीति में बीजेपी और कांग्रेस पार्टी में राष्ट्रीय नेतृत्व के नेताओं को काले झंडे दिखाने की परंपरा पनप रही है. 3 फरवरी को पहले राहुल गांधी के दौरे पर भाजयुमो ने काले झंडे दिखाने की कोशिश की इसके जवाब में बीजेपी के केंद्रीय मंत्री के दौरे पर कांग्रेस ने काले झंडे दिखाने का एलान किया था.
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