Chhattisgarh Foundation Day: देश के 26वें राज्य छत्तीसगढ़ का आज राज्य स्थापना दिवस है. छत्तीसगढ़ ने अपना 22 साल का सफर पूरा कर लिया. इस राज्य का गठन 1 नवंबर 2000 को मध्य प्रदेश से अलग कर किया गया था, ये मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) का करीब 30 फीसदी हिस्सा है. मध्य प्रदेश के दक्षिण-पूर्व के हिस्से को अलग कर छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण किया गया है.  जानिये छत्तीसगढ़ की कहानी और इस 22 साल में यहां क्या-क्या बदला.


22 साल में 17 नए जिले का गठन हुआ


छत्तीसगढ़ राज्य 1 नवंबर 2000 को अस्तित्व में आया. राज्य गठन के समय 5 संभाग में 16 जिले हुआ करते थे. अब जिलों की संख्या दुगने से ज्यादा हो गए हैं. इस साल 5 नए जिले गठन के बाद राज्य में कुल जिलों की संख्या 33 हो गई है. इससे राज्य की प्रशासनिक कसावट मजबूत होते जा रही है. 1956 में मध्य प्रदेश का गठन हुआ तब राज्य में केवल 6 जिले अस्तित्व में थे. इसमें सरगुजा, बिलासपुर, रायगढ़, दुर्ग, रायपुर और बस्तर वर्तमान छत्तीसगढ़ राज्य के हिस्से में थे.


इसके बाद 1973 में 1 जिला राजनांदगांव, 1998 में 8 नए जिले का गठन किया गया. इसमें सरगुजा जिले से कोरिया, बिलासपुर से कोरबा और जांजगीर-चांपा, रायगढ़ से जशपुर, रायपुर से धमतरी और महासमुंद और बस्तर से कांकेर और दंतेवाड़ा नए जिले बनाए गए.


2007 में बस्तर जिले का विभाजन करके एक नया जिला नारायणपुर और दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा जिले का विभाजन करके नया जिला बीजापुर का गठन किया गया. 2012 में राज्य में 9 नये जिलों का गठन किया गया फिर सीधे 2020 में 1 जिले का गठन हुआ और 2022 में 5 नए जिलों का गठन किया गया.


22 साल में छत्तीसगढ़ के 3 मुख्यमंत्री


22 साल के छत्तीसगढ़ में केवल 3 मुख्यमंत्री बने हैं. इसमें सबसे पहले अजीत प्रमोद जोगी राज्य के पहले मुख्यमंत्री के रूप में 1 नवंबर 2000 में शपथ लिए और 5 दिसंबर 2003 तक इनका कार्यकाल चला. साल 2003 दिन के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने राज्य में सरकार बनाई और मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को बनाया गया. जिनका कार्यकाल 15 साल तक चला. रमन 2003 से 2018 तक सत्ता की कुर्सी पर बैठे रहे. इसके बाद 17 दिसंबर 2018 से अब तक भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री हैं.


कौन है ये तीनों मुख्यमंत्री?


छत्तीसगढ़ की राजनीति में 3 प्रमुख चेहरे हैं जिन्होंने इस जमीन से राष्ट्रीय स्तर पर अपनी आवाज बुलंद की है. आईपीएस से आईएएस और फिर मुख्यमंत्री बनने वाले राज्य के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी का राजनितिक वर्चस्व बहुत बड़ा था. वो कांग्रेस पार्टी से अलग होने के बाद भी खुद के दम में चुनाव लड़े और 5 विधानसभा सीट में जीत दर्ज किया.


डॉ रमन सिंह यानी चावल बाबा, इस नाम से पूरे प्रदेश में डॉ रमन को लोग जानते है. ये पहचान देश में तब बड़ा हो गया जब 2013 में बीजेपी को राज्य में तीसरी बार रमन ने जीत दिलवाई और तीसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने. वहीं अब छत्तीसगढ़ के वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की राजनीति संघर्ष ने उनका कद बड़ा बना दिया है.


झीरम हमले के बाद पार्टी में जान फूंकने वाले नेताओं में से बड़े चेहरे के रूप में भूपेश बघेल को देखा जाता है. उनका पार्टी के भीतर कद बढ़ता ही जा रहा है. यही कारण है की भूपेश बघेल को यूपी, असम और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव का सीनियर ऑब्जर्वर बनाया गया.


छत्तीसगढ़ में कितने संभाग एयर कनेक्टिविटी से जुड़े 


22 साल के छत्तीसगढ़ में तेजी से विकास हो रहा है. इसका सबसे बड़ा उदाहरण कनेक्टिविटी है. छत्तीसगढ़ में पहली बार रायपुर में 2012 से हवाई सफर शुरू हुआ. स्वामी विवेकानंद के नाम से रायपुर के माना कैंप के पास एयरपोर्ट है. इसके बाद बस्तर को हवाई सेवा से जोड़ा गया. जगदलपुर में यहां की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी के नाम से एयरपोर्ट का नामकरण किया गया.


वहीं पिछले साल ही मार्च महीने में बिलासपुर भी हवाई कनेक्टिविटी से जुड़ गया. बिलासपुर एयरपोर्ट का नामकरण बिलासा देवी केंवट के नाम से किया गया. इसके अलावा सरगुजा संभाग को हवाई कनेक्टिविटी से जोड़ने की तैयारी चल रही है. अंबिकापुर में भी एयरपोर्ट शुरू हो जाने के बाद केवल दुर्ग संभाग बचेगा, बाकी सभी संभागों में हवाई मार्ग से जुड़ गए हैं.


छत्तीसगढ़ में 16 यूनिवर्सिटी है


छत्तीसगढ़ में 16 यूनिवर्सिटी हैं जिसमें से एक केंद्रीय यूनिवर्सिटी है. सबसे पुराना यूनिवर्सिटी इंदिरा कला एवं संगीत यूनिवर्सिटी 1956 से संचालित है. देश विदेश के संगीत प्रेमी यहां पढ़ाई करने आते हैं. इसके बाद 1964 में पंडित रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी की शुरुआत हुई. गुरुघासीदास केंद्रीय यूनिवर्सिटी की शुरुआत 1983 में किया गया. इसके 4 साल बाद इंदिरा गांधी कृषि यूनिवर्सिटी 1987 में शुरू हुआ.


ये 12 यूनिवर्सिटी 22 साल में खुले


राज्य के गठन के बाद यहां 12 यूनिवर्सिटी खुले हैं. इसमें हिदायतुल्लता राष्ट्रीय विधि यूनिवर्सिटी 2003 में प्रारंभ हुआ. पंडित सुंदर लाल शर्मा (मुक्ता) यूनिवर्सिटी की शुरुआत 2005 में हुई. इसी साल 2005 में 2 और यूनिवर्सिटी की शुरुआत हुई. इसमें एक कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता यूनिवर्सिटी और छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी यूनिवर्सिटी में पढ़ाई शुरू हो गई. शहीद महेंद्र कर्मा यूनिवर्सिटी 2008 में खोला गया.


इसी साल 2 और यूनिवर्सिटी सरगुजा में संत गहिरागुरू और रायपुर में पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति, स्वास्थय विज्ञान एवं आयुष यूनिवर्सिटी खोले गए . 2012 में अटल बिहारी वाजपेयी और दाऊ श्री वासुदेव चंद्राकर कामधेनु यूनिवर्सिटी खोले गए. इसके बाद 2015 में दुर्ग जिले में हेमचंद यादव यूनिवर्सिटी खोला गया फिर 2020 में दो और यूनिवर्सिटी खोले गए. एक महात्मा गांधी उद्यानिकी और वानिकी और शहीद नंदकुमार पटेल यूनिवर्सिटी की स्थापना की गई.


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